पशु प्रेम और संवेदनशीलता के क्षेत्र में भी उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा…. बेजुबान जानवरों के लिए मसीहा थे रतन टाटा – श्रमण डॉ पुष्पेन्द्र

पशु प्रेम और संवेदनशीलता के क्षेत्र में भी उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा…. बेजुबान जानवरों के लिए मसीहा थे रतन टाटा – श्रमण डॉ पुष्पेन्द्र

उदयपुर(अमर छत्तीसगढ) – 10 अक्टूबर 2024 ।
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और देश के दिग्गज उद्योगपति श्री रतन टाटा केवल अपने व्यवसायिक योगदान के लिए ही नहीं, बल्कि अपने अपार प्रेम और दया के लिए भी जाने जाते थे. खासकर उनके जीवन में डॉग्स के प्रति उनकी स्नेह भावना ने उन्हें एक अलग पहचान दी.

रतन टाटा ने न केवल अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए आवारा डॉग्स के प्रति सेंसिटिविटी की अपील की, बल्कि उन्होंने उनकी सेहत और देखभाल के लिए ठोस कदम भी उठाए।
श्रमण डॉ पुष्पेन्द्र ने बताया कि श्री रतन टाटा की यह दया उनके अंतिम दिनों तक जारी रही, उनका आखिरी प्रोजेक्ट जो डॉग्स और अन्य छोटे जानवरों के प्रति उनके प्यार का प्रतीक था, मुंबई में खुला स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल  {Small Animal Hospital, Mumbai} है. यह अस्पताल 1 जुलाई 2024 को खुला और अपने 98,000 वर्ग फुट के बड़े एरिया में वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के साथ पेट्स का इलाज कर रहा है. अस्पताल में 24Û7 इमरजेंसी सेवाएं, प्ब्न् और भ्क्न्, क्रिटिकली बीमार और घायल जानवरों के लिए जीवनरक्षक उपकरण और एडवांस डायग्नोस्टिक सुविधाएं जैसे सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड उपलब्ध हैं।

165 करोड़ का प्रोजेक्ट
इस 165 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को रतन टाटा ने विशेष रूप से आवारा डॉग्स और अन्य छोटे जानवरों के लिए समर्पित किया था। अस्पताल में डर्मेटोलॉजी, डेंटल, ऑप्थैल्मोलॉजी और अन्य विशेष उपचार सेवाओं के अलावा, इन-हाउस पैथोलॉजी लैब और अलग-अलग इंतजार करने के क्षेत्र डॉग्स और बिल्लियों के लिए हैं, जिससे पशु मालिकों और उनके पालतुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

डॉग लवर थे रतन टाटा
रतन टाटा ने कई बार अपने सोशल मीडिया पर डॉग्स के प्रति अपने स्नेह की झलक दी. उन्होंने एक बार मुंबई के सायन अस्पताल में मिले एक खोए हुए डॉग्स के लिए भी मदद की अपील की थी. वहीं, उन्होंने मॉनसून में आवारा डॉग्स की सुरक्षा के लिए भी जनता से अनुरोध किया था कि वे अपनी कार के नीचे छुपे डॉग्स का ध्यान रखें ताकि कोई दुर्घटना न हो. रतन टाटा का यह अस्पताल उनके द्वारा बेगुबानों के लिए किए गए उनके योगदान का सबसे बड़ा प्रतीक है और उनका प्यार और देखभाल हमेशा इस स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल के रूप में जीवित रहेगी।

श्रमण डॉ पुष्पेंद्र

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