तीन नवीन कानून के क्रियान्वयन हेतु पुलिस अधिकारियों का 1 दिवसीय कार्यशाला  सम्पन्न

तीन नवीन कानून के क्रियान्वयन हेतु पुलिस अधिकारियों का 1 दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ) 30 जून।

भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 ये तीन नवीन कानून के क्रियान्वयन हेतु पुलिस अधिकारियों का 01 दिवसीय कार्यशाला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सम्पन्न हुआ।

 भारत सरकार द्वारा तीन नवीन आपराधिक कानून 01 जुलाई 2024 से होगा प्रभावशील।

 नवीन कानूनों के बारे में जिला के राजपत्रित अधिकारी (पुलिस), थाना प्रभारियों एवं विवेचकों का 01 दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर दिया गया प्रशिक्षण।

 पुलिस मुख्यालय से तीनों कानूनों के क्रियांवयन हेतु जारी किया गया है (एस.ओ.पी.) ।

 एस.ओ.पी. में जारी 17 बिन्दुओं पर विस्तृत जानकारी विवेचकों की दी गई।

भारत सरकार द्वारा तीन नवीन आपराधिक नवीन कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 दिनांक 01.07.2024 से लागू होगा जिसके क्रियांनवयन के लिए राजनांदगांव पुलिस अपने अधिकारियों/विवेचकों को प्रशिक्षित कर रहा है इसी तारतम्य में पुलिस मुख्यालय से तीनों कानूनों के क्रियांवयन के संबंध में (एस.ओ.पी.) जारी किया गया है। 

एस.ओ.पी. के अनुसार आपराधिक मामलों की विवेचना करना और साक्ष्य एकत्रित करना और उसे उचित न्याय हेतु माननीय न्यायालय के समक्ष विधिवत प्रस्तुत करना आदि के संबंध में विस्तार से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव राहुल देव शर्मा द्वारा बताया गया। 

श्री शर्मा द्वारा एस.ओ.पी. के तहत् 1- जीवन को प्रभावित करने वाले अपराध गैर इरादतन हत्या, 2- हथकड़ी पर तैयार परिकल्पना, 3- नाबालिग के साथ बलात्कार के प्रकरणों की विवेचना हेतु अपनायी जाने वाली प्रक्रियाये, 4- नवीन कानूनों के क्रियान्वयन हेतु महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश, 5- पीड़ित केन्द्रित दृष्टिकोण, पीड़ित को सशक्त बनाना, न्याय सुनिश्चित करना, 6- संगठित अपराध, 7- झपटमारी अथवा छीनना, 8- लोक प्रशांति के विरूद्ध अपराधों के विषय में, 9- राज्य के विरूद्ध अपराध, 10- संपत्ति के विरूद्ध अपराधों के विषय में, 11- आपराधिक अभित्रास अपमान और क्षोभ इत्यादि, 12- अपहरण, व्यपहरण दासता और बलात् श्रम, 13- मॉब लिंचिंग, 14-आतंकवाद, 15- दुर्घटना के मामलों में अनवेषण, 16- नये अधिनियमों के तहत् अन्वेषण के स्थायी संचालन प्रक्रिया, 17- अपराध स्थल की फोटोग्राफी और विडियाग्राफी।


 पुलिस मुख्यालय से जारी एस.ओ.पी. के इन 17 बिन्दुओं के बारे में विस्तार से समझाईश देते हुए उन्हों के बताया कि पुलिस को पहले से अधिक सक्रिय होकर समयावधि के अंदर अपना विवेचना पूर्ण कर माननीय न्यायाल के समक्ष अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत कर आमजन को न्याया दिलाना है।

 पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव मोहित गर्ग द्वारा इस कार्याशाला का समापन किया गया, उनके द्वारा तीनों आपराधिक नवीन कानूनों के संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश दिया गया और पुलिस अधिकारियों का हौसलाअफजाई करते हुए सभी को तकनिकी रूप से भी अपडेट रहने को कहा गया।
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