समता भवन में जैन संत का प्रवचन
राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 31 जुलाई। जैन संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि भगवान से जुड़ी हर चीज उत्तम भावना की हो जाती है। उन्होंने कहा कि हम पुण्यवाणी तो कमाते हैं किंतु इसे छोटे-छोटे चीजों में खर्च कर देते हैं और जहां बड़ी पुण्यवाणी खर्च करने का समय आता है वहां हमारे पास उतनी पुण्यवाणी बची नहीं रहती। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों में पुण्यवाणी खर्च ना करें, इसे संग्रहित कर रखें।
समता भवन में अपने नियमित प्रवचन के दौरान संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि हम पुण्यवाणी को बचा कर रखें जो समय पर हमारे काम आएगी। उन्होंने कहा कि दान कीजिए। दान करने से चीजें बढ़ती है। ज्ञान का दान करने से ज्ञान बढ़ता है। उन्होंने कहा कि आपका सहयोग ही आपका सबसे बड़ा दान हैं। यदि कोई दान दे रहा है तो अंतरात्मा से उसकी अनुमोदना करें। उन्होंने कहा कि जिस घर में बच्चों के अच्छे संस्कार परिलक्षित होते हैं , मान लीजिए उस घर के माता पिता जागरूक है। बच्चों को अच्छे संस्कार दीजिए ।
संत श्री ने फरमाया कि हम छोटी-छोटी बातों पर अपनी शांति भंग कर देते हैं। छोटी-छोटी बातों को लेकर घर में महासंग्राम हो जाता है। हम समझदार बने और उन छोटी-छोटी बातों पर ज्यादा ध्यान ना दें जिससे कि हमारी शांति /समाधि भंग हो सकती है। हम समझदार बनने का प्रयास करते हैं किंतु समझदार होते नहीं हैं और जहां बोलने की आवश्यकता होती है वहां भी हम चुप हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि समझदार बने और मन की समाधि प्राप्त करने के लिए प्रयास करें। यह जानकारी एक विज्ञप्ति में विमल हाजरा ने दी।