नगपुरा(अमर छत्तीसगढ) 14 नवंबर।
आज तीर्थ में मुमुक्षु राहुल प्रहलाद भाई सकलेचा सूरत तीर्थपति के दर्शन वंदन हेतु पधारे,आप दि 22 जनवरी 2025 को श्री विमलनाथ प्रभु की छत्रछाया में वलसाणा तीर्थ में दीक्षा ग्रहण करेंगे ।
पूनम आराधना
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कार्तिक पूर्णिमा दि 15.11.2024 शुक्रवार को तीर्थ पधारिये
कार्तिक पूर्णिमा का जैन धर्म में विशेष महत्व
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कार्तिक पूर्णिमा का जैन धर्म में विशेष महत्व है क्योंकि चातुर्मास जो आषाढ़ चतुर्दर्शी से प्रारम्भ होता है, वह कार्तिक पूर्णिमा के दिन संपन्न होता है। यह शुभ दिन तीन कारणों से जैन शासन में महत्वपूर्ण है।
(1) कार्तिक पूनम के दिन चातुर्मास पश्चात् श्री शत्रुंजय महातीर्थ पालिताना, इस शाश्वत गिरिराज की यात्रा पुनः प्रारंभ होती है। आज ही के दिन द्राविड एवं वारिखिल्लजी 10 करोड़ मुनियों के साथ इस गिरिराज से मोक्ष पधारे थे।
कार्तिक सुद पूनम दिने,
दस कोड़ि परिवार
द्राविड़ने वारिखिल्लजी,
सिद्ध थया निरधार… (३)
तिण कारण कार्तिक दिने, संघ सकल परिवार
आदिदेव संमुख रही, खमासमण बहुवार… (४)
(2) इस दिन के बाद जैन साधू-साध्वी चातुर्मास संपन्न होने से अपनी विहार यात्रा पुनः शुरू करते हैं।
(3)इसदिन बारहवीं शताब्दी के एक महान संत और विद्वान्, महाराजा कुमार पाल के गुरू, योगशास्त्र के रचयिता जैनाचार्य प्रातः स्मरणीय कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचंद्राचार्य भगवंतजी का जन्म जयंती के रूप में मनाया जाता है,इस वर्ष 936 वां जन्मदिवस है (वि सं 1145)।——————–
इस दिन अपनी अपनी सुविधानुसार शत्रुंजय तीर्थ की यात्रा अथवा भाव यात्रा ज़रूर करना चाहिए ,इस दिन चातुर्मास हेतु विराजित गुरू भगवंत शत्रुंजय की भाव यात्रा का आयोजन कराते हैं और विभिन्न, स्तुति ,क्रियाओ के माध्यम से तलेटी से लेकर दादा श्री आदिश्वर प्रभु के साथ ही सभी टूंक में विराजित परमात्मा को वंदन करते हैं।इस मंगल दिवस पर आप भी श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ पधारकर पर्व आराधना से जुड़े, तीर्थ के अनन्य भक्त श्री प्रमोद भाई लालचंद शाह धमतरी ने इस तीर्थ में आराधना हेतु श्री शत्रुंजय महातीर्थ का सुंदर पट्ट भेंट किया है,कल इस पट्ट का दर्शन कर आप भी भाव यात्रा के साथ श्री आदिश्वर प्रभु को वंदन कर सकते हैं