छेडख़ानी व मारपीट के आरोपीगण को सजा, अपीलीय न्यायालय ने निम्न न्यायालय के आदेश को निरस्त किया

छेडख़ानी व मारपीट के आरोपीगण को सजा, अपीलीय न्यायालय ने निम्न न्यायालय के आदेश को निरस्त किया


राजनांदगाँव (अमर छत्तीसगढ) 27 जून। वर्ष 2017 में प्रार्थिया निवासी रेवाडीह अपने पुत्रियों के साथ वहीं के किराना स्टोर से समान लेकर अपने घर वापस आ रही थी। तभी गांव के प्रकाश साहू, देवा साहू व अन्य लोग शराब पीकर वहीं पर झुंड बनाकर खड़े थे और प्रार्थिया को देखकर अश्लील गाली गलौच करने लगे तथा प्रार्थिया के मना करने पर अभियुक्त प्रकाश साहू ने प्रार्थिया के मुँह पर ढंके कपड़े को खींच दिया और उसके दोनों हाथों को पकडक़र मोड़ दिया और अभियुक्त देवा साहू ने प्रार्थिया के सीने में हाथ रख दिया व प्रार्थिया के साथ मारपीट कर उसे जान से मारने की धमकी दिया।

प्रार्थिया की शिकायत पर थाना लालबाग द्वारा अभियुक्त प्रकाश साहू, देवानंद साहू, शेखर कुमार, सन्नी उर्फ सूर्यकान्त, दुर्गेश उर्फ राजा, अजय चौबे एवं राजेश साहू सभी निवासी रेवाडीह, पोस्ट पेण्ड्री, जिला राजनांदगांव (छ.ग.) के विरूद्ध अपराध कायम कर संपूर्ण विवेचना उपरान्त भारतीय दण्ड संहिता की धारा 354, 294, 323, 506, 147 के तहत् अभियोग पत्र विचारण हेतु न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
उक्त प्रकरण में न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, राजनांदगांव श्रीमती भावना नायक ठाकुर द्वारा घोषित निर्णय दिनांक 05.07.2022 को अभियुक्तगण प्रकाश साहू, देवानंद साहू, राजेश साहू, अजय चौबे, दुर्गेश उर्फ राजा, शेखर कुमार एवं सन्नी उर्फ सूर्यकान्त को अपराध प्रमाणित नहीं पाये जाने पर भारतीय दण्ड विधान की धारा 294, 506 भाग-2 के अपराध के आरोप से सन्देह का लाभ देकर दोषमुक्त किया गया और अभियुक्तगण प्रकाश साहू एवं देवानंद साहू को धारा 354, 323 सहपठित धारा 34 भा.द.सं. में सिद्धदोष ठहराते हुये धारा 354 एवं 323 भा.द.सं. के तहत् न्यायालय उठने तक का कारावास एवं प्रत्येक धारा के अंतर्गत 500-500 रूपये कुल 1000 रूपये के अर्थ- दंड, अर्थदंड की राशि अदा न किये जाने की स्थिति में एक-एक माह का कारावास अतिरिक्त भुगताये जाने का दण्डादेश पारित किया गया था।
इस प्रकार निम्न न्यायालय द्वारा अभियुक्तगण प्रकाश साहू एवं देवानंद को विधि के प्रावधान के अनुसार दण्ड नहीं दिये जाने के निर्णय दिनांक 05.07.2022 से व्यथित् होकर उक्त आदेश के विरूद्ध अपीलार्थी छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा जिला दंडाधिकारी राजनांदगांव की ओर से अभियुक्तगण को प्रावधानुसार दण्डित किये जाने हेतु माननीय रात्र न्यायालय के समक्ष अपील पेश किया गया था।
अपीलीय न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, राजनांदगांव डी.आर. देवाँगन द्वारा उपरोक्त अपील प्रकरण में सुनवाई करते हुये । निम्न न्यायालय का अभिलेख मंगाया जाकर पारित निर्णय का सुक्ष्मता से परिशीलन कर उभय पक्षों के दलील सुनने के पश्चात् दिनाँक 25 जून 2024 को निम्न न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 05.07.2022 के अनुसार अभियुक्तगण प्रकाश साहू एवं देवानंद को दिये गये सजा को निरस्त कर अपीलार्थी छ.ग. राज्य की ओर से प्रस्तुत अपील को स्वीकार करते हुए प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत् रखते हुये अभियुक्तगण प्रकाश साहू एवं देवानंद को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 323 के अपराध में 1000-1000 रूपये का अर्थदंड, अर्थदंड की राशि अदा न किये जाने की स्थिति में 15-15 दिन का साधारण कारावास तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 354 के अपराध में एक-एक वर्ष का साधारण कारावास एवं 1000-1000 रूपये का अर्थदंड, अर्थदंड की राशि अदा न किये जाने की स्थिति में 15-15 दिन का साधारण कारावास से दण्डित किये जाने का दण्डादेश पारित कर अभियुक्तगण प्रकाश साहू एवं देवानंद साहू को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर सजा भुगत्ताये जाने हेतु सुपरसेशन वारंट जारी कर जिला जेल राजनांदगांव भेजे जाने हेतु आदेशित किया गया। अपीलार्थी छ.ग. राज्य की ओर से जिला लोक अभियोजक नारायण कन्नौजे के द्वारा पैरवी की गई।

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