राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) जिले के खैरागढ़ नगर पालिका परिषद में पार्षदों के चुनाव के बाद अब अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का निर्वाचन पांच जनवरी को खैरागढ़ में संपन्न होगा। 20 पार्षदो वाली इस पालिका में कांग्रेस एवं भाजपा के 10-10 पार्षद है। दोनों ही पार्टियां अपने अपने पार्षदों को लेकर अज्ञात वास में है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नजदीकी एक नेता सभी दस कांग्रेस पार्षदों को लेकर अपने साथ गोपनीय स्थान पर है। बताया गया है कि कुछ भाजपा पार्षद उनके संपर्क में है। नगर पालिका परिषद में कांग्रेस की कमजोर प्रस्तुति, गुटीय राजनीति, वर्तमान नगर पालिका परिषद अध्यक्ष रही श्रीमती मीरा गुलाब चोपड़ा का चुनाव से दूर रहना। प्रत्याशी चयन को लेकर प्रभारियों की चूक की वजह से कांग्रेस को बहुमत के लिए सभी स्तर पर जोर आजमाईस करना पड़ रहा है।
नगर पालिका परिषद चुनाव में पार्षदों के लिए पर्याप्त बहुमत के आभाव में कांग्रेस, भाजपा दोनों ही पार्टियों को आगामी पांच जनवरी को होने वाले अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। चर्चाओं के अनुसार कांग्रेस की इस चुनाव में सत्ता में रहने के बावजूद आधा दर्जन प्रत्याशी, 3, 4, 5, 8 वोट से ही जीते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की चुनावी सभा व रैली नहीं होती तो यह स्थिति भी नहीं बन पाती। जिला कांग्रेस अध्यक्ष पदम कोठारी को चुनाव प्रभारी के साथ ही प्रत्याशी चयन की जिम्मेदारी भी चर्चाओं के अनुसार दी गई थी। कांग्रेस ने सभी 20 वार्डों में प्रत्याशी मैदान में उतारे जिसका विरोध शुरू से होता रहा है। मुख्यमंत्री ने पिछले तीन वर्षो में 40 करोड़ से भी अधिक की धनराशि विकास एवं नगर हित के कार्य के लिए सौंपे गये थे। जिसे लेकर चुनाव में कांग्रेस संगठन व प्रभारी एवं तात्कालीन अध्यक्ष व पार्षद एवं पदाधिकारी भी मतदाताओं तक नहीं पहुंचा सके। आश्चर्य तो तब हुआ जब मुख्यमंत्री ने निर्वाचन प्रक्रिया के प्रारंभ होने के सप्ताह भर पूर्व ही पांच करोड़ रूपये विकास कार्यों के लिए उपलब्ध कराये। कांग्रेस संगठन, तत्कालीन अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व पार्षद, मतदाताओं को भी नहीं बता पाये कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया भूपेश बघेल व नगरीय निकाय मंत्री को भी नहीं बता पाये। बताया जाता है कि इस चुनाव में स्थानीय नेताओं को कम महत्व दिया गया। आगामी 3 माह बाद खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव भी होना है। पालिका चुनाव में कांग्रेस की कमजोर व निराशाजनक प्रस्तुति भाजपा के अवसर प्रदान कर सकती है।
खैरागढ़ के सत्ता पक्ष व संगठन तथा पालिका में पार्षद व पदाधिकारी रहे कुछ लोगों का कहना है कि खैरागढ़ शहर क्षेत्र के लोगों को ही पूछ परख नहीं हुई। जिला कांग्रेस अध्यक्ष पदम कोठारी जो कि पिछले दो दशक से खैरागढ़ विधानसभा से चुनाव लडऩे की दावेदारी प्रस्तुत कर चुके है। संभवत सत्ता व संगठन में इसलिए पदम कोठारी को पार्षद प्रत्याशी के लिए उम्मीद्वारों का चयन करने के लिए पूरा अधिकारी दे दिया हो। जानकारी के अनुसार कांग्रेस अपने दस पार्षदों को लेकर अज्ञातवास में है। जहां मुख्यमंत्री के नजदीकी दो नेता उनके साथ है। दोनों ही जिम्मेदार लोग बहुमत के आभाव में भी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का पद हथियाने के लिए तत्पर दिख रहे हंै। चर्चाओं के अनुसार पालिका चुनाव में जिस ढंग से भारतीय जनता पार्टी की विशेषकर विक्रांत सिंह व कुछ लोगों की जबर्दस्त रणनीति रही है। जिसकी वजह से लगभग आधा दर्जन कांग्रेसी पार्षद, नाममात्र के 10 से भी कम मतों से जीतकर आये हैं। पिछड़ा बाहुल्य खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को प्रत्याशी चयन के मामले में काफी सर्तकर्ता व सूझबुझ के साथ प्रत्याशी को उतारना होगा। ऐसी चर्चा लगातार कांग्रेसजनों के साथ ही खुले आम भी होने लगी है। वहीं भाजपा भी अपने पार्षदों के साथ किसी गोपनीय अथवा अज्ञातवास में अपना अध्यक्ष, उपाध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी चोटी लगा रहा है।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार आगामी पांच जनवरी को सुबह 10 बजे नगर पालिका परिषद खैरागढ़ कार्यालय में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए अधिसूचना जारी कर दी है।