समस्त भारत वर्ष के जैन संघों से सामुहिक 99999 आयंबिल का मंगल आह्वान…. 21 से 29 नवंबर 9 दिनों तक होगी तपस्या, बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

समस्त भारत वर्ष के जैन संघों से सामुहिक 99999 आयंबिल का मंगल आह्वान…. 21 से 29 नवंबर 9 दिनों तक होगी तपस्या, बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

गिरनार(अमर छत्तीसगढ) 9 नवंबर।

स्वर्णिम इतिहास की ओर बढ़ते कदम

विगत 1000 वर्ष के शासन में ऐसी अलौकिक अनुपम अद्वितीय विरल घटना का स्वर्णिम इतिहास बनने जा रहा है ।
सामुहिक आयंबिल के पावन पुण्य प्रभाव से अपने जिनशासन में मैत्री, विश्व शांति एवं हम सभी की चारित्र शुद्धि हो।

आचार्य धर्मरक्षित सुरीश्वर महाराजा के शिष्य आयंबिल के भीष्म प्रतिज्ञाधारी आचार्य श्री हेमवल्लभ सुरि जी मसा जी अखंड 9999 आयंबिल पूरे करके दस हज़ार आयंबिल तप के शिखर पर विराजित होने जा रहे ।
साथ ही 21 नवम्बर 2024 से 17 दिसंबर 2024 तक 27 दिवसीय छः री पालित पैदल संघ शंखेश्वर जी से गिरनार जी तक की होने जा रही है । जिसके तहत 21 नवम्बर से 29 नवंबर तक 9 दिनों तक आयंबिल तप 9999 आयंबिल की अनुमोदना हेतु समस्त भारत वर्ष में किया जा रहा है जिसके लिए 99999 साधकों द्वारा आयंबिल का लक्ष्य रखा है । इसलिए समस्त भारत के आयंबिल आराधकों से निवेदन है कि तप शिरोमणि उग्र तपस्वी के दस हज़ार आयंबिल के तप अनुमोदनार्थ अधिक से अधिक आयंबिल तप कर, गुरुदेव को एक छोटी सी भेट देवे ।

21 /11/2024 से 29 /11/2024 में आयंबिल का आयोजन

9 दिन आयंबिल आराधकों का विशेष बहुमान किया जाएगा ।

प्रतिदिन कम से कम 100 रुपये से तपस्वी की संघ पूजा का आयोजन हो ।

आराधकों का आयंबिल आयंबिल शाला में ही होगा ।

श्रीसंघ के आयंबिल शाला का नकरा की जानकारी दे जिससे आयंबिल शाला में उस राशि का भुगतान किया जा सके ।

कम से कम 29 /11/2024 को 99999 करने का लक्ष्य रखे व अधिक से अधिक संख्या में जुड़कर आयंबिल तप का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाये

दूध, दही, घी तेल नमक और शक़्कर ।
भोग, स्वाद, कषाय ही है 84 का चक्कर ।।
रस त्याग से रसनेन्द्रिय विजेता बनकर ।
तेज़ फैलता आत्मा का जैसे हो दिनकर ।।
तन, मन, काया के शुद्ध भाव से कर उपवास ।
तपाकर स्वयं को स्वर्ण से कुंदन बन जाते खास ।।
चित्त और चरित्र को करके निर्मल और पावन ।
राग रंग को छोड़ ईश्वर की भक्ति में लगता है मन ।।
संयम साधना और तप से स्वयं को दीपाया ।
जिनशासन का डंका दसों दिशाओं में बजाया ।।
साक्षी बने इस अद्वितीय पल के हम सब ।
जो सैकड़ो वर्षों के इतिहास में हुआ नही अब ।।
करते है हृदय से तप और तपस्वी की अनुमोदना ।
ऐसे हेम वल्लभ सुरि जी के चरणों में ‘परी’ वंदना ।।

केवल 3 प्वाइंट में समझते है इस पूरे आयंबिल महोत्सव की रूपरेखा

1 दिनांक 21 से 29 नवंबर तक आपको 9 दिन या किसी भी दिन जितनी आपकी अनुकूलता हो , संघ की आयंबिल शाला हो तो वहा पर जाकर आयंबिल करना हैं , जिसके लिए किसी भी प्रकार से कोई भी फॉर्म नहीं भरना हैं ।

जिसके लिए प्रति आयंबिल /प्रति दिन 100 रूपये की प्रभावना तपस्वी को और इतनी ही प्रभावना आयंबिल शाला को दी जावेगी । आप अपनी प्रभावना आयंबिल शाला से प्राप्त कर सकतें हैं ,आयंबिल शाला के खाते में राशि हमारे द्वारा तत्काल ट्रांसफर कर दी जावेगी।

2 आयंबिल शाला नहीं हो तो ही आप घर पर आयंबिल कर सकतें है ,उसकी प्रभावना 100/ प्रति आयंबिल प्रति दिन आपके खाते मे ट्रांसफर की जावेगी , जिसके लिए आपको गूगल फॉर्म भरना अनिवार्य हैं ।

39 दिन आयंबिल करने वाले तपस्वी का विशेष बहुमान हमारी और से किया जाएगा।

आयोजक
वर्धमान संस्कार धाम मुंबई एवं समस्त भारत गिरनार प्रेमी परिवार
संपर्क सूत्र

भारत वर्ष के लिए – 7990943660

मध्य प्रदेश -9926098365
छत्तीसगढ़ – 9424227289

Chhattisgarh