केन्द्रीय जेल बिलासपुर से पैरोल पर बाहर आकर फरार होने वाले आरोपी को चकरभाठा पुलिस ने किया गिरफ्तार

केन्द्रीय जेल बिलासपुर से पैरोल पर बाहर आकर फरार होने वाले आरोपी को चकरभाठा पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ) 12 अगस्त।

 लगभग 04 वर्षो से फरार था आरोपी।

 आरोपी के विरूद्व माननीय छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर से भी जारी किया गया था गैर जमानती वारंट।

 धारा 302 भादवि के प्रकरण में उम्र कैद की सजा से दण्डित था आरोपी।

नाम आरोपी – बुंदराम जांगडे पिता सुंदरवा जांगडे उम्र 65 वर्ष निवासी ग्राम कनेरी थाना चकरभाठा जिला बिलासपुर

      मामले का विवरण इस प्रकार है कि थाना चकरभाठा के अपराध क्रमांक 215/2012  धारा 302 के प्रकरण में प्रार्थी करमचंद अंचल पिता मोहन चंद अंचल उम्र 45 वर्ष निवासी ग्राम कनेरी थाना चकरभांठा द्वारा फरार आरोपी बुंदराम जांगडे पिता सुंदरवा जांगडे उम्र 65 वर्ष निवासी ग्राम कनेरी थाना चकरभाठा जिला बिलासपुर के विरूद्व अश्लील गाली गुप्तार कर मारपीट कर चोट पहूचाने कि रिपोर्ट पर विवेचना कार्यवाही पूर्ण कर चालान तैयार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया था जिस पर प्रकरण के आरोपीयों को माननीय न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया गया था। आरोपी बुंदराम जांगडे द्वारा केन्द्रीय जेल बिलासपुर से पैरोल लेकर घर आया हुआ था जो पैरोल अवधि समाप्त होने पश्चात विगत 04 वर्षो से केन्द्रीय जेल नही जाकर फरार हो गया था जिसके संबंध में माननीय छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका प्रकरण सीआरए नम्बर 689/2017 के माध्यम से गैर जमानती वारंट जारी किया गया था ।थाना चकरभांठा में पैरोल से फ़रार  होने पर उक्त आरोपी के विरूद्व अपराध क्रमांक 337/2024 धारा 224 भादवि का प्रकरण पंजीबद्व कर आरोपी का पतासाजी की जा रही थी। इस दौरान मुखबीर सूचना द्वारा आरोपी को अपने गांव कनेरी में देखे जाने की सूचना पर थाना प्रभारी चकरभाठा रविन्द्र अनंत द्वारा हमराह प्रधान आरक्षक निर्मल सिंह,आरक्षक सतपुरन जांगडे के साथ उक्त आरोपी के घर पर दबिस देकर उसे अभिरक्षा में लेकर थाना लाया गया। माननीय छ.ग. उच्च न्यायालय के उक्त निर्देश के पालन में फरार आरोपी बुंदराम जांगडे को गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल बिलासपुर दाखिल किया गया। 
    प्रकरण की उक्त कार्यवाही में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में थाना प्रभारी चकरभाठा रविन्द्र अनंत,प्रधान आरक्षक निर्मल सिंह, आरक्षक सतपुरन जांगडे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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