डॉ. सी. एल. जैन सोना
राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) प्रदेश में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने चुनावी 36 घोषणाएं, 36 लक्ष्यों के साथ की थी। अधिकांश पूरे हो गये हैं। कुछ हो गये हैं, तो कुछ जारी होना बाकी है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण पेशा कानून, राजस्व न्यायालय प्रकरण पारदर्शी, लोकपाल व वीआईपी संस्कार, संस्कृति पर लोक की पहल जरूरी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रति सप्ताह कोई न कोई बड़ी घोषणा कार्यक्रम के क्रियान्वयन को लेकर कर रहे हैं। जिसका अच्छा प्रतिसाद भी मिल रहा है। चुनाव को भले ही पौने दो वर्ष शेष हो, लेकिन मतदाताओं का मोह प्रदेश सरकार से भंग होता नहीं दिख रहा है। मुख्यमंत्री ने लगभग दो वर्ष पूर्व घोषणा की थी तथा राजनंादगांव में भी पत्रकारों से चर्चा में कहा था कि अब पटवारी प्रत्येक सोमवार व मंगलवार को मुख्यालय में ही नहीं रहेंगे बल्कि रात्रि विश्राम अपने पटवारी हल्के में ही करेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अब यह अपेक्षा प्रदेश के मतदाताओं की खुलेआम बन रही है कि पटवारी अपने हल्के में रहे, लेकिन नामंातरण, बंटवारा, सीमांकन, चौहदी जैसे प्रकरणों का निपटारा भी तत्काल हो। लेने देने सेवा भाव की मानसिकता से प्रदेशवासी तत्काल निजात तो नहीं पा सकते, लेकिन राजस्व विभाग की पटवारी से लेकर एसडीएम तक की जिम्मेदारी, नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, चौहद्दी, निपटारे में त्वरित हो, तो प्रदेश के अधिकांश के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। किसान हितैषी होने का प्रमाण भूपेश बघेल सरकार ने सर्वाधिक दिया है। लगातार दे रही है। अब हल्के के पटवारी की सेवाएं जरूरतमंदों को तत्काल मिल जावे तो, शायद कांग्रेस की यह सरकार न जाने आने वाला कितना कार्यकाल अपना पूरा कर लेगी।
कांग्रेस की 36 चुनावी घोषणा की लक्ष्य अभी भी लगभग दर्जनभर लक्ष्यों को क्रियान्वयन कराना व पूरा करने के लिए सरकार के पास पौने दो वर्ष का समय है। जिसमें सबसे बड़ी आवश्यकता राजस्व, नगरीय निकाय संस्थानों, पंचायत स्तर के कार्यों को निपटाने में तत्परता दिखे। अनियमित संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को रिक्त पदों पर पदस्थ करना भी जरूरी है। शराब बंदी पर बहस हो रही है। सरकार को महिला स्व सहायता समूहों की राय भी लेनी चाहिए। जहां तक कांग्रेस की चुनावी घोषणा पत्र की बात है। लोकपाल अधिनियम का लागू होना अब तत्काल जरूरी है। घर पहुंच सरकारी सेवा के तहत आम आदमी किस प्रकार से राजस्व विभाग के पटवारी से तहसीलदार तक की दौड़ कम कर उन्हें नामांकरण, बंटवारा, सीमांकन, चौहद्दी, के लिए कम दौडऩा पड़े, यह एक बड़ी चुनौती है।
पेशा कानून भी धीमी गति से क्रियान्वनय की दिशा में बढ़ते दिख रहा है। वही ंदूसरी ओर कांग्रेस की चुनावी घोषण पत्र में एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। पारदर्शी लोकतांत्रिक एवं संवादात्मक शासन जिसमें वीआईपी संस्कृति समाप्ति छत्तीसगढ़ में लोकपाल अधिनियम, भ्रष्टाचार विरोधी हेल्प लाईन, छत्तीसगढ़ में विधान परिषद, गठन प्रस्ताव केन्द्र को भेजना व राजस्व न्यायालय प्रकरण पारदर्शिता पूर्ण बनाने की प्रक्रिया का क्रियान्वयन भी जरूरी है। वहीं दूसरी ओर कृषि मंडी चुनाव, सहकार बैंक व समिति चुनाव, जल उपभोक्ता समिति चुनाव, जिस हर पांच साल में हो जाना चाहिए।
बहरहाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो वर्ष पूर्व पटवारियों के मुख्यालय में रहने के लिए सोमवार, मंगलवार का दिन निर्धारित किया था, इसके साथ अब ग्रामीणजनों, जरूरतमंदों, आमजनों को नामांकन बंटवारा, सीमांकन एवं चौहदी को लेकर इस प्रक्रिया को आसार एवं सरल बनाना चाहिए। राजस्व विभाग पर जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए। वहीं दूसरी ओर राजनांदगांव शहर व नगरीय क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग पर चल रही प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।