युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनिश्री रमेश कुमार जी सहवर्ती मुनि रत्न कुमार जी सिक्किम दार्जिलिंग यात्रा करते हुए दिनांक 10- फरवरी को गंगटोक पधारे।
सिक्किम के राज भवन में राज्यपाल माननीय ओमप्रकाश जी माथुर ने राज भवन में संतों का भावभरा स्वागत किया।
मुनि रमेश कुमार जी ने इस अवसर पर कहा- आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ,आचार्य श्री महाश्रमण जी से आप परिचित है। हमारे आचार्यों के जन कल्याणकारी कार्यों को हम पद यात्रा करते हुए जन जन तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं।
अणुव्रत, प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, अहिंसा यात्रा, नशा मुक्ति ,साम्प्रदायिक सौहार्द जैसे कार्यों से ही सक्षम भारत, समृद्ध भारत, स्वर्णिम भारत, स्वच्छ भारत और विकसित भारत का स्वप्न साकार होने में ये सहायक है। आपने आगे कहा- आप वीर भूमि राजस्थान के सपूत है। आपने अपना जीवन सार्वजनिक क्षेत्र और देश सेवा में समर्पित किया है। आज आप से मिलकर हमें प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।

जैन श्वेताम्बर तेरापंथ समाज ने राज्यपाल महोदय से तेरापंथ समाज की गतिविधियों के संचालन के लिए सिक्किम सरकार से जगह के लिए भी निवेदन किया।
इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल ओमप्रकाश जी ने कहा- मुझे प्रसन्नता है आप हजारों किलोमीटर की पदयात्रा करते हैं। आचार्य तुलसी जी एवं महाप्रज्ञ जी से भी परिचित रहा हूं । मुझे उनके दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। आपके धर्म संघ के इन अभियानों से विकसित भारत का स्वप्न साकार हो सकता है। आपने आगे कहा- आपके समाज का यहां कौन है। आपकी संस्था का रजिस्ट्रेशन हुआ है क्या ? रजिस्ट्रेशन यदि हुआ है व्यवस्थित फाइल मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाई जाये तो जगह मिल सकती है।

इस अवसर पर तेरापंथ समाज गंगटोक की ओर से राज्यपाल महोदय को खादा एवं शाल्यार्पण से अभिनंदन किया गया। आचार्य महाश्रमण जी की थ्री डी फोटो एवं साहित्य भेंट भी किया गया।
तेरापंथ सभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह जी सिंघी, कोषाध्यक्ष संजय जी श्यामसुखा, अजय जी सिंघी, तेरापंथ महिला मंडल की उपाध्यक्ष श्रीमती डिम्पल बोथरा, कोषाध्यक्ष श्रीमती समता श्यामसुखा आदि अनेक भाई बहन भी थे।