राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 19 जुलाई। जैन संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि आज हम भौतिक सुविधाओं में इतने घिर चुके हैं कि हम इसके बिना जीने की कल्पना ही नहीं कर सकते। मुनि श्री ने भौतिक सुविधाओं को लेकर कहा कि हम यह नहीं जानते कि हम बटन दबा रहे हैं और पाप कमा रहे हैं। मोबाइल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक वस्तु आज हमारे लिए आवश्यक वस्तुएं बन गई है जबकि यही वस्तुएं हमारे लिए पाप का कारण बन रही है।
संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि आधुनिक संपन्नता को देखकर हम मुग्ध हो जाते हैं। मोबाइल से लेकर इलेक्ट्रिक सिटी से अग्निकाय के जीवो की विराधना होती है। यह चीजें सुविधाजनक अवश्य लगती हैं लेकिन यह हमारी सारी दिनचर्या को अवस्थित कर देती हैं। एक बार मोबाइल में कुछ आया कि नहीं, हम उसे कई ग्रुपों में फॉरवर्ड कर देते हैं। अच्छी चीजों को हम फॉरवर्ड तो करते ही हैं , बुरी चीजों को, जो समाज के लिए हानिकारक हो सकती है, उसे भी हम फॉरवर्ड कर देते हैं। यह मैसेज कई ग्रुपों में चले जाता है और समाज को इससे काफी नुकसान भी पहुंचता है। उन्होंने कहा कि अच्छी चीजों को फॉरवर्ड करें किंतु उसे अपने भीतर फॉरवर्ड करें। यदि हम ऐसा करेंगे तो हमारा जीवन सुधर जाएगा। मुनि श्री ने कहा कि आज जितनी बीमारियां बढ़ रही हैं,उसका सबसे बड़ा कारण मोबाइल ही है। मोबाइल का रेडिएशन शरीर को नुकसान पहुंचा रहा है और हमें बीमार कर रहा है। उन्होंने कहा कि कई लोग तो दो-दो, तीन-तीन मोबाइल भी रखते हैं जबकि हमारा काम एक मोबाइल से भी चल सकता है ।उन्होंने कहा कि अति मत कीजिए।
मुनि श्री ने आगे फरमाया कि छोटी छोटी बातें कई बार बड़ी बातें बन जाती है। हम भौतिक संपन्नता देखकर मुग्ध हो जाते हैं और हम मन की संपन्नता को देखना जरूरी नहीं समझते जो बाद में हमारे लिए नुकसानदायक साबित होती है। उन्होंने कहा कि छोटे से छोटे कार्यों को करने से पहले घर के बुजुर्गों की राय अवश्य लेनी चाहिए, इससे वह कार्य सफल होता है। बुजुर्गों का अनुभव हमें असफल नहीं होने देता। उन्होंने कहा कि जिस घर में छोटे बड़ों के सामने में बात करने लगते हैं, उस घर में अशांति का वातावरण निर्मित हो जाता है। बड़ों का मान करें और हर कार्य में उनकी सलाह अवश्य लें। यह जानकारी एक विज्ञप्ति में विमल हाजरा ने दी।