जैन भजनों की प्रसिद्ध गायिका शताब्दी ढ़ेलडिया का जैन दादाबाड़ी में बहुमान…. जैन श्रीसंघ की समर्पित सेवा प्रत्यर्थ विजय कांकरिया का अभिनंदन

जैन भजनों की प्रसिद्ध गायिका शताब्दी ढ़ेलडिया का जैन दादाबाड़ी में बहुमान…. जैन श्रीसंघ की समर्पित सेवा प्रत्यर्थ विजय कांकरिया का अभिनंदन

रायपुर (अमर छत्तीसगढ) 29 अगस्त। पर्युषण महापर्व पर आठ दिवस श्री सीमंधर स्वामी पूजन व रात्रि प्रभु भक्ति व इक्तिसा जाप

श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व चमत्कारी श्री जिनकुशल सूरि जैन दादाबाड़ी भैरव सोसायटी में 21 दिवसीय दादागुरुदेव इक्तिसा जाप में गुरुभक्ति की अविरल धारा में श्रद्धालुओं को सराबोर करने वाली भजन गायिका श्रीमति शताब्दी ढ़ेलडिया का भैरव सोसायटी श्रीसंघ , सीमंधर महिला मण्डल व विमल महिला मण्डल द्वारा बहुमान किया गया ।

समारोह में जैन श्रीसंघ की अनेक वर्षों से सतत समर्पित निःस्वार्थ सेवा करने प्रत्यर्थ श्री ऋषभदेव जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया का बहुमान किया गया । गुरुभक्ति समारोह में ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद , महासचिव महेन्द्र कोचर, ट्रस्टीगण नीलेश गोलछा, जय सांखला, योगेश बंगानी, श्रीमती मंजू कोठारी, ममता सुराना ने तिलक, मोतियों की माला, शॉल श्रीफल से विजय कांकरिया व श्रीमती ढ़ेलडिया का अभिनन्दन किया ।

इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने जैनम जयति शासनम का उदघोष किया । जैन धर्म का पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व 31 अगस्त से 7 सितंबर तक श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व चमत्कारी श्री जिनकुशल सूरि जैन दादाबाड़ी में धूमधाम से मनाया जाएगा ।

वर्तमान काल में महाविदेह क्षेत्र में विराजमान श्री सीमंधर स्वामी की प्रतिमा , श्री सुमति नाथ जी , श्री पार्श्वनाथ जी , श्री महावीर स्वामी , गौतम स्वामी जी व चारों दादागुरुदेव की प्रतिमाओं की मनमोहक आंगी बनाई जावेगी । प्रातः 5 बजे मंदिर जी के पट खोले जाएंगे , परमात्मा के जन्मकल्याणक की स्नात्र पूजा , अष्टप्रकारी पूजा , परमात्मा की नवांगी पूजा , चैत्यवन्दन होगा ।

विश्व में एकमात्र जैन धर्म में ही कोई भी श्रावक श्राविका प्रभु परमात्मा के मूल गंभारे में जाकर मूर्ति को स्पर्श कर पूजन कर सकता है । दोपहर में श्री सीमंधर महिला मण्डल , विमल महिला मण्डल व भैरव सोसायटी श्रीसंघ के भक्तों द्वारा परमात्मा व दादागुरुदेव की मूर्तियों की आंगी सजावट की जावेगी । रात्रि में 8 . 15 बजे से प्रभु भक्ति व दादागुरुदेव इक्तिसा जाप होगा । आरती व मंगल दिवा पश्चात जिनमंदिर के पट मंगल होंगे ।

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