कवर्धा(अमर छत्तीसगढ) , 24 नवंबर 2024।
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिले में खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के तहत स्वीकृत मिनी स्टेडियमों के निर्माण कार्यों की गहन समीक्षा की। उन्होंने निर्माण एजेंसी और संबंधित विभागीय अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि मिनी स्टेडियम युवाओं के भविष्य से जुड़े हुए हैं। इन कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही, अनियमितता या गुणवत्ताहीन कार्य हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि मिनी स्टेडियम केवल खेल को बढ़ावा देने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि ग्रामीण युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और उन्हें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने का जरिया भी हैं। ये स्टेडियम युवाओं की प्रतिभा को निखारने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के नए अवसर प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि निर्माण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी सहन नहीं की जाएगी। सभी परियोजनाएं तय समय-सीमा में पूरी होनी चाहिए। निर्माण कार्य प्रारंभ से समापन तक उच्चतम गुणवत्ता के मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
कलेक्टर ने बैठक में सख्त निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में किसी भी स्तर पर समझौता नहीं होना चाहिए। यदि गुणवत्ताहीन निर्माण की शिकायत मिली, तो इसकी तत्काल जांच की जाएगी। शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित ठेकेदारों पर कठोर कार्रवाई होगी, और भविष्य में उन्हें सरकारी निर्माण कार्यों से वंचित किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों को नियमित निरीक्षण और मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता बनाए रखना अनिवार्य होगा। कार्य में देरी या अनियमितता पाए जाने की स्थिति में संबंधित एजेंसी का भुगतान रोकने का निर्देश भी दिया गया।
24 गांवों में स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति
इस योजना के तहत जिले के दौजरी, बदरा डीह, बैजलपुर-मक्के, उसरवाही, झलमला, चिल्फी, खैरबना, बंदरची, जिटाटोला, खारा, सूरजपुरा, बदौड़ा खुर्द, सिघनपुर जंगल, दुल्लापुर, घुघरिकल, पवंतरा, नेवारी, तीतरी, सिल्हाटी, अमलीडीह, भोंदा, काँपा, कामड़बरी और नेउर गांव खुर्द में मिनी स्टेडियम बनाए जाएंगे।
12.29 करोड़ रुपये की मंजूरी, कार्य में तेजी का निर्देश
आरईएस विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री आई.पी. सोमनकर ने बताया कि जिले के 24 गांवों में मिनी स्टेडियम निर्माण के लिए राज्य शासन द्वारा ₹12.29 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। प्रत्येक मिनी स्टेडियम के निर्माण पर लगभग ₹51 लाख की लागत आएगी। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिए गए हैं।
खेल सुविधाओं का विस्तार और युवाओं के लिए अवसर
मिनी स्टेडियम निर्माण का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को खेल के लिए उपयुक्त बुनियादी ढांचा और प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इन स्टेडियमों में स्थानीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा सकेगा, जिससे बच्चों और युवाओं को अपने खेल कौशल को निखारने का अवसर मिलेगा। इन मिनी स्टेडियमों में फुटबॉल, क्रिकेट, कबड्डी जैसे खेलों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मैदान और सुविधाएं विकसित की जाएंगी।