आत्मस्पर्शी चातुर्मास 2024
रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 30 जुलाई। दादाबाड़ी में आत्मस्पर्शी चातुर्मास 2024 के प्रवचन श्रृंखला में मंगलवार को दीर्घ तपस्वी श्री विरागमुनि जी ने कहा कि हर एक बात हमें सोच समझ कर बोलना है क्योंकि ना जाने कब कौन सा शब्द किसे दुख पहुंचा सकते हैं यह आपको भी नहीं पता। अगर किसी को आपकी बातों से बुरा लगता है तो उसका प्रायश्चित भी आपको करना होगा। आप भले ही मोक्ष के राह पर चल रहे हो लेकिन आपके कर्मों का हिसाब तो आपको चुकाना ही पड़ेगा आपको अपना अकाउंट क्लियर ही करना पड़ेगा। केवल शब्दों से ही नहीं हम अपनी दिनचर्या से न जाने कितने निर्दाेषों की हत्या कर देते हैं। आपसे टकराने वाली हवा भी आपके शरीर के आसपास करते ही अपना दम तोड़ देती है वैसे ही पानी की बूंद आप पर पड़े तो शरीर ही गर्माहट से उसकी हत्या हो रही है। आज हम एक टीवी, कूलर, फ्रिज, वाशिंग मशीन जैसे बहुत सी सुख-सुविधा की मशीनों का उपयोग करते हैं और इसे कई जीवों की हत्या हो जाती है, जो हम आज जानबूझकर कर रहे हैं और हम भी आगे इससे बच नहीं पाएंगे।
मुनिश्री कहते हैं कि ज्ञान वही जो आचरण में आ जाए। मोक्ष प्राप्त करने के लिए आज हमें जो करना है इसी भव में करना है। वहीं, आज हम सोचते हैं कि पहले परिवार पाल लेते हैं, पहले व्यापार कर लेते हैं फिर धर्म करेंगे, मोक्ष की राह पर बाद में चलेंगे। क्या कभी आपने ऐसा सोचा है कि आज धर्म कर लेते हैं और कल व्यापार कर लेंगे, नहीं ना तो फिर आपका कल्याण कहां से होगा।
मुनिश्री ने आगे कहा कि आपके अंदर अध्यात्म जाएगा तो संस्कार भी आ जाएगा। आज लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए किसी की भी झूठी तारीफ करने को तैयार हो जाते हैं। मन में, सीने में किसी के लिए सम्मान हो या नहीं लेकिन मुंह से झूठी तारीफ हम जरूर कर रहे हैं।
मीठी-मीठी बातें कर सामने वाले व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित कर अपना काम निकल रहे हैं। आज पैसा कमाने के लिए व्यक्ति किसी भी हद को पार करने के लिए तैयार है। जबकि आज हमें पैसे कमाने के बदले हर क्षण को प्रभावशाली बनाना है ताकि हमें पैसों की आवश्यकता ना पड़े। हमें खुद का परीक्षण करने और अपने आप को पहचानना है कि हम क्या कर सकते हैं केवल पैसे ही कमाना लक्ष्य नहीं होना चाहिए।
आत्मस्पर्शी चातुर्मास समिति 2024 के अध्यक्ष पारस पारख और महासचिव नरेश बुरड़ ने बताया कि मंगलवार को सुबह 11 बजे दादाबाड़ी में उत्तर पारणा हुई और बुधवार को गणाधीश पन्यास प्रवर श्री विनयकुशल मुनिजी गणि महाराजा आदि साधु साध्वी ठाना की पावन निश्रा में सिद्धि तप प्रारंभ होगा, जिसमें सौ से अधिक तपस्वी उपवास करेंगे। वहीं, पारणे की व्यवस्था श्रीसंघ द्वारा की जाएगी।
आत्मस्पर्शी चातुर्मास समिति 2024 के प्रचार प्रसार संयोजक तरुण कोचर और निलेश गोलछा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि दादाबाड़ी में प्रतिदिन सुबह 8.45 से 9.45 बजे मुनिश्री की प्रवचन श्रृंखला जारी है, आप सभी धर्म बंधुओं से निवेदन है कि जिनवाणी का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।