राजनंदगांव(अमर छत्तीसगढ) 5 नवंबर। राजनंदगांव के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों द्वारा सामूहिक रूप से त्यागपत्र देने की खबर से चिकित्सा क्षेत्र में हलचल मच गई है। कॉलेज के 22 डॉक्टरों ने अपना त्यागपत्र सौंपा है, जिसके तहत एक महीने का नोटिस पीरियड रहेगा। इस मुद्दे को लेकर समाजसेवी तथागत विजय पांडे ने पहल की और डॉक्टरों से मिलकर उनसे अपने त्यागपत्र को वापस लेने का आग्रह किया।
तथागत विजय पांडे ने डॉक्टरों से कहा कि उनकी सेवाएँ केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि मानव धर्म की पहचान भी हैं। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों का योगदान न केवल अस्पताल के निर्धारित समय के दौरान, बल्कि अस्पताल से बाहर भी मरीजों के हित के लिए होता है। अस्पताल टाइम के बाद किसी डॉक्टर का डिस्पेंसरी में बैठना सेवा-भाव का एक बड़ा उदाहरण है, जिससे समाज में उनके प्रति सम्मान और विश्वास बढ़ता है।
पांडे ने जोर देकर कहा कि अगर डॉक्टरों का त्यागपत्र मंजूर होता है, तो मरीजों को चिकित्सा सुविधाओं में कमी का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने आग्रह किया कि डॉक्टर इस फैसले पर पुनर्विचार करें ताकि राजनंदगांव के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएँ मिलती रहें और उन्हें इलाज में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
राजनंदगांव मेडिकल कॉलेज के इन 22 डॉक्टरों का सामूहिक त्यागपत्र स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति समाज में एक गहरी चिंता पैदा कर रहा है।
तथागत पांडे की टीम सदा आपके साथ खड़ी है अगर आंदोलन की भी जरूरत पड़ी तो हम करेंगे लेकिन अभी जिस तरीके के हालात हैं राजनंदगांव मेडिकल कॉलेज में उस में मैं समझता हूं कि आप भगवान का दूसरा रूप है गरीबों के लिए भगवान है आप डॉक्टर लोगों को इस तरीके से सामूहिक इस्तीफा नहीं देना चाहिए मेरा आप सभी से आगरा है कि आप लोग संस्कारधानी राजनांदगांव की जनता के मन की बातों को भी समझेंगे…।