कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकरण ने दी अनुमति
रायपुर(अमर छत्तीसगढ़), 20 अप्रैल 2022/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के विशेष प्रयास के चलते छत्तीसगढ़ के राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था, रायपुर (सी.जी.ओ.सर्ट.) को जैविक रूप से पैदा किये उत्पाद का पंजीयन करने एवं देश की अधिकृत संस्था से परीक्षण कराकर जैविक उत्पाद के रूप में सर्टिफाईड करने अनुमति कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकरण (अपेडा) से प्राप्त हो गयी है। मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री ने इसके लिए राज्य के किसानों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ जैविक खेती की ओर और तेजी आगे बढ़ेगा।
छत्तीसगढ़ के कृषक अब राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था में जैविक फसल के रूप में पंजीयन कराकर सर्टिफाईड फसल उपज को अब प्रदेश के बाहर एवं देश के बाहर विक्रय कर सकेंगे। प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ़ राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था के अपर संचालक ए.बी. आसना ने बताया कि जैविक उत्पाद के प्रमाणीकरण की मान्यता मिलने से राज्य के किसानों को इसका बहुत लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि विदेश में छत्तीसगढ़ राज्य के सुगंधित चावल, फोर्टिफाईड राईस, कोदो, कुटकी, रागी की डिमांड बढ़ी है। जैविक खेती के माध्यम से उत्पादित सुगंधित चावल, कोदो, कुटकी, रागी का प्रमाणीकरण कराकर यदि विदेशों में इसकी सप्लाई की जाए, तो किसानों को 10 गुना से लेकर 100 गुना से भी अधिक कीमत मिलेगी। जिसका सीधा फायदा किसानों होगा और देश को विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होगी।
छत्तीसगढ़ प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है। प्रदेश में लघु धान्य फसलों जैसे कोदो, रागी एवं कुटकी, सुगंधित चावल जैसे जीरा फूल, देवभोग, जवा फूल आदि का उत्पादन होता है। छत्तीसगढ़ के ऐसे जैविक कृषि उत्पादों की मांग देश एवं विदेशों में भी बहुत अधिक होने लगी है। जैविक उत्पाद के प्रमाणीकरण की मान्यता मिल जाने से किसानों को सुविधा होगी और इसका लाभ उठाकर किसान जैविक खेती की ओर प्रेरित और प्रोत्साहित होंगे।