खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव – अगले माह आचार संहिता संभावित

खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव – अगले माह आचार संहिता संभावित

कांग्रेस, भाजपा, जोगी कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में, कांग्रेस के गिरवर-उत्तम सक्रिय

राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) जिले के खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए अलगे माह आचार संहिता संभावित हैे। चुनाव मैदान में सत्ता पक्ष कांग्रेस विपक्ष भारतीय जनता पार्टी एवं जनता जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी पिछड़ा वर्ग बाहुल्य होने की वजह से मैदान उतरने व उतारने की चर्चा सर्वाधिक तेज है। स्व. देवव्रत सिंह के निधन के पश्चात रिक्त इस विधानसभा क्षेत्र में नगर पालिका परिषद का चुनाव संपन्न हुआ है, जहां टॉस के आधार पर कांग्रेस के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष बनाये गये हैं।

विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए  कांग्रेस के पूर्व विधायक गिरवर जंघेल जहां प्रारंभ से ही क्षेत्र में सक्रिय होकर पार्टीजनों, ग्रामवासियों, पंचायत प्रतिनिधियों के साथ क्षेत्र में विकास कार्यों का भूमिपूजन, लोकार्पण, शिलान्यास में सक्रिय होने के साथ ही शासन की योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैै। वहीं दूसरी ओर संभावत: कांग्रेस की गुटीय राजनीति का असर है अथवा कथित तौर पर चर्चाओं के अनुसार उत्तम सिंह ठाकुर की सक्रियता क्षेत्र में संपर्क एवं लगातार विभिन्न आयोजनों में भाग लेने की वजह से वे भी क्षेत्र में चुनाव लडऩे के लिए अपनी दावेदारी पूरे दमखम, तन, मन, धन के साथ प्रस्तुत  करते दिख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विपक्ष भाजपा फिलहाल संभवत: आचार संहिता का इंतजार कर रही है। जहां दो प्रत्याशी फिलहाल यदा कदा चर्चाओं में कोमल जंघेल, विक्रांत सिंह के रूप में सुने जा रहे है। वहीं दूसरी ओर  क्षेत्र के विधायक रहे स्व. देवव्रत सिंह अंतिम समय तक जोगी कांग्रेस में ही रहे उनका कांग्रेस प्रवेश संभव नहीं हुआ। जोगी कांग्रेस सूत्रों का मानें तो वो भी पिछड़ा वर्ग क्षेत्र प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है।

जिसमें साहू समाज से भी संभावित है। सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम खैरागढ़ राजपरिवार से राजनीतिक दृष्टिकोण से देवव्रत सिंह की प्रथम पत्नी श्रीमती पदमा सिंह का नाम चर्चाओं में व पुत्र, पुत्री के साथ क्षेत्र में संपर्क को लेकर चचाओं में रहा है। वहीं दूसरी ओर देवव्रत सिंह की दूसरी पत्नी विभा सिंह की स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है। लेकिन जानकार सूत्रो के अनुसार लखनऊ की होने की वजह से विभा सिंह का प्रियंका गांधी से संपर्क व चर्चाओं को लेकर भी दबे स्वर में कुछ स्थिति सामने आ रही है। फिलहाल खैरागढ़ राज परिवार का आंतरिक कलह  विधायक देवव्रत सिंह की भूतपूर्व  वर्तमान पत्नी के मध्य चल, अचल संपत्ति को लेकर पुलिस थाना व न्यायालय तक पहुंचा यह स्पष्ट करता है कि फिलहाल पदमा या विभा के राजनीति में खुलकर आने, उप चुनाव लडऩे जैसी स्थिति फिलहाल क्षीण दिख रही है। 
राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर सत्ता पक्ष विशेषकर कांग्रेस में प्रत्याशी को लेकर गूंज प्रदेश स्तर के साथ ही राष्ट्रीय स्तर अखिल भारतीय कांग्रेस के मुखिया के समक्ष पहुंचने की चर्चाओं को भी बल मिलते दिख रहा है।

खैरागढ़ राजपरिवार का पारिवारिक एवं संपत्ति विवाद की गूंज भी दिल्ली तक पहुंचने की बात सामने आ रही है। उपचुनाव के लिए आचार संहिता की घोषणा अगले माह संभावित है।  जहां प्रत्याशि को लेकर मुख्यमंंत्री भूपेश बघेल का निर्णय अंतिम माना जावेगा, जिसकी चर्चा हो रही है। 
खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की तैयारी में सत्ता पक्ष कांगे्रस आंतरिक तौर पर सक्रिय दिख रहा है। प्रत्याशियों की चयन की घोषणा अथवा संकेत प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से किसी को नहीं होगी। पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र खैरागढ़ में राजनीतिक पार्टियां इस वर्ग के प्रत्याशी को लेकर तत्काल कोई भी असहमति की स्थिति बनने नहीं देगी। लेकिन पूर्व विधायक गिरवर जंघेल का लगातार नियमित रूप से सक्रिय होना।

मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से यदा कदा चर्चाओं का दौर उनकी सक्रियता से स्पष्ट दिखने लगा है। खैरागढ़ नगर पालिका परिषद का चुनाव कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी के चलते काफी मुश्किल से टॉस के आधार पर अपना अध्यक्ष, उपाध्यक्ष बना सकी है। क्षेत्र में फिलहाल एक नया नाम साधन, संपन्न, तन, मन, धन व कार्यकर्ताओं के साथ उत्तम सिंह ठाकुर आंशिक तौर पर चर्चाओं में धीरे धीरे सामने आ रहे हैं।
खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी चयन के मामले में सत्ता पक्ष की सक्रियता राजपरिवार के स्थान पर पिछड़ा वर्ग को लेकर ज्यादा तैयार में दिख रही है। ऐसी स्थिति में भाजपा एवं जोगी कांग्रेस भी पिछड़ा वर्ग प्रत्याशी को लेकर  मैदान में आ सकती है। जारी…..

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