जहां शांति है, वहां सुख है जहां सुख है, वहां समृद्धि है और वही परिवार, समाज, देश, राष्ट्र में अपना परचम लहराता है -युवाचार्य श्री महेंद्र ऋषि

जहां शांति है, वहां सुख है जहां सुख है, वहां समृद्धि है और वही परिवार, समाज, देश, राष्ट्र में अपना परचम लहराता है -युवाचार्य श्री महेंद्र ऋषि

दुर्ग(अमर छत्तीसगढ़) बांधा तालाब के परिसर आनंद संमवशरण में आज रविवार को विशेष प्रवचन श्रृंखला में ऐसा हो मेरा घर विषय पर संबोधित करते हुए श्रमण संघीय युवाचार्य श्री महेंद्र ऋषि ने कहा जीवन में शांति परम आवश्यक है कई बार परिवार में सुख और दुख के कारण भी हम ही होते हैं ।

समूह में जीने वाले लोगों के जितनी शांति के साथ जीवन जिएंगे उतना ही आगे से आगे विकास करेंगे अपने जीवन में आगे बढ़ेंगे वहां शांति हो वहां प्रतिष्ठा को समाज का प्राणी है तो वैसे ही समाज का सबसे छोटा यूनिट आज की भाषा में वैसे हमारी प्रचलित हिंदी में हम उसे इकाई कहते हैं परिवार में शांति है तो समाज में हे समाज में है तो शहर में है शहर में है तो राज्य में है और जो राज्य में है तो राष्ट्र में है नजर ने नजर में हर राज्य में राज्य में जो राष्ट्र में है ।
हमें उदासीनता वाली शांति नहीं आनंद देने वाली शांति की आवश्यकता है जो घर को स्वर्ग बना सकती हैं घर को मंदिर बना सकती है ।
परिवार में अगर प्रसन्नता वाली शांति है तो वहां दवा और दवाई की कभी जरूरत नहीं पड़ती ।
आजकल घरों में मोबाइल वाली शांति हमें देखने को मिलती है वहां पर चुप तो सभी होते हैं लेकिन वह शांति उदासीनता वाली शांति होती है ।


वहां पर सभी का मन एक विशेष प्रकार से उदासीनता से भरा होता है जो परिवार में दुख का कारण बनता है ।
अगर परिवार में शांति है तो उसके समृद्धि का कारण भी हे जहां शांति है वहां सुख है जहां सुख है वहां समृद्धि है और वही परिवार समाज में देश में राष्ट्र में अपना परचम लहराता है

साधु संतों का सह जोड़े व परिवार के साथ दर्शन

गुरु भगवंत तो की प्रेरणा से प्रवचन के पश्चात दिन भर पति पत्नी से जोड़ें सह जोड़े गुरु भगवंतो के दर्शन वंदन से लिए भवन आते हैं इसी तरह परिवार के बड़े बुजुर्ग अपने परिवार को साथ लेकर गुरु भगवंत ओके दर्शन वंदन के लिए जय आनंद मधुकर रतन भवन प्रतिदिन पहुंच रहे हैं जिनमें संचेती परिवार श्री श्री माल परिवार पारख परिवार छाजेड़ परिवार सुराणा परिवार अपने परिवारिक सदस्यों के साथ गुरु भगवंतो का से मंगल पाठ श्रवण कर रहे हैं

12 घंटे का नवकार जाप जय आनंद मधुकर रतन भवन में

चातुर्मास लगने के बाद से ही जय आनंद मधुकर रतन भवन में नवकार महामंत्र का जाप प्रातः 6:00 बजे से संध्या 6:00 बजे तक निर्विघ्नं चल रहा है
छत्तीसगढ़ प्रवर्तक श्री रतन मुनि महाराज के स्वास्थ्य लाभ को लेकर नवकार महामंत्र की आराधना अनुष्ठान जय आनंद मधुकर रतन भवन में चल रहा है आज के जाप के प्रभारी परिवार प्रसन्न चंद भंडारी परिवार थे

गुरुदेव के मंगल पाठ के साथ तपस्या प्रारंभ

सुलेखा संचेती, वर्धमान बोहरा, युक्ति बोहरा, अमन सुराणा, रोमा पारख, हर्ष झाबक बड़ी तपस्या की ओर अग्रसर है

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