आत्मस्पर्शी चातुर्मास 2024
रायपुर(अमर छत्तीसगढ)। आज आप जो अपने सामने देख रहे हो वह सब क्षणिक है, केवल कुछ समय के लिए ही आपके सामने मौजूद है। जब आपको अंतर्मन से यह एहसास हो जाएगा की यहां सब चीज क्षणिक है तो उन किसी भी चीज पर आपका मन नहीं लगेगा। यह बातें राजधानी के सदर बाजार स्थित जैन मंदिर में चल रहे प्रवचन श्रृंखला “जिनवाणी की वर्षा” के दौरान शनिवार को दिर्घ तपस्वी प.पू. श्री विरागमुनि जी म.सा. ने कही।
मुनिश्री कहते हैं कि अगर आप किसी कार्यक्रम में अतिथियों को बुलाते हो तो उनका स्वागत करने आप हजारों रूपयों की फूल माला लेकर आते हो। जबकि आपको यह पता है कि अतिथि उस फूल माला को मात्र कुछ सेकंड ही पहनेंगे और उसे उतार कर वह अपने पीछे खड़े पीए को दे देगा। वह पीए थोड़ी देर में उस फूल को कहीं साइड में रख देगा और उसके बाद पता नहीं उस माला का क्या होगा।
इस क्षणिक सम्मान के लिए आपने हजारों रुपए खर्च कर दिए। वहीं, जब आपके घर के अंदर आपके बेटे के हाथ से एक 50 रुपए का कप भी टूट जाए तो बेटे को यह पता रहता है मार पड़े या ना पड़े, डांट तो जरूर पड़ेगी और ऐसा होता भी है। अब आप सोचिए कि हजारों रूपयों की फूल माला जो किसी के गले में 5 सेकंड भी नहीं टिकी उसके लिए आपने कोई शिकवा नहीं किया और जब आपके बेटे के हाथ से ही एक 50 रुपए का कब टूट गया तो आपने उसे क्या-क्या नहीं कह दिया।
अपना सांसारिक फर्ज निभाइए और धर्म करते जाइए
मुनिश्री कहते हैं कि आपने संतानों की खूब देखभाल की, उन्हें पढ़ाया लिखाया, उनकी सुख सुविधाओं के लिए लाखों रुपए खर्च किया। जबकि आपको यह पता है कि बेटी बड़ी होगी तो उसकी शादी हो जाएगी और वहां ससुराल चले जाएगी। फिर भी आपने उसे लाड प्यार दिया, शादी में लाखों रुपए का दहेज भी दिया क्योंकि आप चाहते है कि बेटी सुख के साथ वहां रहे। बेटे को भी आपने खूब पढ़ाई लिखाया और आप चाहते हो कि वह आपके साथ रहे। आपके दिमाग पर यह सारी बातें सेट है। आपको पता है की ऐसा होना ही है।
आपको सब छोड़ कर जाना ही है तो क्यों आप संसार के इन उलझनों में पड़े हुए हो। गुरु कहते है कि जब आपको यह पता है की दुनिया में सारी चीजें टेंपरेरी है, तो कब तक बदल-बदल कर उन से काम चलाते रहोगे। जब आपको पहले से ही यह पता है कि बेटी ससुराल जाएगी और बेटा आपका कोई काम नहीं करेगा तो आप सिर्फ अपना फर्ज निभाया और धर्म के कामों में लग जाइए। साथ ही एक चीज दिमाग में स्पष्ट कर लो की मोक्ष में जाने से पहले आपको सभी जीवों से एनओसी लेना पड़ेगा। जीवन में आपको सबके साथ प्रेम व्यवहार और मैत्री भाव के साथ रहना होगा तब आपको मोक्ष जाने की आखिरी समय में किसी से एनओसी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
दादाबाड़ी में मुनिश्री का मंगल प्रवेश कल
आत्मस्पर्शी चातुर्मास समिति 2024 के अध्यक्ष पारस पारख और महासचिव नरेश बुरड़ ने बताया कि मुनिश्री का मंगल प्रवेश 15 जुलाई को होना सुनिश्चित हुआ है। मंगल प्रवेश के दिन सुबह 7.30 बजे सदर जैन मंदिर से दादाबाड़ी तक भव्य शोभायात्रा निकलेगी। वहीं, जिनवाणी की वर्षा के क्रम में सदर बाजार जैन मंदिर में सुबह 8.45 से 9.45 बजे मुनिश्री के प्रवचन की श्रृंखला जारी है। आप सभी से निवेदन है जिनवाणी का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।