रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) संयम मार्ग की ओर अग्रसर हो रही मुमुक्षु मुस्कान बाघमार की जो कि अनिल कांकरिया की नातिन है। भागवती दीक्षा आगामी 28 नवंबर को रायपुर में संपन्न होगी! मुमुक्षु मुस्कान का दीक्षा के पूर्व ननिहाल में रविवार को स्थानकवासी जैन श्रावक संघ एवं कांकरिया परिवार द्वारा भव्य शोभायात्रा के साथ अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया ।
इस दौरान जैन स्थानक भवन में विराजित गुरु शीतल राज जी मसा ने भक्तों को प्रेरणा देते हुए कहा कि सामायिक की महिमा को समझे! मुमुक्षु बहन अपनी आत्मा के कल्याण के लिए त्याग मार्ग पर आगे बढ़ रही है जीवन भर की सामायिक की आराधना ग्रहण करेगी। जिस तरह कीचड़ में रहकर भी कमल की सुंदरता के साथ कीचड़ की गंदगी उसे छू नहीं पाती इसी तरह हमें त्याग में रहकर जीवन को सवारना चाहिए !मुमुक्षु मुस्कान ने कहा कि मेरे गुरु आचार्य श्री विजयराज जी मसा हमेशा कहते हैं कि सपने पूरे नहीं होते और संकल्प पूरा किया जा सकता है ।
जीवन में मेरी धर्म में रूचि नहीं थी !मैं इंटीरियर डिजाइनर बनने का सपना देख रही थी पर अब संकल्प पूरा हो रहा है मैं संयम लेकर मोक्ष मार्ग की राह पर जा रही हूं इस अवसर पर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ मुस्कान बाघमार अब का अभिनंदन किया गया !वीरपिता संतोष बाघमार वीरमाता अलका बाघमार एवं नाना अनिल कांकरिया नानी अंजू कांकरिया का एवं मुमुक्षु के बड़े पिताजी मानकचंद बाघमार एवं अशोक बाघमार का भी संघ की ओर से बहूमान किया गया!इस अवसर पर मूर्तिपूजक संघ के मैनेजिंग ट्रस्टी अजय लुनिया जैन श्रावक संघ के प्रमुख सोहन वैद्य वीर पिता संतोष बाघमार श्रीमती खुशबू कांकरिया मोहनी बागरेचा ने अपने विचार रखें कैलाश चौरडिया ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया और श्रेयांस वैद्य सभा का संचालन इसके बाद दोपहर में वैद्य लान में कांकरिया परिवार की ओर से मुमुक्षु का अनुमोदन अभिनंदन का कार्यक्रम संपन्न हुआ!