बेमेतरा(अमर छत्तीसगढ) 22 जुलाई 2024:- जिला एवं सत्र न्यायालय बेमेतरा में छ.ग. राज्य न्यायिक अकादमी बिलासपुर के निर्देशन में 21 जुलाई 2024 को प्रधान जिला न्यायाधीश बृजेन्द्र कुमार शास्त्री के मार्गदर्शन में नवीन कानूनों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्याशाला का शुभारंभ देवेन्द्र कुमार प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश, उमेश कुमार उपाध्याय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं बार अध्यक्ष प्रणीश कुमार चौबे के द्वारा माँ सरस्वती का पूजन एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कार्यशाला के विषय को आलोकित करते हुए अपने विषय उद्बोधन में भारतीय न्याय संहिता 2023 के दण्ड के प्रवाधानों को विस्तार से समझाया और उन्होंने बताया कि अब नये कानून में कारावास के दण्ड के अतिरिक्त नवीन कानूनों में कुछ अपराधों के लिए दण्ड स्वरूप सामुदायिक सेवा का भी उपबंध किया गया है, जो न्यायालय द्वारा सजा के रूप में किसी भी अभियुक्त को प्रकरण के अनुसार दिया जा सकता है एवं नवीन कानून में जम्मू कश्मिर को सम्मिलित करते हुये अब नया कानून पुरे भारत वर्ष में लागू होगा।
उमेश कुमार उपाध्याय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के विषय पर कहा कि अब नये कानून के हत प्रथम सूचना रिपोर्ट ऑनलाईन के माध्यम से कोई भी कर सकता है और सूचना देने वाले को 3 दिवस के भीतर आकर प्रथम सूचना रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करना होगा। जो भी पुलिस द्वारा कार्यवाही किया जायेगा उसकी विडियोग्राफी किया जायेगा।
पुलिस थाना के भारसाधक अधिकारी को इत्तिला प्राप्त होने पर उस अपराध की रिपोर्ट उस मजिस्ट्रेट को तत्काल भेजा जायेगा और यदि आवश्यक हो तो अपराधी का पता चलने और उसकी गिरफ्तारी के उपाय करने के उस स्थान पर स्वयं जायेगा या किसी अधिनस्त अधिकारियों को भेजेगा। कानूनों में परिवर्तन एक प्रगतीशील समाज का परिचायक है, जो यह बताता है, कि एक राष्ट्र का निर्माण समग्र रुप से न्यायिक धुरी पर चारों ओर हो रहा है। उनके द्वारा प्रक्रियात्मक विधियों में आये नवीन परिवर्तन व दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआर.पी.सी.) के प्रावधानों का तुलनात्मक व्याख्यान करते हुए प्रक्रिया को विस्तृत रुप से प्रतिभागियों के समक्ष रखा। और अधिवक्तागण से रुबरु होते हुए प्रतिभागियों के द्वारा पुछे गये समस्त प्रश्नों को भी बखुबी विस्तार पूर्वक समझाया गया और उन्होंने यह भी कहा कि उपस्थित न्यायाधीशों अधिवक्ताओं एवं अभियोजन अधिकारियों के माध्यम से यह लाभ आम जनता तक पहुंचेगा।
द्वितीय सत्र का प्रारंभ भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के विषय में गुलापन राम यादव, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी एवं मोहम्मद जहाँगीर तिगाला व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी के द्वारा किया गया। जिनके द्वारा बताया गया कि उक्त नवीन कानून में इंग्लैण्ड तथा जूरी एवं असेसर जैसे शब्दों को नवीन कानून से हटा दिया गया है। और अब साक्ष्य के रूप इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल अभिलेखों को भी दस्तावेजों के रूप में स्वीकार किया जायेगा।
उक्त कार्यक्रम में न्यायाधीश श्रीमती अनिता कोशिमा रावटे, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ट श्रेणी, सुश्री श्रुति साहू व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी, अभियोजन उप संचालक, श्रीमती कंचन निर्मलकर पाटिल, समस्त अभियोजन अधिकारीगण, एल.ए.डी.सी. एस. चीफ दिनेश तिवारी, जिला अधिवक्ता संघ बेमेतरा एवं तहसील साजा के अधिवक्तागण उपस्थित रहें। एवं मंच संचालन श्रीमती निधि शर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा के द्वारा किया गया तथा श्री उमेश कुमार उपाध्याय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के द्वारा आभार व्यक्त किया गया।