जैन मुनि शीतलराज ने कहा- जीवन उन्नत करना चाहो तो सामयिक साधना कर लो

जैन मुनि शीतलराज ने कहा- जीवन उन्नत करना चाहो तो सामयिक साधना कर लो

रायपुर (अमर छत्तीसगढ़ ) 9 सितम्बर।

स्थानीय पुजारी पार्क स्थित मानस भवन में पर्युषण पर्व के अंतिम दिन संवत्सरी के अवसर पर अपने प्रवचन में शीतलराज मुनिश्री ने कल कहा खमाने के जगह सिर्फ खाने नहीं जावे। उनसे मिले जिनसे बहुत पुरानी दूरी मन मुटाव मतभेद है उनसे जाकर क्षमा याचना करे। खमत खामणा के नाम पर सिर्फ खाने न जावे। पांच नवकार मंत्र, वीर वंदना के साथ प्रारंभ प्रवचन में मुनिश्री ने कहा पर्युषण पर्व का सर्वश्रेष्ठ दिन संवत्सरी महापर्व है आपके स्वाध्याय करने के साथ ही क्षमा याचना करने जाए। पर्युषण पर्व पर त्याग, तपस्या, तप, अठाई मास खमण दया संवर का बहुत महत्त्व है।

उपवास, तप, तपस्या शरीर के लिए लाभप्रद है। आश्रव का द्वार खुला निर्जरा कम है धर्म की आवक है। समता भाव के आने से जीवन में क्षमा, सहनशीलता नम्रता हो, इस प्रकार के धर्म हमारे जीवन में आना चाहिए पर पुरुषार्थ पर चिंतन करे, क्रोध, मान, मोह माया छोड़े। आत्म कल्याण के लिए क्रोध सहित सभी छोड़ना होगा। उन्होंने कहा जब आयकर का छापा पड़ता है तो हम हाथ जोड़कर पैसा लेकर खड़े रहते है। हाथ जोड़ने की परम्परा चिंतनीय है। सही क्षमापना शत्रुता जिनसे बोल चाल बंद है, प्रेमभाव नहीं है उनसे क्षमा मांगो। आपकी नम्रता सही मन से खमाओ तो अगला भी पानी पानी हो जाएगा। भरी सभा में खुले मन से क्षमा याचना करे। हमारा कषाय ख़त्म होगा।

इंदौर से आये सुश्रावक शिखरचंद छाजेड ने काल अंतगडऽसांग सूत्र के आठवे एवं अंतिम वर्ग के अध्ययनों की जानकारी का वाचन किया। कहा घोर हत्यारा अर्जुन माली अर्जुन मुनि बना। उन्होंने सूत्र के वर्ग एवं अंतिम अध्ययन की वृहत जानकारी के साथ उपस्थित जनों के मध्य प्रश्नोतरी आयोजित कर सूत्र की जानकारी का आदान प्रदान किया। उन्होंने बताया आर्य चंदनबाला आर्या कि अनुज्ञा लेकर उसने आयम्विल वर्धमान नामक तप किया। वर्धमान आयम्विल नामक तप का सुत्रोक्त विधि से आराधन कराया। राजा श्रेणिक व उनकी रानियों का दृष्टांत का वाचन किया।

सूत्र के प्रमुख वाचक शिखरचंद छाजेड ने बताया कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग में पिछले 74 वर्षों से आयम्विल की लड़ी चल रही है। इंदौर में हम 12 वर्षों से नियमित चल रहे है। अतः रायपुर में भी आयम्विल की लड़ी साधकजन शुरू करे। अजय संचेती पुरुष वर्ग एवं महिला वर्ग की प्रभारी श्रीमती नीता पटवा को बनाया कल से आयम्विल की लड़ी सक्रियता से प्रारंभिक से प्रारंभ हो गई।

बीती रात्रि को सामूहिक प्रतिक्रमण का पाठ इंदौर से आए सर्वश्री शिखरचंद जैन, विमल जैन, अभिषेक जैन एवं प्रकाश कोठारी ने कराया। रायपुर के अजय संचेती भी सहयोगी रहे। सुश्रावक प्रेमचंद भंडारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छह दया मास खमण नौ अठाई तथा तेला, उपवास एकासना इत्यादि चौदह सौ से अधिक किया तथा इक्कीस हजार से अधिक सामयिक हुआ। संवर प्रतिक्रमण में भी भाग लिया। सभी का सम्मान लाभार्थी संचेती परिवार ने बहुमान किया आज सोमवार के सुबह सामूहिक क्षमा याचना में इंदौर, जयपुर, बालाघाट इत्यादि स्थानों से आये साधकों का सम्मान दीपेश संचेती ने किया।

क्षमा याचना कार्यक्रम को सर्वश्री प्रवीण बम, शांतिलाल बागरेचा, डा. प्रणिता सेठिया, शिखरचंद, अभिषेक, प्रकाश बागरेचा श्री मोदी, प्रमोद जैन, सुरेश जैन, विनय पटवा सहित कुछ महिलाओं ने भी इस अवसर भावगीत प्रस्तुत किए। अजय संचेती ने शीतलराज मुनि के जीवनी पर प्रकाश डाला। कल आलोचना पाठ का भी सत्र दो घंटे चला।

मुनिश्री शीतलराज ने कहा कि 15 सितम्बर, रविवार को दया में भाग ले आपका बहुमान आकर्षक स्मृति चिन्ह से होगा। सभी से दया संवर में भाग लेने कहा। गैन्दमल अनिता बाघमार परिवार के नौ सदस्यों ने तपस्या कर शानदार प्रस्तुति की। 29 सितम्बर को मारुती मंगलम गुढ़ियारी रायपुर में आयोजित सामयिक स्वाध्याय सम्मेलन में भाग लेने अपील की।

28 सितम्बर को रात्रि में भजन संध्या में प्रकाश कोठारी की बेटी अदिति कोठारी भक्तिगीत, भजन प्रस्तुत करेगी। अदिति राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपना नाम रोशन कर चुकी है। तप तपस्या में भाग लेने वाले सामयिक प्रतिक्रमण संवर इत्यादि करने वालों का नियमित सम्मान चातुर्मास लाभार्थी संचेती परिवार नियमित कर रहा है।

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