सुप्रीम कोर्ट द्वारा श्रमिको को मिला न्याय – छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा…. 13 श्रमिको को  8-8 लाख रूपए देने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट द्वारा श्रमिको को मिला न्याय – छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा…. 13 श्रमिको को 8-8 लाख रूपए देने का आदेश

दुर्ग (अमर छत्तीसगढ) 26 फरवरी। द आक्सीजन एसिटीलीन लिमिटेड कुम्हारी जिला- दुर्ग कम्पनी के श्रमिक केदारनाथ यादव सहित 13 श्रमिको को माननीय सुप्रीम कोर्ट दिल्ली द्वारा दिनांक 11 फरवरी 2025 को आदेश पारित किया गया कि श्रमिक केदारनाथ यादव सहित 13 श्रमिको को प्रति श्रमिक 8 लाख रूपए कुल एक करोड़ चार लाख रूपए आठ सप्ताह के भीतर श्रम न्यायालय दुर्ग में राशि जमा कर संबंधित श्रमिको को भुगतान करने का आदेश पारित किये है।

छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कामरेड भीमराव बागड़े ने पे्रस को दिये बयान में जानकारी दिये कि आक्सीजन कम्पनी 1959 में प्रारंभ की गई थी तथा दिसंबर 2001 में कम्पनी प्रबंधको द्वारा बंद की गई थी।

उस समय 70 से अधिक श्रमिक कार्यरत थे, मैनेजमेंट द्वारा इंटक नेता श्री प्रभुनाथ मिश्रा के साथ एग्रीमेन्ट किया गया उस एग्रीमेन्ट के खिलाफ श्रमिकगण छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के साथ जुडक़र 2002 में 57 श्रमिको ने श्रम न्यायालय दुर्ग में अपनी नौकरी व वेतन के लिए प्रकरण पेश किये थे,

प्रकरण औद्योगिक न्यायालय तथा बिलासपुर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच व डबल बेंच में पीटीशन दायर किये थे, हाईकोर्ट से हुए फैसले के खिलाफ प्रबंधको द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एस.एल.पी. दायर की गई थी, उसका फैसला 11 फरवरी 2025 को हुआ है, उन्होंने बतलाया कि कम्पनी ने श्रमिको के लिए 40 क्वार्टर बनाये थे जिसमें श्रमिकगण निवासरत है ।

उन श्रमिको से क्वार्टर खाली कराने प्रबंधको द्वारा बिजली, पानी से वंचित कर प्रताडि़त करने का भरपूर प्रयास किया गया, कुछ श्रमिको ने वर्ष 2010 में रिजाइन देकर करीब 1-1 लाख रूपए प्राप्त किये थे, जो श्रमिकगण अंतिम तक न्यायालय की लड़ाई जारी रखे थे उन्हें माननीय न्यायालय द्वारा न्याय मिला है ।

इसी तरह के प्रकरण सिम्पलेक्स, बी.के. इंजीनियरिंग, बी.ई.सी., भिलाई वायर्स कम्पनियों के श्रमिको का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, उन श्रमिको को भी इसी तरह का न्याय मिलने की उम्मीद है यह जानकारी छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के महासचिव पूनाराम साहू द्वारा दी गई ।

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