रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 21 सितंबर। जैन मुनि श्री शीतल राज ने अपने दो माह के नियमित प्रवचन में कहा कल रविवार को उनका अंतिम प्रवचन होगा। एक महा मौन रहेंगे, 24 अक्टूबर से प्रवचन मानस भवन में सुबह 8:00 से 9:30 बजे तक होगा । मुनि श्री ने आज अपने प्रवचन में विभिन्न विषयो, गति, इंद्रियों, काय, कर्म, तत्व, संवर, कषाय, कर्म बंधन सहित विभिन्न विषयों में संक्षिप्त में बोले। उपस्थित साधकों ने इन पर चर्चा भी की।
मुनिश्री नौ तत्वों में जीव, अजीव, पुण्य, पाप, आश्रव, संवर, निर्जरा, बंधन एवं मोक्ष पर कहा एकाग्रता ही से इसका लाभ है। कहां सृष्टि का संपूर्ण ज्ञान इन तत्वों में समाहित है । संवर तत्व कर्मों के आवागमन को रोकता है। जीव रूपी तालाब में कर्म रूपी नालो से आते हुए पाप रूपी पानी को रोकना संवर है। संवर के बीस भेद है। समकित संवर में मिथ्यात्व एवं आश्रव रुक जाता है ।आत्मा को देशत: निर्मल बनाना निर्जरा है बंध तत्व, मन, वचन, काया की हलचल का योग है । मिथ्यात्व सब कर्मों का प्रमुख है । इसके सद्भभव में एक भी कर्म समाप्त नहीं हो सकता। आश्रव जिनके द्वारा कर्म पुद्गल आत्मा के साथ चिपकने को आते हैं । वही आश्रव है, क्रोध मान वचन किया एवं लोभ के द्वारा आत्मा में निरंतर कर्मों का आगमन ही कषाय है ।
मुनि श्री ने कहा कल रविवार उनके प्रवचन का अंतिम दिन है । एक माह मौन रहेंगे। 24 अक्टूबर से पुन: मानस भवन में प्रवचन सुबह 8 से 9:30 तक होगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की की आज महिलाएं अनुशासित होकर आई एवं बैठे हैं । सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। सुश्रावक एवन नाहटा ने 21 का पचखान मुनि श्री से प्राप्त किया। नियमित सामायिक स्वाध्याय प्रतिक्रमण संवर जारी रहें। कल महिला पुरुषों ने संवर किया।
रविवार को डॉक्टर प्रणिता सेठिया का धार्मिक विज्ञापन प्रतियोगिता का आयोजन सुबह प्रवचन के बाद मानस भवन में आयोजित होगी, भाग लेने का आग्रह किया । आगामी 29 सितंबर को नगर के गुढ़ियारी स्थित मारुति मंगलम में सामायिक स्वाध्याय सम्मेलन आयोजित है देश भर के एक हजार से अधिक साधक भाग लेंगे। 28 सितंबर की पूर्व संध्या कुमारी अदिति कोठारी भक्ति गीत प्रस्तुत करेंगे । कल रविवार को सुबह आयोजित धार्मिक विज्ञापन प्रतियोगिता पर प्रश्नोत्तरी साधना से शिखर की ओर शीतल से भी लिया गया है। कल रविवार को 2:00 बजे शैलेंद्र नगर निवासी सुश्रावक जय देवी, ललित कुमार, ज्ञानचंद बैद के निवास में मुनि शीतल राज का मंगल पाठ होगा।