रक्षाबंधन के पावन पर्व को जैन विधि विधान से साध्वी सन्मति जी के सानिध्य में   हर्ष और उल्लास के वातावरण में मनाया गया

रक्षाबंधन के पावन पर्व को जैन विधि विधान से साध्वी सन्मति जी के सानिध्य में हर्ष और उल्लास के वातावरण में मनाया गया

दुर्ग (अमर छत्तीसगढ़) रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जैन विधि विधान से छत्तीसगढ़ प्रवर्तक श्री रतन मुनि जी महाराज के आशीर्वाद एवं युवाचार्य भगवंत एवं साध्वी सन्मति जी के सानिध्य में आनंद समवशरण के प्रांगण में भाई बहनों का पवित्र त्यौहार हर्ष और उल्लास के वातावरण में मनाया गया । जिसमें आज बड़ी संख्या में सभी उम्र की भाई बहन विशेष रुप से उपस्थित थे । जैन रक्षा सूत्र के वाचन जप अनुष्ठान के साथ बहनों ने भाई की कलाई पर रेशम की डोरी राखी बांधी यह अनुष्ठान 30 मिनट तक चला ।


प्रचार प्रसार प्रमुख नवीन संचेती ने बताया कि इस अवसर पर 8 लकी ड्रा निकाले गए जिसके लाभार्थी परिवार मदनलाल एवंता कुमार छाजेड़ परिवार थे ।

युवाचार्य भगवंत का आज का प्रवचन भाई बहन के पवित्र रिश्तो को लेकर रक्षाबंधन पर केंद्रित था । उन्होंने कहा यह जो रेशम की डोर है इसमें एक अद्भुत क्षमता है और यह रेशम का डोर पवित्र भावनाओं को पवित्र बंधन में बांधता है । इसमें इतनी ताकत होती है जो एक भाई बहन की जीवन पर्यंत साथ निभाते हुए रक्षा करता है । आज धर्म सभा में श्रीमती रचिता श्रीश्रीमाल संजय कोठारी विक्रम पारख स्वीटी पारख कुमकुम सुराणा ने बड़ी तपस्या के युवाचार्य भगवंत से संकल्प लिए ।


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