अहिवारा(अमर छत्तीसगढ) 1 जुलाई।
अहिवारा वार्ड क्रमांक 04 सरस्वती शिशु मंदिर विधालय के समीप में आदिवासी गोंड समाज के लिए विगत कई वर्षो से भूमि सरंक्षित रखी गयी है, साथ ही उस स्थान पर समाज का सार्वजिनक भवन निर्माण करने के लिए लम्बे समय से मांग की जा रही थी।
जिसके सम्बन्ध में नरपालिका परिषद् में नगरपालिका अध्यक्ष को समाज के प्रतिनिधि मंडल के द्वारा सहायता प्रदान करने के सबंध में आवेदन पत्र दिया गया था। एवं इसके साथ ही अहिवारा वार्ड क्रमांक 04 के पार्षद भगवान दास के द्वारा भी इस सबंध में नगर पालिका अध्यक्ष से भवन निर्माण हेतु सहयोग राशि देने के सबंध में आवेदन दिया गया था। जिस पर नरपालिका अध्यक्ष नटवर ताम्रकार द्वारा उक्त स्थान पर भवन बनाने के लिए 3 लाख सहयोग राशि दिए जाने की घोषणा की गई थी।
जानकारी के लिए बता दे की उस जगह पर समाज के द्वारा 2021 में समाज के द्वारा गणमान्य नागरिको की उपस्थिति में आदिवासी समाज के आराध्य देव बुढ़ादेव के नाम से विधि विधान के साथ भूमिपूजन करके उक्त जगह पर बोर्ड लगाया गया था। जिस पर उस समय समाचार पात्र में खबरे भी प्रकाशित हुई थी।
परन्तु जिसे आज असामाजिक तत्वों के द्वारा अपने स्वार्थ के लिए आराध्य बुद्धदेव का बोर्ड हटा दिया गया है जो समाज के प्रति किया गया एक घृणित कार्य है, जिस पर समाज ने कहा की यह हमारे आदिवासी समाज ही नहीं अपितु छत्तीसगढ़ के आराध्य बुढ़ादेव को मानने वालो की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है ।
जिस से समाज की धार्मिक भावनाये आहात हुई है और समाज में काफी ज्यादा आक्रोश है। इस विषय पर समाज द्वारा एक हफ्ता पूर्व में नगरपालिका परिषद् अहिवारा में भी ज्ञापन देकर कब्जे को हटाने के लिए ज्ञापन दिया गया था । जिस पर अभी तक पालिका परिषद् व् अधिकारियो द्वारा अब तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
इन सारे विषयो और समाज के लिए संरक्षित भूमि की जगह को कब्ज़ा मुक्त करने और इस में शामिल पार्षद एवं अन्य नगरपालिका अधिकारी और नेताओ के ऊपर उचित कार्यवाही करने को लेकर समाज के लोग नगरपालिका परिषद् में लोकार्पण कार्यक्रम में आये ।प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव के गाडी के सामने शांति पूर्ण तरीके से बैठ गए।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव को ज्ञापन देकर इस विषय की जानकारी दी और तत्काल कार्यवाही करने को कहा जिस पर श्री साव ने कलेक्टर दुर्ग को सूचित करने कहा और उचित कार्यवाही और कब्ज़ा हटाने को लेकर भी आश्वासन दिया गया।
समाज के द्वारा 7 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है ।