श्री शीतलराज जी मसा एवं तपस्वी रत्न प पु श्री विरागमुनि जी आदि ठाणा एवं श्री साध्वीवृंद का आत्मिक मिलन

श्री शीतलराज जी मसा एवं तपस्वी रत्न प पु श्री विरागमुनि जी आदि ठाणा एवं श्री साध्वीवृंद का आत्मिक मिलन

रायपुर (अमर छत्तीसगढ) 30 सितंबर। प्राणी मित्र स्वर्णिम पल आराध्य गुरूदेव आडा़ आसन त्यागी वचन सिध्दी धारी सूर्य आतापनाधारी मौन साधकसामायिक स्वाध्याय के प्रणेता पपु श्री शीतलराज जी मसा एवं श्री जिनकुशल दादाबाडी़ विराजित तप चक्रवर्ती तपस्वी रत्न जिनशासन के लाडले स्वाध्याय रसिक प,पु,श्री विरागमुनि जी म,सा,आदि ठाणा एवं श्री प,पु,साध्वीवृंद का आज प्रातः आत्मिय मिलन हुआ।

आपस मे धर्म चर्चा करते हुऐ आध्यात्मिक विचारों का आदान प्रदान हुआ श्री विरागमुनिजी म,सा,एवं साध्वी वृन्दो ने वंदन कर श्री गुरूदेव की कुशलक्षेम पुछते हुऐ सहज भाव से दादाबाडी़ मे विश्रांति हेतू विनती की दोनों घोर तपस्वी संतो का आपस में एक दुसरे की कठिन त्याग तपस्या एवं आडा़ आसन त्याग एवं सूर्य आतापना जैसी साधना और प,पु,श्री विराग मुनिजी के 170 उपवास एवं आयंबिल तप की तपस्या को लेकर गहन धर्म चर्चा हुई।

दोनो तपस्वी संतो ने एक दुसरी के कठिन तप त्याग की अनुमोदना की श्री धर्मनाथ भगवान की जय ,चर्तुविद संघ की जय प,पु,आचार्य श्री हस्तीमलजी म,सा,प,पु,आचार्य श्री मणिप्रभसागरजी म,सा,की जय के साथ सभी श्रावक श्राविकाओं ने गुरू भगवंतो को वंदन कर मंगलपाठ एवं आशीर्वाद लिया ।

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