सुसंस्कारित विद्यार्थी विश्व की धरोहर- सुरेश अग्रवाल युगान्तर में आगामी वार्षिक परीक्षा की तैयारी और कैरियर गाइडेंस के लिए सेमिनार आयोजित

सुसंस्कारित विद्यार्थी विश्व की धरोहर- सुरेश अग्रवाल युगान्तर में आगामी वार्षिक परीक्षा की तैयारी और कैरियर गाइडेंस के लिए सेमिनार आयोजित


राजनांदगाँव(अमर छत्तीसगढ़) 18 फरवरी। युगांतर पब्लिक स्कूल में आगामी वार्षिक परीक्षा की तैयारी तथा कैरियर गाइडेंस के लिए एक सेमिनार का आयोजन विद्यालय के प्राचार्य पी गंगाधरन, चेयरमैन सुरेश अग्रवाल, डा• पी आर वासुदेव राव CBSE AWARDEE फाउंडर प्रिन्सिपल तथा डायरेक्टर एकेडमिक, शिक्षक-शिक्षिकाओं तथा हायर सेकंडरी के विद्यार्थियों की उपस्थिति में किया गया।
सेमिनार में रायपुर से विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ स्पीकरो को आमन्त्रित किया गया था, जिन्होंने विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने के तरीके बताए। इसके अलावा उन्होंने विद्यार्थियों को सुनहरे भविष्य- निर्माण के लिए मार्गदर्शित किया। इस सन्दर्भ में सुशांत सरकार ने कहा कि विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए छत्तीसगढ राज्य से बाहर जाने की जरूरत नहीं। राज्य में भी ऐसे विश्वविद्यालय है, जो विद्यार्थियों के कैरियर निर्माण में उचित योगदान दे रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने के विविध तरीके बताए।

उन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षक-शिक्षिकाओं किए गए प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। वही विद्यार्थी सफल होता है, जो योजनाबद्घ तरीके से अध्ययन करता है। इसी तरह बख्तावर सर ने भी विद्यार्थियों को मार्गदर्शित किया।
इस दौरान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विद्यालय के चेयरमैन सुरेश अग्रवाल ने कहा कि युगांतर का हमेशा से यह प्रयास रहा है कि विद्यार्थियों को सुसंस्कारित बनाए, क्योंकि सुसंस्कारित विद्यार्थी ही विश्व की धरोहर होते है। उन्होंने आगे कहा कि इस सेमिनार का आयोजन आगामी वार्षिक परीक्षा की तैयारी और हायर सेकंडरी विद्यार्थियों के कैरियर निर्माण को ध्यान में रखकर रखा गया है। विद्यार्थी इस आयोजन से जरूर लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि विद्यालय में आइडिया बाक्स भी रखा जाएगा, जिससे विद्यार्थी अपने भविष्य और विद्यालय में अध्ययन को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सुझाव दे सकते हैं। विद्यालय के प्राचार्य पी गंगाधरन ने मोटिवेशनल स्पीकरो को यह सुझाव दिया कि विद्यार्थियों को प्रभावित करने के लिए केवल एक स्थान में स्थिर रखकर भाषण दिया जाना ही काफी नहीं है, बल्कि वे अपनी शारीरिक गति से भी विद्यार्थियों को प्रभावित कर सकते हैं। यह सेमिनार परीक्षा और कैरियर निर्माण की दृष्टिकोण से बहुत उपयोगी साबित रहा।

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