25 अगस्त प्रवचन…. क्रोध से कैरियर का भी नाश- मुनि रमेश कुमार

25 अगस्त प्रवचन…. क्रोध से कैरियर का भी नाश- मुनि रमेश कुमार

काठमाण्डौ नेपाल(अमर छत्तीसगढ) 25 अगस्त।

।। स्वभाव परिवर्तन सप्ताह ।।

क्रोध हमारे स्वास्थ्य, शांति, कैरियर का शत्रु है। क्रोध-प्रीति का नाश करता है। सेहत का शत्रु हैऔर केरियर को निगल जाने वाला राक्षस है। यह समुद्र‌ की तरह बहरा होता है और आग की तरह उतावला । क्रोध हंसी की हत्या के खुशी को खत्म कर देता है। सही समझ विकसित न होने के कारण क्रोध की चिनगारियां जीवन पर्यन्त उठती रहती है।

शायद ही ऐसा आदमी मिले जो न स्वयं पर न दूसरों पर गुस्सा किया हो. हर वर्ग के लोगों को गुस्सा आता ही रहता है। क्रोध व्यक्तिगत हानी का कारण भी बनता है ।

व्यापारी ग्राहक के बीच दूरी, जातिय झगङे की उत्पत्ति भी क्रोध से होती है। उपरोक्त विचार आचार्य श्री महाश्रमण जी के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ने आज तेरापंथ कक्ष स्थित महाश्रमण सभागार में आयोजित “स्वभाव परिवर्तन सप्ताह के अंतर्गत आज “क्रोध कारण और निवारण” विषय पर प्रवचन करते हुए व्यक्त किये।
आपने क्रोध आने के अनेक कारण बताये और साथ में क्रोध के दुष्परिणाम भी समझाये। क्रोध को निष्फल करने या क्रोध निवारण के अचूक उपाय भी इस अवसर पर समझाये। आपने आगे कहा- क्रोध साफ तौर पर पागलपन है। उसे समय रहते हम वश में नहीं कर पाते हैं तो हम उसके वश में हो जाते हैं।

संप्रसारक
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा काठमाण्डौ नेपाल

Uncategorized