दशलक्षण पर्युषण महापर्व का समापन… अंतिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म दिवस मनाया, श्रावकों ने रजत कलशो से अभिषेक, शांतिधारा, किया

दशलक्षण पर्युषण महापर्व का समापन… अंतिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म दिवस मनाया, श्रावकों ने रजत कलशो से अभिषेक, शांतिधारा, किया

रायपुर (अमर छत्तीसगढ) 17 सितंबर। श्री वासुपुज्य भगवान के मोक्ष कल्याणक पर रथ में विराज मान कर नगर भ्रमण कर भव्य जुलूस निकाला, निर्वाण लाडू भी समर्पित कियाश्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर (लघु तीर्थ) मालवीय रोड में पर्युषण पर्व के दसवें दिन दिनांक 17 सितंबर मंगलवार को भाद्रपद शुक्ल अनंत चतुर्दशी के अवसर पर जिनालय की पार्श्वनाथ बेदी के समक्ष उत्तम ब्रम्हचर्य धर्म की आराधना कर जैन धर्म के 12 वे तीर्थंकर वासुपुज्य भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव धूम धाम धार्मिक वातावरण में मनाया गया। मीडिया प्रभारी प्रणीत जैन ने बताया की आज जैन धर्म के सबसे बड़े पर्व दशलक्षण पर्युषण महापर्व का अंतिम 10 वा दिन है।

जैन धर्म के 12 वे तीर्थंकर वासुपुज्य भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस भी है । आज के दिन जैन धर्म में पर्युषण के अंतिम दिवस उत्तम ब्रम्हचर्य धर्म के रूप में आराधना कर मोक्ष कल्याणक महोत्सव के अवसर पर निर्वाण लाडू चढ़ाया जाता है। आज प्रातः मंदिर जी में सुबह 7 बजे से श्रद्धालुगण इकट्ठा होकर सर्वप्रथम 12 वे तीर्थंकर श्री वासुपुज्य भगवान को रथ में विराजमान कर बैंड बाजे के साथ नाचते गाते, जयकारा लगा कर जुलूस के साथ नगर भ्रमण करवाया।

श्रीजी विराजमान रथ को जैन समाज के धर्म प्रेमी बंधुओ ने स्वयं अपने हाथो से खींचा। जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष बच्चे शामिल हुए। साथ ही 10 उपवास करने वाले व्रतियो को सम्मान के शाही बग्घी में जुलूस के साथ ले जाया गया। आज जिनालय की पार्श्वनाथ बेदी में श्री पद्मप्रभु भगवान को पंडुक्षिला में विराजमान कर रजत कलशों के माध्यम जलअभिषेक कर रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता लघु शांतिधारा की गई।

आज की शांति धारा करने का सौभाग्य 10 उपवास करने वाले श्रेयश जैन बालू को प्राप्त हुआ। उपस्थित श्रावक श्राविकाओ ने अष्ट द्रव्यों से निर्मित अर्घ्य समर्पित कर आज समुच्चय पूजन, सोलहकारण पूजन,नंदीश्वर दीप पूजन,दशलक्षण पूजन किया। आज 12 वे तीर्थंकर वासुपुज्य भगवान का मोक्ष कल्याणक के अवसर पर वासुपुज्य भगवान का पूजन कर निर्वाण कांड पढ़ कर निर्वाण लाडू एवं श्रीफल चढ़ाया गया।

वासुपुज्य भगवान के जयकारों से पूरा जिनालय गुंजायमान हो गया था। आज के कार्यक्रम में विशेष रूप से संजय नायक जैन,श्रेयश जैन बालू, इंजी.राजीव जैन,राजेश रज्जन जैन,प्रवीण जैन मामा जी,राजीव जैन भिंड,रासु जैन,प्रणीत जैन,दिनेश जैन,कुमुद जैन,समित जैन शानू,पलक जैन,मनु जैन आदि उपस्थित थे।

Chhattisgarh