भाजपा के गढ़ में कांग्रेस की सेंध चंद्रकला बनी पार्षद, खैरागढ़ में कांग्रेस, भाजपा में सीधी टक्कर…..कांग्रेस की गुटबाजी ने विपक्ष को लाभ भी पहुंचाया…..  मतगणना केंद्र में भारी तोड़फोड़

भाजपा के गढ़ में कांग्रेस की सेंध चंद्रकला बनी पार्षद, खैरागढ़ में कांग्रेस, भाजपा में सीधी टक्कर…..कांग्रेस की गुटबाजी ने विपक्ष को लाभ भी पहुंचाया….. मतगणना केंद्र में भारी तोड़फोड़


राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) नगरीय निकाय चुनाव के अंतर्गत जिले के नगर पालिका निगम राजनांदगांव में आज वार्ड क्रमांक 17 में पार्षद पद के लिए हुये चुनाव में कांग्रेस की श्रीमती चंद्रकला देवांगन ने अपने निकटतम एक मात्र प्रतिद्वंदी भाजपा की सरिता सिन्हा को 190 वोट से पराजित किया। पिछले 3 दशक से अधिक समय से यह भाजपा का गण वाला वार्ड रहा है। वहीं दूसरी ओर जिले के खैरागढ़ की नगर पालिका परिषद में 20 वार्डों के लिए आज हुई मतगणना को लेकर अभी मिल रही जानकारी के अनुसार 10 वार्डों में भाजपा तथा 9 वार्ड में कांग्रेस तथा एक वार्ड में कांग्रेस,भाजपा को बराबर वोट मिलने से टॉस्क की स्थिति बनी हुई है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि भाजपा अपना बहुमत प्राप्त करने तत्पर दिख रही है। निगम के वार्ड चुनाव एवं खैरागढ़ के पालिका परिषद चुनाव में कांग्रेस की गुटबाजी की स्थिति में सत्ता में रहते हुए भी पार्षद प्रत्याशियों को पीछे ढकेल दिया। खैरागढ़ मतगणना केंद्र में भारी तोड़फोड़ हुई।


वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने आज विजय जुलूस निकाला वहीं चंद्रकला मतदाताओं से गले मिलकर आभार व्यक्त किया, फफकर रो पड़ी। 
नगर पालिका निगम वार्ड क्रमांक 17 मोतीपुर में हुए आज मतगणना में कांग्रेस ने भाजपा के बहुमत वाले गढ़ को धराशाही कर दिया। इस वार्ड में सत्ता पक्ष ने पूरी ताकत झोंकी लेकिन पार्टीजनों के अनुसार कतिपय वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं जिम्मेदार निर्वाचित प्रतिनिधियों का अपेक्षित सहयोग चंद्रकला को नहीं मिल पाया। इसकी चर्चा  राजधानी में सीएम हाउस एवं प्रदेश कांग्रेस तक पहुंच रही है। कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रकला देवांगन का व्यक्तित्व मतदाताओं से सीधा आत्मीय संबंध एक एक वोट के लिए सीधे मतदातओं से संपर्क सुख दुख में उनके लिए तत्पर रहने की वजह से  संभवत 191 वोट मिला है।  कांगे्रस की गुटबाजी की वजह से पार्टी स्तर पर हो रही चर्चाओं को देखते हुए जीत मार्जिन कम होने के कारण कांग्रेस की गुटबाजी व आपसी असंतोष की बातों को लेकर चर्चा भी होने लगी है। वैसे भी इस वार्ड में पूर्व पार्षद शोभा सोनी जिनका निधन हो गया। वे विपक्ष में रहने के बावजूद 500 से अधिक वोटों से जीती थी। उनके निधन के बाद यह चुनाव हुआ है। वैसे भी नगर निगम में पिछड़ा वर्ग महापौर है। चंद्रकला के पार्षद बनने से पिछड़ा वर्ग होने का लाभ उन्हें नगर निगम में महत्वपूर्ण पद से उपकृत किये जाने से होगा।
जिले के खैरागढ़ नगर पालिका परिषद चुनाव को लेकर पहले ही चर्चाओं का दौर रहा है कि यहां भाजपा सत्ता पक्ष कांग्रेस को सीधी टक्कर देगी। स्थिति भी यही रही है, जिला कांग्रेस अध्यक्ष पदम कोठारी, जो कि पिछले दो दशक से खैरागढ़ विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए अपने दावेदारी प्रस्तुत करते रहे। पार्षदों को टिकट देने के मामले में उनके एकतरफा चलने की बात कांग्रेसजनों में है। खैरागढ़ में जिस प्रकार चुनाव परिणाम आ रहे हैं। इससे लगता है कि कांग्रेस की गुटबाजी में यहां उसे अध्यक्ष पद के लिए दूर करते मतदाता दिख रहे हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि आगामी मार्च 2022 में खैरागढ़ में विधानसभा का उपचुनाव होना है। जो कि विधायक स्व.  देवव्रत सिंह के निधन के बाद रिक्त है। कांग्रेस की खुली गुटबाजी में पालिका परिषद चुनाव के पिछड़ा वर्ग बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र खैरागढ़ में सत्ता पक्ष को भी अब प्रत्याशी मैदान में उतारने के लिए काफी सूझबुझ रखनी होगी।  
नगर निगम के वार्ड क्रमांक 17 तुलसीपुर में आज जो चुनाव परिणाम कम मार्जिन को लेकर आये है। मतदाताओं की माने तो कई अधिकांश का कहना है कि चंद्रकला देवांगन को हमने पार्षद प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा। चुनाव परिणाम बताते हैं कि चंद्रकला देवांगन का व्यक्तिगत संबंध आत्मीय जुड़ाव पिछले कुछ वर्षों से लगातार वार्डवासियों के दुखसुख में खड़ा होना प्रमुख रहा है। मतदाताओं का कहना है कि चंद्रकला जब उसने वोट मांगन आयी तो, सभी वर्ग, उम्र, समाज के मतदाताओं से कहा कि वे पिछला वार्ड चुनाव एक वोट से हारी थी। एक वोट की अपील की। शायद यही वजह है कि 192 मतदाताओं में अधिकांश चंद्रकला के लिए आत्मीय सोच करते हुए वोट दिया है। कांग्रेस भरोसेमंद व अधिकारिक सूत्रो के अनुसार मतदान के चार दिन पूर्व तक जिम्मेदार तथाकथित कांग्रेसजनों, निर्वाचन प्रतिनिधयों प्रचार प्रसार की सक्रियता में कमी देखी गई। चंद्रकला देवांगन के रिश्तेदार विशेषकर प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी, ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़े संजु देवांगन भाई ने मोर्चा संभाला, मतदाताओं के घर पहुंचे। पार्टीजनों के तथाकथित सहयोग, असहयोग, निष्कृता  , चुप्पी को भांपते हुए अपने स्तर पर भी संपर्क अभियान बढ़ाया। चर्चा तो यह भी है कि राजनंादगांव शहर में भी कांग्रेस चार गुटों में बंटी रही। अन्यथा चंद्रकला की जीत मार्जिन कम से कम 500 से कम नहीं होती। 
ब. कू. संजीव देवांगन ने मतदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चंद्रकला की जीत मार्जिन में कहीं चोरी हो गई। कमी आ गई है। इसके लिए भी कांग्रेस को मंथन करने की जरूरत है। जबकि सत्ता पक्ष सरकार, योजनाएं, कार्यक्रम, नगर निगम को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराने वार्र्डो में साफ-सफाई की उपलब्धि कम दिखी। 
निर्वाचि पार्षद श्रीमती चंद्रकला ने सहयोगीजनों के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो भी उनकी जिम्मेदारी है। वार्ड विकास को लेकर अपना काम करते रहेंगी। नगरीय प्रशासन प्रदेश शासन से भी विकास एवं योजनाओं से जुड़े कार्य करनाने का प्रयास करेंगी। उन्होंने अपनी जीत मार्जिन को कम मानते हुए कहा कि मैं कुछ नहीं कह सकती। मतदाताओं का स्नेह, प्यार, सहयोग मुझे मिला है। आत्मीय आभार चुनाव में जिन्हें ने भी मुझे सहयोग किया। उन सभी के प्रति आत्मीय आभार।
बहरहाल खैरागढ़ नगर पालिका परिषद चुनाव का परिणाम अधिकारिक रूप से आना अभी शेष है। भाजपा की स्थिति काफी मजबूत दिख रही है। लेकिन नगर निगम के तुलसीपुर वार्ड में पार्षद चुनाव भाजपा की पराजय यह क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विधायक डॉ. रमन सिंह के अंतर्गत आता है। खैरागढ़ की जीत उनके खाते में जायेगी। वार्ड 17 का चुनाव परिणाम भी कहां पर चूक हुई वे मंथन कर सकते हैं। खैरागढ़ पालिका चुनाव को लेकर आ रहे परिणाम यह बताते हैं कि कांग्रेस आधा दर्जन वार्डों में 3, 4, 5, 8, 10 मतों से जीतकर भाजपा को हराई है। 

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