सांसदों ने दिया खर्चों का ब्यौरा : राजीव शुक्ला ने दो कामों में खर्चे 5 करोड़ रुपए, तुलसी ने 13 करोड़ में कराए 201 काम

सांसदों ने दिया खर्चों का ब्यौरा : राजीव शुक्ला ने दो कामों में खर्चे 5 करोड़ रुपए, तुलसी ने 13 करोड़ में कराए 201 काम

रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 27 अप्रैल। राज्यसभा सांसदों से वैसे तो प्रदेशभर से जनता के हित एवं विकास कार्यों की मांग की जाती हैं। इसे देखते हुए सांसद भी प्रयासरत रहते हैं, कि वे सांसद निधि के बजट से ज्यादा से ज्यादा आवश्यक विकास कार्यों को मंजूरी दिला सकें। छत्तीसगढ़ में 5 राज्यसभा सांसद हैं।

इनमें सांसद निधि की राशि से सबसे ज्यादा कार्यों को स्वीकृत कराने प्रस्ताव भेजने में केटीएस तुलसी सबसे आगे हैं। उन्होंने 201 कार्यों को मंजूरी देने के प्रस्ताव योजना एवं सांख्यिकी विभाग को भेजे हैं। इन कार्यों में कुल 13 करोड़ 18 लाख रुपए की राशि खर्च होगी।

वहीं सांसद राजीव शुक्ला ने केवल दो कार्य को ही मंजूरी दी है। ये दोनों कार्य में 5 करोड़ 70 लाख रुपए खर्च होंगे। सांसद राजीव शुक्ला ने जिन दोनों कार्य का प्रस्ताव दिया है वे दोनों सार्वजनिक डिजिटल पुस्तकालय से संबंधित हैं।

इनमें एक कार्य दुर्ग जिले के जामुल में डा. मनराखनलाल साहू शासकीय महाविद्यालय के पास 2 करोड़ 70 लाख रुपए की लागत से एक अत्याधुनिक सार्वजनिक डिजिटल पुस्तकालय को मंजूरी दी हैं, वहीं कांकेर में भी 3 करोड़ की लागत से डिजिटल पुस्तकालय का निर्माण होगा।

इसके अलावा सांसद रंजीत रंजन ने 193 कार्यों को स्वीकृति दी है, जिसमें 14 करोड़ 47 लाख रुपए खर्च होंगे। सांसद फुलोदेवी नेताम ने भी 154 कार्यों स्वीकृति दी है, जिसमें 16 करोड़ 50 लाख रुपए की स्वीकृति खर्च होगी। सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने अभी तक एक भी कार्य को स्वीकृति नहीं दी है, जिसके कारण वे सबसे पीछे हैं।

सांसद रंजीत रंजन ने भी 14 करोड़ 47 लाख रुपए के 193 कार्यों को मंजूरी दी है। उनकी प्राथमकिता सार्वजनिक स्थानों पर लाइट, मल्टी जिम के अलावा सीसीरोड एवं पुलिया रहे हैं। उनके द्वारा स्वीकृत किए गए कार्यों के आकड़े बताते हैं कि उनके द्वारा करीब 70 से 80 सार्वजनिक स्थानों पर लाईट लगाने कार्य को स्वीकृति दी गई है, वहीं सीसी मल्टी जिम उपकरण की खरीदी के लिए भी दर्जनों कार्यों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा पुलिया, रोड निर्माण, सार्वजनिक शौचालय, मर्चुरी फ्रिजर आदि कार्य भी शामिल हैं।

सांसद केटीएस तुलसी ने सांसद निधि से वैसे तो सड़क, तालाब निर्माण, बोरवेल, ट्यूबवेल, खेल मैदान सीसीरोड, सोलर स्ट्रीट लाइट, सामुदायिक शौचालय सहित कई कार्यों को मंजूरी दी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा फोकस उनका स्कूलों एवं छात्रावासों में बच्चों को मिलने वाली शैक्षणिक एवं पेयजल जैसी सुविधाओं पर रहा है।

इसके तहत उन्होंने स्कूलों में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सहित आईटी सिस्टम की खरीदी से लेकर स्कूल एवं छात्रावासों में आरओ वाटर की स्थापना, बोरवेल-ट्यूबवेल संबंधित मांगों को प्राथमिकता देते हुए दर्जनों कार्यों को मंजूरी दी हैं। उन्होंने प्रदेश के कबीरधाम, सरगुजा, बिलाईगढ़, गौरेलापेंड्रामरवाही, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, जशपुर जैसे जिलों में विभिन्न कार्यों को मंजूरी दी हैं।

कांकेर। राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला के सांसद निधि से अक्टूबर 2024 में एकलव्य विद्यालय भानुप्रतापपुर के छात्रावास में लाइब्रेरी के लिए ढाई करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे, परंतु इस राशि से किस तरह की लाइब्रेरी तैयार की गई है, उसकी हकीकत जानने के लिए आदिवासी विकास विभाग और विद्यालय के प्राचार्य से संपर्क किया, उनका कहना है कि इसके बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं है।

जानकारी के अनुसार कांग्रेस के राज्यसभा के सांसद राजीव शुक्ला के सांसद कोटे से जारी हुई राशि सात माह बाद भी एकलव्य विद्यालय भानुप्रतापपुर के छात्रावास में बनने वाली लाइब्रेरी के लिए नहीं पहुंच पाई है। विद्यालय के प्राचार्य लखन जुरीं से इस विषय पर बात की गई, तो उनका कहना था कि इस तरह की कोई राशि हमारे पास आज तक नहीं मिली है। मैं कल भी रायपुर गया था और विद्यालय में कई तरह की समस्याएं है, परंतु उनका आज तक निराकरण नहीं किया गया है।

इस विषय पर आदिवासी विकास विभाग के आयुक्त जया मनु का कहना है कि इस तरह की किसी भी तरह की कोई राशि नहीं मिली है। सात माह के बाद भी सांसद कोटे से राशि नहीं मिलने और फाइल कहां पर रुकी हुई है, इसके बारे में अफसरों को भी किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं है। सांख्यिकी विभाग से सोमवार को ही खुलासा हो पाएगा कि यह फाउल कहां पर किस कारण से रुकी हुई है और अभी तक पैसा संस्थान को क्यों नहीं मिल पाया है।

नगर पालिका परिषद जामुल क्षेत्र में 2.70 करोड़ रुपए से डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा। राज्य शासन ने इसके लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस लाइब्रेरी का निर्माण डॉ. मनराखन लाल साहू शासकीय महाविद्यालय के पास किया जाएगा।

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक 10 हजार किताबों से इस लाइब्रेरी की शुरू की जाएगी, जहां देश-दुनिया की दुर्लभ से दुर्लभ किताबें ऑनलाइन पढ़ने के लिए उपलब्ध रहेंगी। दो महीने पहला पालिका ने इस प्रस्ताव को सामान्य सभा से पारित कर शासन को भेजा था, जहां से इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। डिजिटल लाइब्रेरी में कंप्यूटर से लेकर इंटरनेट सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।

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