राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) जिले के खैरागढ़ राजपरिवार के स्व. युवराज देवव्रत सिंह के निधन के पश्चात संपत्ति व अन्य घटनाक्रम को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित होती जा रही है। स्व. देवव्रत सिंह की दूसरी पत्नी विभा सिंह के साथ देवव्रत सिंह के पुत्र आर्यर्वत सिंह एवं सुपुत्री शताक्षी सिंह व उनकी माता पदमावति सिंह के साथ विवाद दोनों परिवार में बढ़ता हुआ न्यायालय की ओर जा रहा है। जिला प्रशासन ने छुईखदान तहसील के अंतर्गत आने वाले स्व. देवव्रत सिंह के निवास उदयपुर पैलेस को विवादों के चलते सील किया गया, वहीं कल खैरागढ़ स्थित कमल विलास पैलेस को भी प्रशासन ने सील कर दिया है। वहीं दूसरी ओर देव्रवत सिंह की बहनों ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। जिसमें कमल विलास पैलेस के एक हिस्से को जहां कृषि कार्य संपन्न होता रहा है। उसे सील नहीं करने की मांग देव्रवत की बहन ने की है। देवव्रत सिंह के पुत्र, पुत्री व प्रथम पत्नी श्रीमती युवरानी पदमा सिंह ने बीती शाम को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की, सारे घटनाक्रम से अवगत कराया। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि पापा के बाद हम आपके अभिभावक के रूप में जो भी नियमानुसार सहयोग होगा करेंगे। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री लगभग घटे भर चर्चा कर खैरागढ़ राज परिवार से रूबरू हुए।
जिले के खैरागढ़ राजपरिवार का नेहरू गांधी परिवार से 70 वर्षों का आत्मीय पारिवारिक व राजनैतिक संपर्क व लगाव रहा है। कुछ राजनीतिक विवादों के चलते देवव्रत सिंह ने कांग्रेस का साथ छोड़कर जोगी कांग्रेस में चले गये। उनकी टिकट से विधायक भी बने। कांग्रेस प्रवेश का कुछ नियमों की बाधा आने की वजह से नहीं हो पाया लेकिन वे खुलकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ दिखे।
शासन की योजनाओं, कार्यक्रमों का लाभ क्षेत्रवालों को दिलाते रहे हैं। खैरागढ़ राजपरिवार में चल अचल संपत्ति को लेकर चल रहे पारिवारिक विवाद न्यायालय की ओर जा रहा है। वहीं दूसरी ओर संभवत आगामी मार्च माह में खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव भी होना है। सत्ता पक्ष कांग्रेस चुनाव को प्रतिष्ठापूर्ण लेते हुए अपने पक्ष में रखने के लिए दमदार प्रत्याशी को भी मैदान में उतारेगी। भाजपा भी पूरी ताकत झोंकेगी। खैरागढ़ क्षेत्र व ग्रामीण व शहरी क्षेत्र का झुकाव तेजी से देवव्रत सिंह के पुत्र व पुत्रियों के साथ संवेदात्मक ढंग से आत्मीयता से जुड़ा दिख रहा है। खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी उतारने के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही सर्वेसरवा होंगे। जानकारी के अनुसार अपनी शौतेली मां के कथित प्रताडऩा व परेशानी के चलते देवव्रत के पुत्र व पुत्री तथा मा श्रीमती पदमा सिंह की मुलाकात व चर्चा सोनिया गांधी से भी होना बताया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर देवव्रत सिंह की दुसरी पत्नी विभा सिंह भी अब संपत्ति को लेकर न्यायालय पहुंच रही है। जिला प्रशासन ने विवाद की प्रमुख जड़े उदयपुर एवं कमल विलास पैलेसको सील कर दिया है। वहीं देवव्रत सिंह की बहन ने कहा कि कमल विलास पैलेस के एक हिस्से से उनका कृषि कार्य होता है। अत: उस हिस्से को छोड़ लिया जावे। देवव्रत सिंह के पुत्र व पुत्री अपनी मां पदमा सिंह के साथ रह रही है तथा आने वाले समय में आवश्यक हुआ तो पुत्र, पुत्री, मां के साथ रहने की जानकारी न्यायालय प्रक्रिया में भी लेंगे।
स्व. . देवव्रत सिंह के पुत्र, पुत्री व प्रथम पत्नी पदमा सिंह की कल बीती शाम को मुख्यमंत्री से मुलाकात लंबी चर्चा के साथ पूरे सारे घटनाक्रम से अवगत कराया है। श्री बघेल ने भी पूरी आत्मीयता से कहा कि वे अभिभावक के रूप में उनके साथ रहेंगे। किसी भी प्रकार की परेशानी हो, जानकारी दे सकते हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि खैरागढ़ का राजपरिवार, रिश्तेदार, परिवार, क्षेत्रवासी भी दोनों बच्चों के भविष्य को देखते हुए हरकदम पर साथ खड़े रहने का भरोसा भी दिला रहे हैं। खैरागढ़ राजपरिवार का विवाद संभवत आने वाले समय में दोनों पक्ष न्यायालय तक जाये।
ग्राम पंचायत उदयपुर को
रिसीवर नियुक्त
शासन द्वारा दी गई अधिकारिक जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी छुईखदान द्वारा उदयपुर पैलेस, ग्राम उदयपुर, तहसील छुईखदान के सम्बंध में सुश्री सताक्षी सिंह, श्रीमती उज्ज्वला सिंह, श्रीमती स्मृति सिंह भार्गव, श्रीमती आकांक्षा सिंह एवं श्रीमती विभा सिंह के मध्य कब्जे के सम्बंध में विवाद की सूचना तथा उक्त विवाद के कारण परिशांति भंग होने की संभावना सम्बंधी इस्तगासा एसडीएम गंडई छुईखदान को दी गयी। जिसके आधार पर एसडीएम द्वारा सीआरपीसी 1973 की सुसंगत धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है एवं कब्जे के सम्बंध में विवाद के विनिश्चय तक पैलेस को कुर्क किया जाकर ग्राम पंचायत उदयपुर को रिसीवर नियुक्त किया गया है।
कमल विलास पैलेस खैरागढ़ के प्रकरण के सम्बंध में कार्यवाही करते हुए एसडीएम खैरागढ़ द्वारा नगर पालिका परिषद खैरागढ़ को रिसीवर नियुक्त किया गया है।