दिल्ली/रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) यह बजट मध्यम वर्ग को सीधे तौर पर कोई राहत नहीं देता है। हालांकि अगर बजट उस लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होता है, जो देश को आत्मनिर्भर बना सके, तो लंबे समय में इसमें रोजगार पैदा करने की क्षमता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से सेवा वर्ग की मदद करेगी। हमें यह समझने की जरूरत है कि अगर जॉब क्रिएटर्स में वृद्धि नहीं हुई तो नौकरियां पैदा नहीं होंगी। और जॉब क्रिएटर्स को बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट सेक्टर को लाभ देना होगा।
सुप्रीम कोर्ट वकील हिमांशु चौबे ने कहा सरकार ने रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया की दिशा में बड़ा कदम उठाया है, जिससे हमें हथियारों और गोला-बारूद के आयात पर अपनी निर्भरता को कम करने में मदद मिलनी चाहिए। स्वदेशी ड्रोन निर्माण पर भी ध्यान दिया गया है एक स्वागत योग्य कदम है।
बजट ने क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार के रुख के आसपास की अनिश्चितता को भी स्पष्ट किया है। ऐसा लगता है कि सरकार उन देशों की एक लंबी सूची में शामिल हो गई है जिन्होंने स्वीकार किया है कि क्रिप्टोकरेंसी भविष्य है और इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के बजाय, इससे राजस्व अर्जित करना । हालाँकि 30% की कर दर बहुत अधिक लगती है जो छोटे निवेशकों को क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से रोक सकती है। इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी बिक्री से होने वाली किसी भी हानि को भी आयकर रिटर्न में सेट-ऑफ करने की अनुमति नहीं है। इसलिए भले ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार कर लिया है पुर पूरी स्वेत्छा से नहीं।
एक निराशाजनक पहलू यह है कि स्वास्थ्य क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है, जो अभी भी कम और कम स्टाफ वाला है। कोविड ने हमें सिखाया है कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को सरकार से बड़े निवेश और धन की आवश्यकता है।