राजनंादगांव। (अमर छत्तीसगढ़) छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के अंतर्गत आने वाले खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा उपचुनाव में आज कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती यशोदा निलाम्बर वर्मा 20 हजार 67 मतों से विजयी हुई। निकटतम प्रतिद्ववंदी भाजपा के कोमल जंघेल बुरी तरह से पराजित हुए। अन्य प्रत्याशियों में जनता कांग्रेस जोगी के प्रत्याशी नरेन्द्र सोनी सहित 8 लोगों के जमानत को लेकर प्रश्न चिन्ह लग गया।
चुनाव परिणाम गिनती 21 राउड चली। एक दो राउड छोडक़र लगभग सभी राउड में कांग्रेस की यशोदा वर्मा आगे रही। चुनाव परिणाम के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुनाव पूर्व घोषणा की थी। राजनंादगांव से अलग होकर खैरागढ़ छुईखदान, गंडई जिला बनाया जायेगा। इसकी प्रक्रिया भी कल 17 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। श्री बघेल ने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये हैं। खैरागढ़ विधानसभा उपचनुाव को लेकर प्रचार प्रसार चुनावी सभाओं में केन्द्रीय मंत्रियों के साथ ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई नेता पहुंचे थे।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनके निकटतम सहयोगी छत्तीसगढ़ राज्य खनिज निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने छुईखदान ब्लाग में अपनी लगातार उपस्थिति दी। भूपेश मंत्रिमंडल के लगभग सभी मंत्री , कई विधायक, संगठन के प्रमुख तथा प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत ने प्रचार प्रसार में महत्ती भूमिका निभाई। सर्वाधिक सुखद व अच्छी बात यह रही कि खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र का काफी बड़ा हिस्सा वन नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है। कई संवेदनशील व अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्र भी रहे है। शांतिपूर्ण मतदान के लिए कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी तारण प्रकाश सिन्हा, पुलिस अधीक्षक ंसंतोष सिंह, अपर कलेक्टर सीईओ जिला पंचायात लोकेश चंद्राकर, अपर कलेक्टर एडीएम सी. एल. मारकण्डे व उनके मातहत व पूरी टीम ने काफी सजगता, जागरूकता प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचा, स्थितियों पर नजर रखने की वजह से पिछले एक माह में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना, असंतोष, आशांति की स्थिति नहीं रही। चुनाव परिणाम आने के साथ ही आज सभी स्थानों पर जशन का माहौल है। किसी समय में सबसे बड़ा जिला रहने वाला राजनांदगांव अब तीसरे भाग में बंट रहा। इसके पहले राजनांदगांव से अविभाजित होकर कवर्धा बना, भूपेश सरकार मोहला, मानपुर दिया और अब यह कल से खैरागढ़, छुईखदान, गंडई नया जिला विभाजित होकर क्षेत्रवासियों को राजनांदगांव आने की परेशानी से बचने का स्थाई अवसर मिल जावेगा।
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के हुए मतगणना में कांग्रेस, भाजपा, जनता कांग्रेस जोगी के प्रत्याशी सहित 10 लोगों का भाग्य बंद पेटी से बाहर आया है। कांग्रेस जो कि तीसरा चुनाव 2018 में तीसरे स्थान पर रही थी। उसमें अपना हिसाब चुकता करते हुए यशोदा वर्मा को आज 20 हजार 67 मतों से विजयी बनाकर भाजपा को भी बड़ा झटका दिया है। पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में कोमल जंघेल, जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी विधायक स्व. देवव्रत सिंह के मात्र से 870 वोट से ही पराजित हुए थे। कांग्रेस का यह दांव खैरागढ़ को जिला बनाने व नये जिले के अंतर्गत आने वाले छुईखदान, गंडई, साल्हेवार, जालबांधा सहित दर्जन भर गांवों को विकास की दिशा में जोडऩे 28 मांगों की घोषणा मुख्यमंत्री पहले ही कर चुके हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जिला बनाने की महत्वपूर्ण घोषणा ने जहां भाजपा सहित सभी विपक्षी पार्टियों को हठप्रभ कर दिया। वैसे भी श्री बघेल का साढ़े तीन वर्ष का कार्यकाल आमजनता के बीच पहुंचने का एक सफल प्रयास भी रहा है। इसका परिणाम इस चुनाव में देखा गया है। डेढ़ वर्ष बाद होने वाले विधानसभा आमचुनाव में कांग्रेस के वापसी के संकेत अभी से मिलते दिख रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी भूमिका मुख्यमंत्री की छत्तीसगढ़ संस्कार, संसकृति, खान-पान रहन सहन, तीज त्यौहारों को अवसर देना प्रमुख रहा है। राजनंादगांव जिले में फिलहाल 6 विधानसभा क्षेत्र है। कांग्रेस को सभी सीटों को बचाये रखने के लिए अभी से प्रचार प्रसार, संपर्क, पार्टी में कथित असंतोष व निर्विरोध छवि के प्रत्याशियों के ढूंढने की आवश्यकता है। राजनांदगांव नगर निगम सहित जिले के भौगोलिक स्थिति से वरिष्ठ कांग्रेस नेता गिरीश देवांगन की भूमिका अब तक काफी महत्वपूर्ण रही है। संभव है उन्हें पार्टी आगे भी राजनांदगांव नगर व जिले की जिम्मेदारी प्रत्याशी चयन को लेकर सौंपे तो सत्ता पक्ष के लिए बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने आ सकती है। ऐसी चर्चाएं लगातार विभिन्न क्षेत्रों में हो रही है। वहीं भाजपा को भी इस पराजय को गंभीरता से लेने के लिए चिंतन, मनन की आवश्यकता संभावित है।