राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ) 7 अक्टूबर ।हॉकी बंगाल की वार्षिक आमसभा ( कांग्रेस )और चुनाव 05 अक्टूबर, 2024 को होटल पियरलेस इन, कोलकाता में सम्पन्न हुई। हॉकी बंगाल के अध्यक्ष सुजीत बोस (माननीय मंत्री, अग्नि एवं आपातकालीन सेवा विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार) चुने गये। इश्तियाक अली को फिर से हॉकी बंगाल का महासचिव चुना गया। दोनो ने सभा को विश्वास दिलाया कि कार्यकारिणी बोर्ड के सहयोग से वे सभी मिलकर बंगाल में हॉकी को उसके पुराने गौरवशाली दिनों में वापस ले आएंगे।
कार्यक्रम में हॉकी इंडिया के संयुक्त सचिव, और छत्तीसगढ़ हॉकी के अध्यक्ष फिरोज अंसारी पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित रहे, साथ ही बंगाल ओलंपिक संघ के अध्यक्ष स्वप्न (बाबुन) बनर्जी, जंहागिर खान चुनाव अधिकारी तथा हॉकी बंगाल से सम्बंधित जिलो के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर मौजूद थे।
हॉकी इंडिया के संयुक्त सचिव और छत्तीसगढ़ हॉकी के अध्यक्ष फ़िरोज़ अंसारी ने बंगाल हॉकी की वार्षिक आम सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि, आमसभा में पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित होना मेरे लिए गौरव की बात है। बंगाल हॉकी का इतिहास न केवल बंगाल के खेल संस्कृति का अभिन्न अंग है, बल्कि पूरे भारतीय हॉकी के विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
बंगाल हॉकी का सफर 20वीं सदी की शुरुआत से ही शुरू हो गया था, जब इस खेल ने ब्रिटिश भारत में अपनी पहचान बनानी शुरू की। 1900 के दशक में जब भारतीय हॉकी उभर रही थी, बंगाल ने इसमें अग्रणी भूमिका निभाई। यहाँ की टीमों ने अपने समर्पण, कड़ी मेहनत और खेल भावना के साथ पूरे देश में ख्याति प्राप्त की। उस दौर में जब हॉकी एक औपनिवेशिक खेल के रूप में विकसित हो रही थी, बंगाल ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
बंगाल हॉकी संघ की स्थापना ने इस क्षेत्र में खेल के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान किया। इस संघ ने न केवल खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दिया, बल्कि नई पीढ़ी को हॉकी के प्रति आकर्षित करने का काम भी किया। सभा को संबोधित करते हुए श्री अंसारी ने कहा कि 1928 में जब भारत ने अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता, तो बंगाल से भी खिलाड़ियों का योगदान था, जिन्होंने भारतीय टीम को मजबूती प्रदान की।
आज बंगाल हॉकी में बदलाव के नए अवसर हैं। हमें उन मूल्यों को याद रखना चाहिए जिन्होंने इस खेल को इतना महान बनाया है।
हॉकी में बंगाल ने हमेशा महान खिलाड़ियों को जन्म दिया है, जिसमे आर जे एलन,शौकत अली,जयपाल सिंह, केसव दत्त,लेस्ली क्लाउडियस, पी जानसन, जसवंत सिंह राजपूत, सी एस दुबे,सी एस गुरुंग,गुरबोक्स सिंह,जोगिंदर सिंह, इनाम उर रहमान, अशोक कुमार,डॉ. वैसे पेस, अजित सिंह,बीर बहादुर छेत्री, जैसे ओलयम्पियन आदि प्रमुख है। मुझे पूरा विश्वास है कि आज की पीढ़ी भी उसी इतिहास को आगे बढ़ाएगी।
नव नियुक्त अध्यक्ष सुजीत बोस ने कहा कि भविष्य में हमें खेल के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने, नई प्रतिभाओं को तराशने और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान को पुनः स्थापित करने की दिशा में कार्य करना होगा। बंगाल की हॉकी टीमों ने हमेशा उत्कृष्टता का प्रतीक बने रहने की कोशिश की है, और हमें इस धरोहर को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना होगा।
हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हम हॉकी को और ऊंचाइयों तक ले जाएं, और बंगाल को फिर से भारतीय हॉकी का गौरव दिलाएं।