श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ प्रबंधन- नगपुरा पूज्य आचार्यश्री को कोटिशः वंदन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि समर्पित की गई

श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ प्रबंधन- नगपुरा पूज्य आचार्यश्री को कोटिशः वंदन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि समर्पित की गई

नगपुरा (अमर छत्तीसगढ) 29 सितंबर। पूज्यपाद आचार्य भगवंत श्री अरिहंत सिद्ध सूरीश्वर जी म साठ के समुदायवर्ती गच्छाधिपति प पू आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय हेमप्रभ सूरीश्वर जी म.सा. का दिनाँक 27 सितम्बर को नवसारी में कालधर्म हो गया। पूज्य आचार्य श्री हेमप्रभ सूरीश्वर जी म सा श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ के प्रारंभिक पड़ाव से जुड़े रहे है।

तीर्थ के विकास में आप श्री का प्रत्यक्ष आशीर्वाद जुड़ा हुआ है। पूज्य आचार्य भगवंत दिनांक 11 फरवरी 1998 माघ सुदी पूर्णिमा को 102 साधु- साध्वीजी भगवंतों के साथ तीर्थ पधारे थे। सरल- सौम्य सदैव प्रशमरस में निमग्न पूज्य आचार्य भगवंत का देवलोक गमन से जिनशासन ‘को अपूरणीय क्षति हुआ है। श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ प्रबंधन-नगपुरा पूज्य आचार्यश्री को कोटिशः वंदन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि समर्पित करता है।

विनम्र

गजराज पगारिया (अध्यक्ष) पुखराज दुगड (मैनेजिंग ट्रस्टी) समस्त ट्रस्टीगण श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ, नगपुरा

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