राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ) 27 नवंबर। घोर तपस्वी महात्मा, कठोर तप साधक महास्थिवर, आडा़ आसन त्यागी, सूर्य आतापनाधारी, वचन सिध्दि धारक, मौन साधक, सामायिक स्वाध्याय के प्रणेता आराध्य गुरूदेव प,पु,श्री शीतलराज जी म,सा, का आज बर्ह्मणी से प्रातः6ः30 बजे डोगरगढ़ की ओर विहार हुआ।
आपके आहार विहार की सुख साता पुछते है, आपके पावन चरणों वंदन है नमन है प,पु,गुरूदेव का आज रात्रि विश्राम कुसमी में रहेगा। पैदल चलो विहार में आये अति आनंद।लाभ मिले भवजल कटे,आत्मा बने बुलंद।
आपके विहार में जयपुर, इन्दौर, बालाघाट, बैतूल, रायपुर, दुर्ग के भक्तगण सेवा दे रहे है। विहार सेवा अनमोल सेवा आराध्य गुरूदेव स्वस्थ रहे,आपका आशीर्वाद हम सभी भक्तो पर बरसता रहे,ऐसी मंगलकामना वीर प्रभु से करते है। आपका 2025 का चार्तुमास बैतूल होना संभावित है ।