शिक्षकों की मनचाहा पोस्टिंग के नाम पर पर रिश्वत लेने वाले दो भ्रष्टाचारी शिक्षक को बिलासपुर सिविल लाईन पुलिस द्वारा किया गया गिरफ्तार

शिक्षकों की मनचाहा पोस्टिंग के नाम पर पर रिश्वत लेने वाले दो भ्रष्टाचारी शिक्षक को बिलासपुर सिविल लाईन पुलिस द्वारा किया गया गिरफ्तार

आरोपीयों के विरूध्द भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत के तहत की गई कार्यवाही

आरोपीयों से नये चयनित शिक्षकों की सूची, घटना में प्रयुक्त मोबाईल एवं रिश्वत का नगदी 18000 रू ० किया गया जप्त

मामले में और भी खुलासा होने की संभावना

नाम आरोपी – 1. योगेश पाण्डेय पिता स्व . अशोक कुमार पाण्डेय उम्र 37 वर्ष निवासी गीतांजली सिटी फेस 01 मकान नंबर 16 / ए गली नंबर 09 थाना सरकण्डा जिला बिलासपुर ( छ.ग. )

  1. नंदकुमार साहू पिता घनश्याम साहू उम्र 30 वर्ष सा ० बंधवापारा सरकंडा थाना सरकंडा बिलासपुर स्थाई पता ग्राम कुम्ही थाना पाण्डातराई जिला कवर्धा मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी शिक्षक निवासी ग्राम सोठी तहसील सक्ती थाना सक्ती जिला जांजगीर चौपा ( छ.ग. ) थाना उप ० आकर लिखित रिपोर्ट दर्ज कराया कि यह शिक्षा विभाग में व्याख्याता है ।

वर्ष 2019 में शिक्षा विभाग में व्यापम द्वारा शिक्षक पद का विज्ञापन निकला था । जिसमें वह अपनी पत्नी का फार्म भरा था उक्त फार्म में यह अपने मोबाईल नंबर को संपर्क नंबर के रूप में भरा था । इसकी पत्नी शिक्षा विभाग में परीक्षा दी थी दिनांक 20/01/2022 को चयनित सूची में इसकी पत्नी का नाम था चयन सूची आने के बाद आरोपी के मोबाईल नंबर से प्रार्थी के मोबाईल नंबर में फोन आया तब इसने पूछा कि आप कौन बोल रहे हैं आरोपी बोला कि मैं नंदकुमार साहू बोल रहा हूँ उसके बाद नंदकुमार साहू ने कहा कि आपकी पत्नी की पोस्टिंग के लिए मनचाहा जगह चाहिए क्या तो प्रार्थी ने उसके बातों को गंभीरता से नहीं लिया । उसके बाद इसे एक दिन बाद फिर से नंदकुमार साहू का फोन आया और कहा कि मैं 85000 / – रूपये लेकर सेटिंग करा दूंगा मैं अभी बी ई ओ आफिस तिलक नगर में कार्यरत हूँ । आपको मनचाहा जगह मिल जायेगा । उसके बाद नंद कुमार साहू द्वारा बार बार फोन से संपर्क करने पैसा देने के लिए दबाव बनाने एवं पैसा नहीं देने पर पोस्टिंग लटक जाने की धमकी देने पर ना चाहते हुए भी प्रार्थी के द्वारा नंदकुमार साहू को 52000 / – रूपये नगद उसके घर बंधवापारा सरकंडा बिलासपुर में जाकर उसके हाथ में दिया ।

उसके बाद में अपनी पत्नी के बैंक खाता से इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से 33000 / – रूपये ऑन लाईन भुगतान किया । नंदकुमार साहू द्वारा शिक्षक की पोस्टिंग के लिए अनुचित तरिके से रिश्वत के रूप में 85000 / – रूपये प्राप्त किया गया है । प्रार्थी की रिपोर्ट पर आरोपी के विरूद्ध लोक सेवक होते हुए अनुचित धनलाभ प्राप्त करना पाये जाने से धारा 07 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये आरोपी की त्वरित गिरफ्तारी हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्रीमति पारूल माथुर के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उमेश कश्यप एवं अतिरिक्त पुलिसअधीक्षक श्रीमति गरिमा द्विवेदी के मार्गदर्शन में थाना सिविल लाईन के सहयोग से प्रकरण के आरोपी नंद कुमार साहू निवासी बंधवापारा सरकंडा की गिरफ्तारी हेतु टीम तैयार कर बंधवापारा सरकंडा रवाना होकर प्रकरण के आरोपी नंद कुमार साहू को हिरासत में लेकर घटना के संबंध में बारिकी से पुछताछ किया गया जो पुछताछ पर अपने अन्य शिक्षक साथी योगेश कुमार पाण्डेय के कहने पर तथा प्रति अभ्यर्थी 5000 रू 0 कमीशन के लालच में नये चयनित शिक्षकों का लिस्ट लेकर उनके मोबाईल नंम्बरों में संपर्क कर मनचाही जगह पर पोस्टिंग दिलाने का लालच देकर अभ्यर्थीयों से अवैध रूपये वसूली करना तथा उक्त वसूली की रकम को अपने साथी शिक्षक को देना बताया ।

आरोपी नंद कुमार साहू की निशांदेही पर प्रकरण के दूसरे आरोपी शिक्षक योगेश कुमार पाण्डेय निवासी गितांजली सिटी फेस 1 सरकंडा के निवास पर दबिश देकर आरोपी को हिरासत में लिया गया । आरोपी से कडाई से पुछताछ करने पर अपना जुर्म स्वीकार किया आरोपी योगेश कुमार पाण्डेय के कब्जे से रिश्वत से प्राप्त नगदी रकम 18000 रू ० को जप्त किया गया तथा शिक्षकों की चयन सूची का लिस्ट भी बरामद कर जप्त किया गया है ।

प्रकरण के आरोपीयों

1. योगेश पाण्डेय पिता स्व . . अशोक कुमार पाण्डेय उम्र 37 वर्ष निवासी गीतांजली सिटि फेस 01 मकान नंबर 16 / ए गली नंबर 09 थाना सरकण्डा जिला बिलासपुर ( छ.ग. ) ,

2. नंदकुमार साहू पिता घनश्याम साहू उम्र 30 वर्ष सा ० बंधवापारा सरकंडा थाना सरकंडा बिलासपुर स्थाई पता ग्राम कुम्ही थाना पाण्डातराई जिला कवर्धा छ 0 ग 0 द्वारा लोक सेवक होते हुये भी अपने पदीय कार्य से भिन्न अनुचित अवैध धन रिश्वत के रूप में प्राप्त कर भ्रष्ट आचरण कर भ्रष्टाचार का अपराध घटित किया गया है ।

आरोपीयों को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 07 वर्ष 1988 के तहत विधिवत गिरफ्तार किया गया है । जिसे माननीय न्यायालय न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा जाता है ।

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