आचार्यश्री महाश्रमण का चातुर्मासिक प्रवास 15 जुलाई को संयम विहार वेसु सूरत में

आचार्यश्री महाश्रमण का चातुर्मासिक प्रवास 15 जुलाई को संयम विहार वेसु सूरत में

रायपुर/ सूरत (अमर छत्तीसगढ़) 11 जुलाई। आचार्यश्री महाश्रमण का चातुर्मासिक प्रास 15 जुलाई को संयम विहार वेसु सूरत में प्रतिदिन सुबह 9 से 11.30 बजे प्रवचन संयम विहार भगवान महावीर यूनिवर्सिटी प्रांगण वीआईपी रोड-2 वेसु सूरत में प्रारंभ होने जा रहा है। सूरत चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति द्वारा दी गई। जानकारी के अनुसार आगे बताया कि 13 मई 1962 को राजस्थान के एक कस्बे सरदारशहर में जन्मे एवं 5 मई, 1974 को दीक्षित हुए आचार्य महाश्रमण अणुव्रत आंदोलन के प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी एवं आचार्य श्री महाप्रज्ञ की परम्परा में तेरापंथ धर्मसंघ के 11 वें आचार्य के रूप में प्रतिष्ठित है। आप निस्पृहता, निर्लिप्तता, निर्विकारता, निश्छलता, तेजस्विता, क्षमाशीलता, दयालुता, सिद्धांतप्रियता, वैचारिक, उदारता के आप दुर्लभ समवाय हैं।
आचार्य श्री महाश्रमण जी जन-जन के कल्याण व राष्ट्रीय चरित्र-निर्माण के लिए पदयात्रा करते हुए सद्भावना, नैतिकता, व्यसन-मुक्ति का संदेश प्रदान करते है। नेपाल, भूटान व भारत के करीब 22 राज्यों का स्पर्श करते हुए अब तक हजारों किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा कर चुके है। इस पद यात्रा में आपकी प्रेरणा से लाखों लोग व्यसन मुक्त हुए है। समाज में सद्भावना का वातावरण बना है व नैतिक जीवन जीने की प्रेरणा मिली है।
अखण्ड परिव्राजक: 55000 से अधिक कि.मी. की पदयात्रा स्व परकल्याण के लिए।
सिद्ध साधक : एक ऐसे महर्षि जिन्हें साधना के लिए न वन चाहिए, न ही आश्रम और एकांत। जिनकी साधना का उद्देश्य ईश्वर को नहीं, अपने आप को पाना है। प्रभावी प्रवचनकार : हिन्दु, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, जैन, बौद्ध आदि विभिन्न धर्मावलम्बियों ने आपके उपदेश को आदर के साथ स्वीकार किया है। सृजनशील साहित्यकार : हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, प्राकृत और राजस्थानी भाषा के आप अधिकृत विद्वान हैं। जैनागमों के सम्पादन का गुरुतर कार्य आपके कुशल नेतृत्व में गतिमान है। कुशल समाज सुधारक : 1 करोड़ से अधिक लोगों ने आपकी प्रेरणा से नशामुक्ति का संकल्प स्वीकार किया। आयोजन व्यवस्था समिति के अनुसार दो महापुरूषों की अनुपमेय कृति मैं कहता हूं कि साधु हो तो ऐसा हो। आचार्य तुलसी मैं अपना सौभाग्य मानता हूं कि मुझे महाश्रमण जैसा उत्तराधिकारी मिला। कुशल प्रशासक: 800 से अधिक साधु-साध्वी, समण-समणी। 40000 से अधिक युवा कार्यकर्ता 60000 से अधिक कार्यकर्मी महिलाएं 10000 से अधिक प्रोफेशल कार्यकर्ता लाखों अनुयायी। अणुव्रत अनुशास्ता: आचार्य श्री महाश्रमण के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में अणुव्रत महासमिति और उसकी देश-विदेश में फैली 225 से अधिक शाखाएं, अणुव्रत विश्वभारती, पूरे विश्व मैं नैतिकता के संदेश को संप्रसारित करने हेतु प्रयासरत हैं। प्रेक्षाध्यान : 550000 लोगों ने अब तक इसके प्रयोगों का अभ्यास कर आन्तरिक परिवर्तन का अनुभव किया है। नियमित अभ्यास से और निखरने वाला यह प्रयोग आचार्य महाश्रमण के पथदर्शन में मानव जीवन के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है। जीवन विज्ञान : आचार्य श्री महाश्रमण के पवित्र संरक्षण में आध्यात्मिक वैज्ञानिक व्यक्तित्व के निर्माण का महत्वपूर्ण अभियान सिद्ध हो रहा है। शिक्षा :आचार्य श्री महाश्रमण जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय के अनुशास्ता के रूप में प्रतिष्ठित हैं। आपके आध्यात्मिक नेतृत्व में 150 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों को संचालन किया जा रहा है। निवेदन : आचार्य श्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ चातुर्मासिक प्रवास के बाद उपनगरों की पदयात्रा करते हुए पधारेंगे। ऐसे महापुरुष के दर्शन व प्रवचनों से प्रेरणा प्राप्त कर अपने जीवन को सार्थक बनाएँ। अनुरोध…
चातुर्मासिक प्रवेश – 15 जुलाई 2024 सोमवार- प्रात: 9.00 बजे से स्थान- संयम विहार आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास स्थल, भगवान महावीर पीर यूनिवर्सिटी प्रांगण, वीआईपी रोड-2, वैसु, सूरत, 395007। नागरिक अभिनन्दन समारोह – 16 जुलाई 2024 मंगलवार- प्रात: 9.00 बजे स्थान- संयम विहार आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास स्थल, भगवान महावीर यूनिवर्सिटी प्रांगण, वीआईपी रोड-2, वैसु, सूरत, 395007। दीक्षा महोत्सव – 19 जुलाई 2024 शुक्रवार- प्रात: 9.00 बजे स्थान- संयम विहार आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास स्थल, भगवान महावीर यूनिवर्सिटी प्रांगण, वीआईपी रोड-2, वैसु, सूरत, 395007। दीक्षा महोत्सव – 12 सितम्बर 2024 गुरुवार- प्रात: 9.00 बजे स्थान- संयम विहार आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास स्थल, भगवान महावीर यूनिवर्सिटी प्रांगण, वीआईपी रोड-2, वेंसु, सूरत, 395007। पर्युषण महापर्व – 01 सितंबर 2024 से 08 सितंबर 2024, प्रात: 9:00 से 11:30 स्थान- संयम विहार आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास स्थल, भगवान महावीर यूनिवर्सिटी प्रांगण, वीआईपी रोड-2, वेंसु, सूरत, 395007। चातुर्मासिक प्रवास – 15 जुलाई 2024 से 15 नवंबर 2024, प्रात: 9:30 से 11.30 प्रतिदिन प्रवचन । स्थान- संयम विहार आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास स्थल, भगवान महावीर यूनिवर्सिटी प्रांगण, वीआईपी रोड-2, वेंसु, सूरत में रहेगा।

Chhattisgarh