बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ़) अक्तर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत बारह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में आज 28/1/2022 शुक्रवार को गूगल मीट पर षट्तिला एकादशी पर आयोजित ऑनलाइन भक्तिमय सतसंग कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल अध्यक्ष ने अपने निवास स्थान पर विष्णु भगवान के छाया चित्र पर रोली अक्षत का तिलक लगा श्री फल चढ़ा माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना आराधना से किया।
कीर्ति अग्रवाल ने गणेश वंदना, सुलोचना धनावत ने पितरों की वंदना, यशोदा गुप्ता ने गुरु वंदना प्रस्तुत किया। निशा गोयल ने एकादशी का भजन प्रस्तुत किया। कुसुम अग्रवाल ने षट्तिला एकादशी की पौराणिक कथा सुनाई।
कार्यक्रम की संयोजिका पुष्पा अग्रवाल और सुलोचना धनावत ने सतसंग भक्तिमय कार्यक्रम का आयोजन किया। पुष्पा अग्रवाल के निवास स्थान पर भगवान के दरबार में कुसुम अग्रवाल ने भोग लगा आरती कर कल्याण की प्रार्थना की गई।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि तृप्ति अग्रवाल, बैंगलोर जो
स्माईल सत्संग गीता ज्ञान से जुड़ी है जिन्हे अनमोल रत्न की उपाधि प्राप्त है
ने अपने रसमई सतसंग से सभी को आत्मविभोर कर दिया।सभी बहनों ने अपनी भजन प्रस्तुति सामूहिक कीर्तन, सतसंग से एकादशी पर्व को हरशोलास के साथ मनाया।सतसंग का अर्थ अपने अंदर के से को जानना होता है,अपनी अंतरात्मा को जगाइए, हम अपने जीवन की कहानी स्वयं लिखते है अपनी परस्तितियो को बदल सकते है विपरीत परिस्थिति में धैर्य से कार्य करे दूसरो की गलतियों को धारण करे एक्सेप्ट करे नजर अंदाज करे शांत रहे उन्हे उनकी गलती को प्रेम से बताए तो अवश्य परिस्थिति को नियंत्रण में रख प्रेम सौहाद्र का माहौल बना सकते है।ये बहुत बड़ा प्रदर्शन होगा। हम अपने थाली का समान ग्रहण करेंगे तो स्वाद का पता चलेगा।ठीक वैसे ही हम जब स्वीकारने लगेगे तो बिना परिश्रम स्तिथिया बदल जाएगी। ईश्वर का हाथ अटल विश्वास के साथ पकड़िए तो अवश्य मोक्ष प्राप्त होगा।अच्छा बनने की होड़ में ना लगे सच्चा बनने का प्रयास करिए।
विशिष्ट अतिथि नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने परिवार साक्षरता दिवस पर अपने उद्बोधन में बताया ये खास दिवस 27 जनवरी को परिवार को और अधिक साक्षर बनाने के उद्देश से मनाया जाता है।
उन्होंने इस वर्ष की थीम लर्निंग इन द ग्रेट आउटडोर्स पर प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि पूजा अग्रवाल बैंगलोर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया निकोलस सर्कोजी (जन्म: 28 जनवरी, 1955) फ्रांसीसी राजनीतिज्ञ हैं जो 16 मई, 2007 से 15 मई, 2012 तक फ्रांस के राष्ट्रपति और अंडोरा के पूर्व प्रधानमंत्री थे।
विशिष्ट अतिथि सुशीला अग्रवाल शांतिनिकेतन कोलकाता ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया के. एम. करिअप्सुमन कल्याणपुर पा – भारतीय सेना के प्रथम कमांडर-इन-चीफ।
विशिष्ट अतिथि यशोदा गुप्ता कटनी मध्यप्रदेश ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया राजेन्द्र केशवलाल शाह (जन्म: 28 जनवरी, 1913 – मृत्यु: 2 जनवरी, 2010) एक गुजराती भाषा साहित्यकार थे। इन्हें 2001 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।राजेन्द्र शाह की साहित्य यात्रा 1933 में मुम्बई के विल्सन कॉलेज की पत्रिका ‘ विलसोनियन ‘ में प्रकाशित एक कविता के साथ शुरू हुई, लेकिन उनका पहला कविता संग्रह ‘ध्वनि’ इस पहली कविता के प्रकाशन के लगभग 18 वर्ष बाद प्रकाशित हुआ। इस पहले संग्रह ने ही गुजराती साहित्य की दुनिया में भारी हलचल पैदा कर दी। गेयता उनके काव्य शिल्प का प्रमुख गुण है और प्रेम, प्रकृति, ईश्वर, आधुनिक सभ्यता, राजनीति और ग्राम जीवन तक की सारी चिन्ताएं समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की गवाही देते हैं। उनकी कविताओं में रहस्यवाद के स्वर का उत्स विद्वत जन नरसी मेहता, कबीर और अखा जैसे महान् मध्यकालीन रचनाकारों में मानते हैं। सौंदर्य के अन्वेषी और उसके गायक शाह के अब तक 21 काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। रचनाकार राजेन्द्र शाह ने जयदेव, विद्यापति, जीवनानंद दास और बुद्धदेव बसु की अनेक कृतियों का गुजराती में अनुवाद भी किया है।राजेन्द्र शाह की कविताएं समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं। वे सौंदर्य के अन्वेषी और उसके गायक रहे हैं। उनकी कविता में गेयता का गुण प्रमुख रूप से उभरकर आता है। उनकी कविताओं का उत्कर्ष- प्रेम, प्रकृति, ईश्वर, मृत्यु, आधुनिक सभ्यता, मिथों, राजनीति और ग्राम जीवन के सहज सौंदर्य-चित्रण में देखा जा सकता है। भावावेगों की तीव्रता और रूप व अभिव्यक्ति के अभिनव प्रयोग उनको एक महत्वपूर्ण कवि के रूप में स्थापित करते हैं।
विशिष्ट अतिथि शिखा गुप्ता बैंगलोर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया भगवत दयाल शर्मा (जन्म- 28 जनवरी, 1918, रोहतक, हरियाणा; मृत्यु- 22 फ़रवरी, 1993) हरियाणा राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री थे। इन्होंने ‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ में भी योगदान दिया था। अपने कार्यकर्ताओं के बीच भगवत दयाल शर्मा ‘पण्डितजी’ के नाम से प्रसिद्ध थे। बी. डी. शर्मा 23 सितम्बर, 1977 को उड़ीसा के राज्यपाल बनाये गए थे। इसके बाद वे 1980 से 1984 तक मध्य प्रदेश राज्य के भी राज्यपाल रहे।
विशिष्ट अतिथि पार्बती अग्रवाल लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया राजा रमन्ना (जन्म- 28 जनवरी, 1925; मृत्यु- 24 सितंबर, 2004) भारतीय परमाणु वैज्ञानिक थे जिन्होंने भारत के परमाणु कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे सन 1964 में भारत के परमाणु कार्यक्रम में शामिल हुए थे और प्रारंभ में प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक होमी जहाँगीर भाभा की देखरेख में कार्य किया और उनके निधन के बाद सन 1967 में इस कार्यक्रम के निदेशक बन गए। उन्होंने परमाणु हथियारों के विकास से सम्बंधित वैज्ञानिक शोध का निरिक्षण किया और बढ़ावा दिया। वे सन 1974 में भारत के पहले परमाणु परिक्षण (स्मायिलिंग बुद्धा) करने वाले वैज्ञानिक दल के मुखिया भी थे। इन्हे पद्म श्री (1968), पद्म भूषण (1973) और पद्म विभूषण (1975) से पुरस्कृत किया गया।
विशिष्ट अतिथि सबिता अग्रवाल सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया प्रतापसिंह रावजी राणे (जन्म- 28 जनवरी, 1939) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ हैं, जो गोवा के भूतपूर्व तीसरे मुख्यमंत्री रहे।ये 7 बार गोवा के मुख्यमंत्री पद पर शोभायमान रहे।
वरिष्ट सदस्या सुलोचना धनावत ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया पंडित जसराज (जन्म- 28 जनवरी, 1930, हिसार; मृत्यु- 17 अगस्त, 2020, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य अमेरिका) भारतीय शास्त्रीय संगीत के विश्वविख्यात गायक थे। हमारे देश में शास्त्रीय संगीत कला सदियों से चली आ रही है। इस कला को न केवल मनोरंजन का, अपितु ईश्वर से जुड़ने का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत माना गया है। ऐसे ही एक आवाज़ थे ख्यातिप्राप्त पंडित जसराज जी, जिन्होंने मात्र 3 वर्ष की अल्पायु में कठोर वास्तविकताओं की इस ठंडी दुनिया में अपने दिवंगत पिता से विरासत के रूप में मिले केवल सात स्वरों के साथ क़दम रखा था। उनका संबंध मेवाती घराने से था। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें पद्म विभूषण (2000), पद्म भूषण (1990) और पद्मश्री (1975) जैसे सम्मान से नावाजा गया था।
कुसुम अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया विद्यानिवास मिश्र (जन्म- 28 जनवरी, 1926, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 14 फ़रवरी, 2005) हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार, सफल सम्पादक, संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान और जाने-माने भाषाविद थे। हिन्दी साहित्य को अपने ललित निबंधों और लोक जीवन की सुगंध से सुवासित करने वाले विद्यानिवास मिश्र ऐसे साहित्यकार थे, जिन्होंने आधुनिक विचारों को पारंपरिक सोच में खपाया था। साहित्य समीक्षकों के अनुसार संस्कृत मर्मज्ञ मिश्र जी ने हिन्दी में सदैव आँचलिक बोलियों के शब्दों को महत्त्व दिया। विद्यानिवास मिश्र के अनुसार- “हिन्दी में यदि आँचलिक बोलियों के शब्दों को प्रोत्साहन दिया जाये तो दुरूह राजभाषा से बचा जा सकता है, जो बेहद संस्कृतनिष्ठ है।” मिश्र जी के अभूतपूर्व योगदान के लिए ही भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से भी सम्मानित किया था।
पुष्पा अग्रवाल अध्यक्ष रायपुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया
करिअप्पा (जन्म: 28 जनवरी, 1899 – मृत्यु: 15 मई, 1993)] भारत के पहले नागरिक थे, जिन्हें ‘प्रथम कमाण्डर इन चीफ़’ बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। करिअप्पा ने जनरल के रूप में 15 जनवरी, 1949 ई. को पद ग्रहण किया था। इसके बाद से ही 15 जनवरी को ‘सेना दिवस’ के रूप में मनाया जाने लगा। करिअप्पा भारत की राजपूत रेजीमेन्ट से सम्बद्ध थे। 1953 ई. में करिअप्पा सेवानिवृत्त हो गये थे, लेकिन फिर भी किसी न किसी रूप में उनका सहयोग भारतीय सेना को सदा प्राप्त होता रहा।
भगवती अग्रवाल अध्यक्ष कोरबा इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया लाला लाजपत राय (जन्म: 28 जनवरी, 1865; मृत्यु: 17 नवंबर, 1928 ई., लाहौर, अविभाजित भारत) को भारत के महान् क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले लाला लाजपत राय को ‘पंजाब केसरी’ भी कहा जाता है। लालाजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता तथा पूरे पंजाब के प्रतिनिधि थे। उन्हें ‘पंजाब के शेर’ की उपाधि भी मिली थी। उन्होंने क़ानून की शिक्षा प्राप्त कर हिसार में वकालत प्रारम्भ की थी, किन्तु बाद में स्वामी दयानंद के सम्पर्क में आने के कारण वे आर्य समाज के प्रबल समर्थक बन गये। यहीं से उनमें उग्र राष्ट्रीयता की भावना जागृत हुई। लालाजी को पंजाब में वही स्थान प्राप्त है, जो महाराष्ट्र में लोकमान्य तिलक को प्राप्त है।
डिंपल अग्रवाल अध्यक्ष सरिया इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया बसवराज सोमप्पा बोम्मई ( जन्म- 28 जनवरी, 1960) कर्नाटक के नवनियुक्त मुख्यमंत्री हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदयुरप्पा के इस्तीफे के बाद वह राज्य के नये मुख्यमंत्री बनाये गये हैं। 27 जुलाई, 2021 को बी. एस. येदयुरप्पा ने खुद बसवराज बोम्मई के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसका मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा और बाकी सभी विधायकों ने समर्थन किया। जनता दल से राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत करने वाले बसवराज बोम्मई येदयुरप्पा सरकार में गृहमंत्री रहे हैं और उनके बेहद करीबी भी माने जाते हैं।
शीतल लाठ अध्यक्ष बिलासपुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया शेफाली वर्मा (जन्म- 28 जनवरी, 2004, रोहतक, हरियाणा) भारत की प्रसिद्ध महिला क्रिकेटर हैं। वह टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की क्रिकेटर हैं। 15 साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने के साथ ही शैफाली वर्मा सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने वाली क्रिकेटर बन गईं। उन्होंने सचिन तेंदुलकर के 30 साल पुराने उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया जो सचिन ने 16 साल की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने के साथ अपने नाम किया था। यही नहीं, शेफाली वर्मा अब क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भी भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की क्रिकेटर बन गई हैं।
प्रतिभा गुप्ता भाटापारा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया नासिरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ ( जन्म: 6 मार्च, 1508 ई. – मृत्यु: 27 जनवरी, 1555 ई.) एक प्रसिद्ध मुग़ल शासक था। हुमायूँ का जन्म बाबर की पत्नी ‘माहम बेगम’ के गर्भ से 6 मार्च, 1508 ई. को काबुल में हुआ था। बाबर के 4 पुत्रों- हुमायूँ, कामरान, अस्करी और हिन्दाल में हुमायूँ सबसे बड़ा था। बाबर ने हुमायूँ को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। भारत में राज्याभिषेक के पूर्व 1520 ई. में 12 वर्ष की अल्पायु में उसे बदख्शाँ का सूबेदार नियुक्त किया गया। बदख्शाँ के सूबेदार के रूप में हुमायूँ ने भारत के उन सभी अभियानों में भाग लिया, जिनका नेतृत्व बाबर ने किया था।
राजकुमारी गुप्ता रायपुर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया 1922- रॉबर्ट डब्ल्यू हॉली, अमेरिकी जीवरसायनज्ञ, शरीर विज्ञान या चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित (मृ. 1993)
प्रियंका मित्तल कटघोरा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया हंसमुख धीरजलाल सांकलिया (दिसंबर १०, १९०८, मुंबई – जनवरी २८, १९८९, पुणे) को प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७४ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं।
कीर्ति अग्रवाल कोरबा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया ओ॰ पी॰ नय्यर ने अपना फिल्मी सफर शुरू किया १९४९ में कनीज फिल्म में पार्श्व संगीत के साथ। इसके बाद उन्होंने आसमान (१९५२) को संगीत दिया। गुरुदत्त की आरपार (१९५४) उनकी पहली हिट फिल्म थी। इसके बाद गुरुदत्त के साथ इनकी बनी जोड़ी ने मिस्टर एंड मिसेज़ 55 तथा सी आई डी जैसी फिल्में दीं। नय्यर ने मेरे सनम में अपने संगीत को एक नयी ऊंचाईयों पर ले गए जब उन्होंने जाईये आप कहाँ जायेंगे तथा पुकारता चला हूं मैं जैसे गाने दिये। उन्होंने गीता दत्त, आशा भोंसले तथा मोहम्मद रफी के साथ काम करते हुए उनके कैरियर को नयी ऊंचाईयों पर पहुंचाया। उन्होंने कभी लता मंगेशकर के साथ काम नहीं किया।
प्रिया गोयल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया जेडी सैलिंगर लेखक उपन्यासकार ‘द कैचर इन द राइ’ का आज के ही दिन निधन हुआ था।उन्होंने उनकी कृतियों पर सरल सब्दी में प्रकाश डाला।
अंशु अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया इसरो ने इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी (आईआईएसटी) केनाम से एशिया की पहली स्पेस यूनिवर्सिटी स्थापित करने तथा अंतरिक्ष विज्ञान केलिए बीटेक पाठ्यक्रम कराने की घोषणा की।
उमा बंसल महासचिव कोरबा और प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष अंबिकापुर ने आज के इतिहास की मुख्य घटनाओं पर प्रकाश डाला।
1835 – पश्चिम बंगाल में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की शुरुआत हुई।
1950 – न्यायाधीश हीरालाल कानिया ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद सम्भाला।
1998 – ‘राजीव गांधी हत्याकांड’ में 26 अभियुक्तों को मृत्युदंड।
1999 – भारत में पहली बार संरक्षित भ्रूण से मेमने का जन्म।
2000 – अंडर -19 का युवा विश्वकप क्रिकेट के फ़ाइनल में भारत ने श्रीलंका को हराया।
2002 –
झारखंड के गुमला ज़िले में बारूदी सुरंग विस्फोट से 9 पुलिसकर्मियों सहित 11 मारे गये।
पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन द्वारा एक अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल का अपहरण।
2003 – पश्चिम बंगाल के हावड़ा ज़िले में एक बस और तेल टैंकर में हुई भिड़न्त में 42 मरे व कई घायल हुए।
2005 – पुर्तग़ाल के सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई बम विस्फोट के अभियुक्त अबू सलेम के प्रत्यर्पण की इजाजत दी।
2006 – फ़्रांस की एमेली मास्को ने आस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस का महिला एकल ख़िताब जीता।
2008-
निजी क्षेत्र की कंपनी ‘जिंदल पावर एंड स्टील लिमिटेड’ का लाभ बढ़ा।
थाइलैंड की संसद ने दक्षिण पंथी समक सुंदरावेज को देश का प्रधानमंत्री निर्वाचित किया।
1999 – भारत में पहली बार संरक्षित भ्रूण से मेमने का जन्म।
हेमलता बंसल कोषाध्यक्ष ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
डॉ अनीता अग्रवाल ने अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
संपूर्ण विश्व के कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।
आदित्य राज, आरुषी अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, निशा गोयल,कीर्ति अग्रवाल,मौसम मित्तल, गिरिजा गोयल, नीना अग्रवाल, प्रतिभा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, यशोदा गुप्ता,तारा देवी बेरीवाल, पूजा अग्रवाल, प्रतिमा गुप्ता, उमा बंसल, उषा कलानोरिया, विजया डालमिया, सुशीला, सबिता अग्रवाल, पार्बती अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, रेखा गर्ग, नंदिनी चौधरी , प्रेरणा सराफ, भावना अग्रवाल, प्रेरणा सिंघानिया, ने अपने उद्बोधन, अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।