काठमाण्डौ का सफलतम स्वर्णिम चातुर्मास के पश्चात भ.महावीर जैन निकेतन से विहार

काठमाण्डौ का सफलतम स्वर्णिम चातुर्मास के पश्चात भ.महावीर जैन निकेतन से विहार

काठमाण्डौ नेपाल (अमर छत्तीसगढ) 16 नवंबर।

युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री रमेश कुमार जी सहवर्ती मुनिश्री रत्न कुमार जी ने आज अपना सफलतम अन्तरराष्ट्रीय चातुर्मास सम्पन्न करके भगवान महावीर जैन निकेतन स्थित तेरापंथ कक्ष काठमांडू 8:15 पर मंगल विहार हुआ।

विहार से पूर्व भक्तामर स्तोत्र का पाठ हुआ। उसके पश्चात मुनि रमेश कुमार जी ने एक सुमधुर गीत सुनाया। जिसके शब्द इस प्रकार थे- “म्है तो आज करां विहार ,आ पक्की दिलड म्है धार” ।

मुनिश्री रमेश कुमार ने कहा – काठमाण्डौ का यह चातुर्मास बहुत ही सुखद व साताकारी चातुर्मास रहा। इसे मैं अपने जीवन का स्वर्णिम चातुर्मास भी कह सकता हूं।आप सबने चातुर्मास में लाभ लिया आगे भी धर्म ध्यान करते रहना श्रद्धा भक्ति को बढ़ाते रहना व गुरुदेव की आज्ञा निर्देश का पालन करते रहना।

तेरापंथी सभा के अध्यक्ष सौभागमल जम्मड ने पूरे समाज की ओर से मुनिद्वय से खमत कामना किया। दोनों संतों ने भी सभी से खमतखावणा किया।

भगवान महावीर जैन निकेतन से भव्य जुलूस के साथ विहार करके श्री कालूराम जी दूगड़ के निवास स्थान पर होते हुए श्री सुरेश जी धाडेवा के निवास स्थान पर पधारे।
जुलूस में सैकड़ों श्रद्धालु श्रावक श्राविकाएं अनुशासित रूप में चल रहे थे।

आज पहले दिन का प्रवास स्व. मूलचन्द – श्रीमती विजया देवी धाडेवा के सुपुत्र श्री सुरेश रश्मि धाडेवा के निवास पर हुआ। मुनि द्वय का पारिवारिक जनों ने भव्य स्वागत किया। परिवार की बहनों ने स्वागत गीत गाकर मुनिश्री का स्वागत किया। जैन परिषद के अध्यक्ष विमल राखेचा ने भी परिवार की ओर से संतों का व पूरे समाज का भावभरा स्वागत किया।

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