राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) जिले के खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 73 उपनिर्वाचन के लिए नाम निर्देशन पत्रों की प्राप्ति की अंतिम तिथि गुरूवार 24 मार्च निर्धारित की गई है। पिछड़ा वर्ग बाहुल्य खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सत्ता पक्ष कांग्रेस ने आज सक्रिय पंचायत प्रतिनिधि रही श्रीमती यशोदा निलाम्बर वर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित किया। इसी क्रम में आज उन्होंने कांग्रेसजनों, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुरेन्द्र दास वैष्णव दाऊ, निलाम्बर वर्मा, दयालू वर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजनों ने नामांकन प्रस्तुत के समय उपस्थित रहे।
जिला उपनिर्वाचन अधिकारी अपर कलेक्टर सीईओ जिला पंचायत के अनुसार आज नामांकन प्रस्तुत करने वालों में तीन अन्य नामों में सुनील पांडे साल्हेवारा निर्दलीय निवासी, चतुर साहू निर्दलीय, पोटिया रोड दुर्ग एवं बिसन लाल तेंदूभाठा निवासी ने भारतीय शक्ति चेतना पार्टी से अपना नामांकन प्रस्तुत किया। पिछड़ा वर्ग बाहुल्य होने के अनुसार भाजपा भी आज शाम तक संभवत: इस वर्ग के कोमल जंघेल अथवा श्री ताम्रकार को अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है। जोगी कांग्रेस की प्रमुख डॉ. रेणु जोगी, अमित जोगी की उपस्थिति में कल संपन्न पार्टी बैठक में प्रत्याशी चयन के मामले में अंतिम निर्णय होने की जानकारी है। संभवत आज शाम को वो भी अपना प्रत्याशी घोषित कर देगी। कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग से जिला साहू संघ महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष, पंचायत प्रतिनिधि, श्रीमती यशोदा निलाम्बर को मैदान में उतारा है। भाजपा भी आज शाम तक अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दी देगी। जिसमें कोमल जंघेल, खम्मन ताम्रकार, लोकेश्वरी जंघेल अथवा विक्रांत सिंह का नाम घोषित कर सकती है। खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र का पिछला चुनाव जोगी कांग्रेस के विधायक देवव्रत सिंह चुने गये थे। भातरीय जनता पार्टी के कोमल जंघेल दूसरे स्थान पर तथा कांग्रेस के गिरवर जंंघेल तीसरे स्थान पर रहे हैं।
यह चुनाव लगभग आठ सौ वाटो से कोमल जंघेल पिले रहे थे। भाजपा के भरोसमंदो सूत्रो के अुनसार पूर्व विधायक कोमल जंघेल का नाम आज उम्मीदवार ेकके रूप में अधिकृत तौर पर घोषित हो जावेगा। इस चुनाव में कांग्रेस -भाजपा के मध्य ही सीधा मुकाबला होगा। मतविभाजन में जोगी कांग्रेस प्रगत्याशी की भूमिका भी संभव है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस से टिकिट निलाम्बर वर्मा एवं उनकी पत्नी यशोदा वर्मा ने टिकिट मांगा था। पंचायत प्रतिनिधि के रूप में दोनों की सक्रियता एवं पिछड़ा वर्ग को सत्ता पक्ष ने संगठन ने संभवत: महत्व दिया है।