राजनांदगांव।(अमर छत्तीसगढ़) जिले के नगर पालिका परिषद खैरागढ़ का चुनाव टॉस के माध्यम से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस के खाते में गया। कांग्रेस के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष बनने के साथ ही नगर पालिका ने ढाई करोड़ रूपये की लागत से वार्डों में विकास कार्य कराने के लिए टेंडर आमंत्रित किया।
कांग्रेस की गुटबाजी का प्रमाण यहां दिखा जहां भाजपा समर्थित लेागों को निविदा देने के मामले में कांग्रेस की मिलीजुली व चुप्पी सामने आयी है। चुनाव परिणाम कांग्रेस का पिछडऩे का कारण पार्टी की गुटबाजी व प्रत्याशी चयन को लेकर आरोपी प्रत्यारोप को चर्चाओं में सत्ता पक्ष ही आरोप प्रत्यारोप लगा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष होने के बावजूद टेंडर आमंत्रित करने के मामले में तथा टेंडर के लिए आवेदनों को लेकर पक्षपात को लेकर आरोप, प्रत्यारोप भी लगे। कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष भीखम चंद छाजेड़ भी सामने आ गये। कांग्रेस की गुटबाजी अगले माह होने वाले खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को लेकर गुटबाजी का खामियाजा सत्ता पक्ष को भुगतना पड़ सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार नगर पालिका परिषद खैरागढ़ में निर्माण कार्यो को लेकर टेंडर आहूत की गया था, जिसमें टेंडर लेने पंजीकृत ठेकेदारों को नगर पालिका परिषद खैरागढ़ में टेंडर फॉर्म लेकर टेंडर भरना था पर जानकार स्थानीय सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने कांग्रेस के लोगों को छोड़ भाजपा के लोगों को टेंडर फॉर्म दिलाने दबाव बनाया जिस पर गहमागहमी की स्थिति निर्मित हो गई सत्ता आने के बाद में कांग्रेस के लोगों ने सोचा था कि अब कांग्रेस के लोग ठेके में अपनी भूमिका अदा कर पाएंगे लेकिन उलट भाजपा के लोगों को कांग्रेस के लोग ही लाभ दिलाने कमर कस लें तो आने वाले उपचुनाव में कांग्रेस किन कार्यकर्ताओं के बूते चुनाव लड़ेगी और भाजपा को कैसे पटकनी देगी यह तो खैरागढ़ का विधानसभा चुनाव के परिणाम से ही तय होगा पर बहरहाल इसी तरह से अगर चलता रहा तो निश्चित रूप से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं मैं नाराजगी उभर कर सामने आएगी इसका खामियाजा उपचुनाव में भुगतना पड़ सकता है।