राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) जिले के खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए बमुश्किल 12 दिन शेष है। भारतीय जनता पार्टी के कोमल जंघेल एवं कांग्रेस की श्रीमती यशोदा वर्मा के मध्य सीधा मुकाबला है। मतों के विभाजन में इस बार जोगी कांग्रेस एवं खैरागढ़ राजपरिवार का मत भी निर्णयक होगा। जोगी कांग्रेस के विधायक स्व. देवव्रत सिंह के कई वरिष्ठ एवं नजदीकी समर्थकों को पूछ परख का इंतजार है। वहीं दूसरी ओर चर्चाओं के अनुसार कथित तौर पर जिला साहू संघ की नाराजगी खैरागढ़ में साहू समाज के रूप में राजनीतिक पार्टी के लिए नुकसान साबित हो सकती है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस की सरकार होने से मुख्यमंत्री सहित आधा दर्जन मंत्री, कई विधायक, प्राधिकरण के पदाधिकारी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता क्षेत्र में पहुंचते दिख रहे हैं। लेकिन नगर पालिक परिषद खैरागढ़ में चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेसियों के मध्य पसरा सन्नाटा चर्चाओं के अनुसार आज भी दिख रहा है। नगर पालिका परिषद क्षेत्र के कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं, पालिका परिषद के पार्षद व अन्य महत्वपूर्ण पदों में रहे कांग्रेस नेताओं की चुप्पी नवाज खान की खैरागढ़ नगर पालिका क्षेत्र में सक्रियता का प्रचार प्रसार कांग्रेस की चुनावी स्थिति को स्पष्ट करते नहीं दिख रहा है। आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई मंत्रियों, विधायकों, चुनाव प्रचार प्रभारी पहुंच रहे हैं। बताया जात है कि चुप्पी साधे कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का मौन संभवत मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद भंग हो सकता है। दबे स्वर में खैरागढ़ को जिला बनाने की बात भी चर्चाओं में दिख रही है।
खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र का आधा से अधिक हिस्सा पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र में आता है। जिसमें लोधी एवं साहू की बाहुल्यता चुनाव परिणामों पर असर डाल सकती है। कांग्रेस के जिम्मेदार नेता, मंत्री खैरागढ़ में डेरा डाले हुए है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल व कुछ पूर्व मंत्री, संगठन के पदाधिकारी अपने शक्तिों से मंडल तक पार्टीजनों को सक्रिय करने साल्हेवारा गंडई, छुईखदान, खैरागढ़ में पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। संगठन की सक्रियता में कांग्रेस को अभी पूरी ताकत झोंकने में समय लगेगा। कांग्रेस प्रवेश की चर्चाएं हो रही है। लेकिन अभी भी जोगी कांग्रेस के विधायक श्री देवव्रत सिंह के नजदिकियों कांग्रेस सुध लेने में विलंब करते दिख रही है।
वैसे तो सरकार के गोपनीय विभाग सरकार तक जानकारियां भेज रहे होगे। लेकिन 15 वर्ष तक सरकार में रही भाजपा के जमाने के कुछ प्रमुख रणनीतिकार गोपनीय विभाग में रहे, कुछ लोगों की सक्रियता सत्तापक्ष के लिए समय आने पर कान खड़े करने वाली बात भी चर्चाओं में हो सकती है। जहां तक पार्टी प्रत्याशियों की बात है भाजपा में सर्वाधिक नाराजगी विक्रांत सिंह सहित कुछ नेताओं की दिख रही है। जिसे मनाने की प्रयासों की चर्चा हो रही है। इसकी तुलना में सत्ता पक्ष व कांग्रेस में जहां लगभग दर्जनभर दमदार नेताओं ने प्रत्याशी बनने की प्रस्तुति पार्टी के समक्ष रख दी थी। ऐसे लोगों की नाराजगी कम करने का प्रयास फिलहाल सत्ता पक्ष की ओर नहीं दिख रहा है। असंतुष्ठ व नाराज तथाकथित कुछ नेताओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि जब बाहर की नेता को खैरागढ़ नगर पालिका क्षेत्र का प्रभार दिया, श्रेय भी उन्हें ही मिलेगा। इसलिए फिलहाल वे चुप ही रहना पसंद करेंग।