राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ) 24 जुलाई।
आरोपी संदीप वर्मा पिता ओमकार वर्मा उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम बिजनापुर के द्वारा अपनी पत्नी को दिनांक 11/03/2023 को रात्रि करीबन 12.30 से 1.00 बजे के मध्य घर के सभी सदस्य जस झाकी देखने गये थे तभी आरोपी एवं उसकी पत्नी घर में थी, घर के सदस्यगण रात्रि 1.00 बजे आया तब मृतिका मीना बाई की चार माह का पुत्र रो रहा था तभी मृतिका की जेठानी बच्चे का रोने का आवाज सुनकर मृतिका के कमरे में गयी वहा मृतिका नही थी तब किचन में जाकर देखा तो मृतिका मीना बाई बास के काड में फासी के फंदे पर लटका हुआ था।
आरोपी ने फंदे से नीचे उतार कर वही सुला दिया और फंदे से लगे हुए रस्सी को छुपा दिया और सुबह मोहारा थाना में सूचना दिया कि मृतिका मीना बाई गम्छे में फासी लगाकर मृत हो गया है जिसे मैं फंदे से नीचे उतारू हूँ। पुलिस थाना मोहारा द्वारा उक्त घटना का 0/2023 में कायमी कर कार्यपालिक दण्डाधिकारी से जाँच कराकर सार्ट पी.एम. रिपोर्ट प्राप्त होने पर डॉक्टर द्वारा रिपोर्ट में होमोसाईड मृत्तिका का मृत्यु होना पाया, सास रूकने का कारण गला घोटना बताया।
आरोपी से पुछताछ के दौरान आरोपी द्वारा मृतिका को नायलोन की रस्सी से गला घोटना स्वीकार कर रस्सी को जप्त कराया गया, आरोपी के विरूद्ध साक्ष्य सबुत पाये जाने पर आरोपी को दिनांक 11/03/2023 को गिरफ्तार कर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र क्रमांक 229/2023 दिनांक 30/05/2023 को चालान तैयार कर माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट वर्ग-1 डोंगरगढ़ के न्यायालय में पुलिस चौकी मोहारा द्वारा पेश किया गया।
प्रकरण उपरांत माननीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिष दुबे द्वारा अभियोजन के 12 गवाहों के साक्ष्य उपरांत दिनांक 23/07/2024 को धारा 302 में आजीवन कारावास तथा 1000/- रूपये जुर्माना अर्थदण्ड, साक्ष्य छुपाने के लिए धारा 201 में 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया, दोनो दण्ड के साथ-साथ रहेगा, दण्ड की राशि नही जमा करने पर 1 माह एवं 15 दिन का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अशोक लिल्हारे के द्वारा पैरवी की गई।