आस्था विद्या मंदिर जावंगा में प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष सप्ताह पर विद्यार्थियों ने वैज्ञानिक बनने का इच्छा जताई

आस्था विद्या मंदिर जावंगा में प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष सप्ताह पर विद्यार्थियों ने वैज्ञानिक बनने का इच्छा जताई

  • “चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा” विषय पर चित्रकला, व्याख्यान एवं क्विज एवं मॉडल प्रस्तुति आयोजित किया गया।

गीदम/दंतेवाड़ा(अमर छत्तीसगढ) 4 अगस्त।
चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को मान्यता देते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को भारत में “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” के रूप में घोषित किया।

अंतरिक्ष मिशनों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने और युवाओं को प्रेरित करने के लिए एक “चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा” विषय पर प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 मानते हुए एक सप्ताह कार्यक्रम इसरो भारत सरकार, स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन, विज्ञान भारती और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन एवं यूनिवर्सल साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन काउंसिल इंडिया के सहयोग से दंतेवाड़ा जिले के गीदम विकासखंड अंतर्गत एजुकेशन सिटी जावंगा स्थित आस्था विद्या मंदिर इंग्लिश मीडियम स्कूल द्वारा आयोजन किया गया।

सेवानिवृत्त इसरो वैज्ञानिक पीएसएलवी एमके1 कोर टीम सदस्य तथा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के सहकर्मी चेन्नई प्रोफेसर एलंगोवन राजगोपालन ने ऑनलाइन माध्यम से वक्ता के रूप में जुड़ कर अंतरिक्ष और इसरो मिशन पर प्रेजेंटेशन दिया और छात्रों के विभिन्न सवालों का सरल उत्तर से समझाया। कार्यक्रम संयोजक तथा व्याख्याता अमुजुरी विश्वनाथ ने बताया कि दैनिक जीवन में वैज्ञानिक नवाचार सोच के अनुप्रयोग के माध्यम से दुनिया एवं समाज पर अंतरिक्ष अन्वेषण के महत्वपूर्ण प्रभाव प्रकाश डाला जा सकता है।

भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरने वाला पहला देश बन गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच एवं कौशल के विकास हेतु विद्यालय में प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर एक सप्ताह कार्यक्रम में चित्रकला, व्याख्यान एवं क्विज, मॉडल प्रस्तुति विभिन्न गतिविधियां आयोजित किया गया।

भारत के चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद दुर्लभ संसाधनों के आदान-प्रदान और दुनिया भर में नई प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग के लिए इस कार्यक्रम की प्रासंगिकता को उपस्थित सभी छात्रों ने महसूस कर वैज्ञानिक बनने का इच्छा जताई। एकेआईएफ छत्तीसगढ़ व ओडिशा राज्य समन्वयक अमुजुरी विश्वनाथ ने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2023 के लिए आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर दंतेवाड़ा केंद्र से कुल 75 बच्चें व एक शिक्षक ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मिशन में शामिल हुए और 150 पिको सैटेलाइट लॉन्च कर 4 विश्व कीर्तिमान हासिल कर जिला तथा राज्य का गौरव बढ़ाया।

इस कार्यक्रम में प्राचार्य गोपाल पांडे, उप प्राचार्य प्रमोद गुप्ता, अधीक्षक रवि प्रकाश ठाकुर, अधीक्षिका सुषमा दास एवं शिक्षक शिक्षिका अपने बच्चों को बधाई दिया।

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