राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) जिले के खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में 12 अप्रैल को उपचुनाव के लिए मतदान होना है। पिछड़ा वर्ग बाहुल्य खैरागढ़ विधानसभा में कांग्रेस एवं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार क्रमश श्रीमती यशेादा वर्मा एवं कोमल जंघेल में सीधा मुकाबला है। वहीं मत विभाजन के लिए खडी जोगी कांग्रेस अपने विधायक स्व. द्रेवव्रत सिंह के निधन को लेकर सहानुभूति संवेदना ढूंढने तत्पर दिख रही है। वहीं दूसरी ओर नगर पालिका परिषद खैरागढ़ चुनाव में बमुश्किल अपना बहुमत बनाने वाली कांग्रेस की गुटबाजी इस चुनाव में भी कम नहीं है? बताया जाता है कि गुटबाजों की प्रवाह किये बिना नगर पालिका चुनाव की तर्ज पर कांग्रेस नेता नवाज खान को खैरागढ़ में सक्रिय किया गया है। चुनाव परिणाम 16 अप्रैल को आना है। लेकिन प्रचार प्रसार के मामले में भारतीय जनता पार्टी व उनके अधिकृत प्रत्याशी कोमल जंघेल पूर्व में ही 4 बार क्षेत्र में चुनाव लड़ चुके है। मतदाताओं से सीधा संपर्क होने के साथ वे मतदाताओं से हाथ जोडक़र, चरण स्पर्श कर , गले मिलकर वोट मांग रहे हैं। कांग्रेस में अभी भी देवव्रत सिंह समर्थक के कई वरिष्ठ व लोकप्रिय नेता, जनप्रिय मतदाताओं से सक्रिय रहने वाले नेताओं की चुप्पी कांग्रेस की कमजोर प्रस्तुति को बताते दिख रही है ?
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए जहां कांग्रेस व भाजपा ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, मंत्री, विधायकों, पूर्व मंत्री, मुख्यमंत्री को मैदान में उतारा है। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिव राज सिंह चौहान मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधीया सहित कई नेता आने वाले है7 खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र का काफी बड़ा हिस्सा मध्यप्रदेश के बालाघाट, मंडला जिले से लगा हुआ है।
जहां तक गुटबाजी की राजनीतिक पार्टियों की बात है, भारतीय जनता पार्टी टिकिट मांगने वाले जिला पंचायत के उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह का ेलेकर आंतरिक चर्चाओं का दौर चल रहा है। उनके मामा राजनंादगांव के विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह लगातार गंडई, छुईखदान, साल्हेवारा, खैरागढ़ पहुुंचकर पार्टीजनों को चार्ज कर रहे हैं। बैठकें ले रहे हैं। मतदाताओं की माने तो भारतीय जनता पार्टी कमजोर नहीं, सक्रिय दिखती है। मतदान केन्द्रों से लेकर मंडल तक पार्टीजन सक्रिय बताये जा रहे हैं। वहीं साधन, सुविधा के नाम पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी कहीं भी कमजोर मतदाताओं के बीच हो रही चर्चाओं में नहीं दिख रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मंत्री रविन्द्र चौबे, कवासी लखमा के साथ ही वरिष्ठ नेता खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन की पार्टीजनों को सक्रिय करने के क्षेत्र में नियमित रूप से सक्रिय दिख रहे हैं। छत्तीगढ़ सरकार व कांग्रेस पार्टी के विचार धाराओं से मेल खाने वाले लोगों को कांग्रेस प्रवेश भी दिया जा रहा है। भाजपा एवं कांग्रेस दोनों ही शीघ्र ही गंडई साल्हेवारा, छुईखदान, खैरागढ़, जालबांधा, अतरिया क्षेत्र में वरिष्ठ नेताओं के निवास हेतु 12 अप्रैल तक के लिए आवास की व्यवस्था भी शीघ्र होने के संकेत मिल रहे हैं।
जिला केन्दीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष नवाज खान नगर पालिका परिषद चुनाव के जिस ढग से सक्रियता दिखाई, पार्टी ने उन्हें खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में विशेषकर नगर के सभी स्थानों पर उनकी उपस्थिति मतदाताओं से मुलाकात यह संकेत देती है कि कांग्रेस के सत्ता व संगठन को लेकर तथा स्थानीय नेताओं की पूछ परख में फिलहाल कमी दिख रही है ?
जहां तक जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी नरेन्द्र सोनी की बात है उनकी पत्नी अथवा देवव्रत सिंह की बहन को टिकिट मिलती तो मत विभाजन में ज्यादा महत्ती भूमिका निभा सकती थी, जिसकी चर्चा है। कांग्रेस के सत्ता व संगठन में बैठे जिम्मेदार व चुनाव प्रभारियों को जन चर्चाओं के अनुसार पहले अपने ही घर को ठीक करना पड़ सकता है, जिसमें उनसे, उनके विचार लिया जावे। वैसे मुख्यमंत्री के सर्वाधिक नजदीक वरिष्ठ कांगे्रेस नेता छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष्च गिरीश देवांगन की सक्रियता, राजनंादगांव सहित पूरे जिले में है। कार्यकर्ता, मतदाताओं, विपक्ष भी उन्हें जानता है। खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव परिणाम आने के साथ सबसे बड्ी चुनौती कांग्रेस रैली राजनंादगांवि विधानसभा क्षेत्र है। अपुष्ट जानकारी व आ रही खबरें, यह संकेत दे रहे हैं कि इस विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय प्रत्याशी निविर्वाद छवि पिछली सरकार के सहयोग से अभिभूत रहने का आरोप ऐसे लोगों को शायद कांग्रेस टिकिट न दें। शेडो विधायक नही रही लेकिन करूणा शुक्ला जैसे ने भी डॉ. रमन को टक्कर दिया था। संभव है बाहर का सर्वमान प्रत्याशी भी राजनंादगांव विधानसभा क्षेत्र के लिए स्वाीकार हो सकता है लेकिन सत्ता पक्ष कांग्रेस को सरकार वापसी का भरोसा है। मतदाताओं में भी चर्चा है।
बहरहाल विधानसभा खैरागढ़ का उपुचनाव कांग्रे, भाजपा के लिए शत प्रतिशत प्रतिष्ठा का विषय है। घर का भेदी लंका ढाये की चर्चाओं का दौर कांग्रेस में भी कम नहीं है।