डौण्डी-(अमर छत्तीसगढ़)-आदिवासी ब्लॉक मुख्यालय डौण्डी के कुसुमटोला स्थित 100 एकड़ लगभग से बनने वाला चिरकन बांध को लेकर धरने में बैठे किसानों से चर्चा करने पहुँचे नव पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी मनोज मरकाम, तहसीलदार नेहा धुव्र, एसडीओ सिचाई विभाग के पी साहू, थानेदार अनिल ठाकुर द्वारा समझाने के बाद भी किसान बांध कार्य को जल्द चालू कराने की मांग पर अड़े रहे । किसानों का कहना है जब तक हमारी मंत्री अनिला भेड़िया व कलेक्टर आकर हमसे बात नही करेंगे हम तक उठने वाले नही है।
गौरतलब हैं कि डौंडी तहसील स्थित ग्राम कुसुमटोला में सालों से अधूरे पड़े चिरकन बांध को पूरा कराने की मांग को लेकर एक बार फिर किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। अधूरे बांध स्थल पर धरनारत किसानों का कहना है कि जब तक अधूरे बांध का काम शुरू नहीं होगा वे आंदोलन जारी रखेंगे। किसानों ने एक साल पहले अधूरे बांध को पूरा कराने की मांग को लेकर 21 से 23 सितंबर 2021 तक तीन दिवसीय धरना दिया था। किसानों के अनुसार उन्हें शासन-प्रशासन ने 21 जनवरी 2022 तक निर्माण कार्य प्रारंभ करने का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया, जिससे नाराज कुसुमटोला सहित आस पास गांव के सैकड़ों ग्रामीण व किसान एक बार फिर बांध निर्माण पूर्ण करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। गौरतलब है कि 30 साल पूर्व अविभाजित मध्यप्रदेश शासन के दौरान ग्राम कुसुमटोला सहित आसपास के गांव के किसानों की खेतों में सिंचाई के लिए चिरकन बांध का निर्माण प्रारंभ किया गया था। वर्तमान बालोद जिले के डौंडी तहसील स्थित कुसुमटोला के इस बांध का लगभग 80% निर्माण कार्य पूरा होने के बाद निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था। और बांध अब तक उसी हालत में अधूरा पड़ा है। इस बांध के अधूरेपन से 30 वर्षों में किसानों की हितैषी बन, कई राजनीतिक पार्टियों की सरकारें आई और गईं, लोकसभा व विधानसभा में भी दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की सरकार रही है, जिससे कई नेताओं की तकदीर तो बदल गई, लेकिन बस नहीं बदली तो किसानों की तस्वीर और तकदीर। किसान आज भी अपनी समस्याओं को लेकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। देखने वाली बात होगी इस किसानों की मांग शासन- प्रशासन कब तक पूरा कर पाती है।
किसान नेता बड़कू राम ने कहा कि हमारे जीवन को बचाने में पानी की बहुत आवश्यकता है परंतु इस बात अधिकारी नही समझ रहे है सिर्फ 1 रुपया के चावल से हम जी नही सकते न हमारे पास ओर कोई रोजगार है।हमसे कलेक्टर व मंत्री के द्वारा पूर्व में आश्वासन दिया गया था अगर वे आकर फिर से हमसे चर्चा करेंगे तो हम उनकी बातों पर विश्वास कर सकते है।वरना इसी तरह बैठे रहेंगे।
किसान फागु राम आल्हा ने बताया कि वर्तमान में किसान के पास कोई भी सिचाई का साधन नही है आज 44 साल के बाद भी अगर हमारी बातों को प्रशासन नही सुन रही हैं तो इसका क्या मतलब समझा जावे।चिरकन बांध बनने से 1000 एकड़ खेत सिंचित होंगे जिससे सैकड़ो गांव के किसानो को लाभ होगा।