पर्युषण पर्व के चौथे दिन
बिलासपूर (अमर छत्तीसगढ़)। जैन समाज के द्वारा पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व 2022 का शनिवार को बड़ी संख्या में समाज के लोग व्यापार विहार चोपड़ा भवन, उपाश्रय टिकरापारा एवं वैशाली नगर में सुबह शांति कलश की पूजा, सामायिक, प्रवचन, कल्पसूत्र के कार्यक्रम, दोपहर में धर्म चर्चा शाम को प्रतिक्रमण, भक्ति एवं आरती में बच्चे, महिलाओं, पुरुषों के द्वारा कई जैन धार्मिक भक्ति गीत प्रस्तुत किया गया ।
जैन समाज के अमरेश जैन ने बताया कि पर्युषण महापर्व के शनिवार को तारबाहर स्थित चोपड़ा भवन में सुबह दादा गुरुदेव की विशेष पूजा की। वेशभूषा धारण कर स्तवन कुलनायक पूजा, शांति कलश पूजा, मंगल दीपक सहित कई धार्मिक आयोजन संपन्न हुए । समाज की श्रीमती ज्योति चोपड़ा एवं श्रीमती पुष्पा श्रीश्रीमाल द्वारा कल्प सूत्र का वाचन किया गया । पर्यूषण पर्व के चौथे दिन वाणी संयम दिवस के रूप में मनाया गया । वहीं गुजराती जैन समाज का टिकरापारा में उपासिका बहनों के द्वारा प्रवचन, वैशाली नगर हूल्लास चंद गोलछा के निवास में तेरापंथ समाज का पर्व संपन्न हो रहा है ।
रात्रि में जैन समाज के श्रावकों में अभिनव डाकलिया, प्रवीण कोचर, अतुल्या, प्रवीण गोलछा, प्रमिला चोपड़ा, पूर्णिमा सुराणा, संगीता चोपड़ा, राखी शिल्पी डाकलिया,अंकिता पुगलिया ने एक से बढ़कर एक भक्ति गीत प्रस्तुत कर पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया । पर्युषण पर्व में प्रतिदिन बोली लगाई जा रही है ।
इस अवसर पर विमल चोपड़ा, संजय कोठारी, नरेंद्र मेहता, सुभाष श्रीश्रीमाल, संजय छाजेड़, अमरेश जैन, अंजलि मेहता, राशि, इच्छा, मौली, नक्श, पंखुड़ी, प्रखर सहित समाज के लोग उपस्थित थे।
महावीर जन्म वांचन दिवस रविवार को
श्री जैन श्वेतांबर श्रीसंघ अध्यक्ष जैनेंद्र डाकलिया ने बताया कि पर्युषण महापर्व के पांचवे दिन रविवार को चोपड़ा भवन तारबाहर में भगवान महावीर जन्म वांचन दिवस रविवार को* मनाया जाएगा । भगवान महावीर क्षत्रिय कुंडलपुर के राजा सिद्धार्थ मां त्रिशला देवी के पुत्र हुए । इस अवसर पर समाज के लोगों द्वारा विधिवत पूजा आरती के पश्चात 14 स्वप्नों की बोली लगाई जाएगी । 14 स्वप्नों जो महावीर के जन्म से पहले माता त्रिशला ने देखे उसमें स्वप्न श्वेत वृषभ, श्वेत हस्तो, केसरी सिंह, लक्ष्मी, पुष्पमाला, चंद्र मंडल, सूर्य, महा ध्वज, कलश, पदम सरोवर, झीर समुद्र, देव विमान, रत्न राशि, जालवल्यमान, अग्नि शामिल है । रात्रि में 108 दीये से महाआरती की जाएगी ।
स्थानकवासी जैन समाज टिकरापारा
श्री दशाश्रीमाली स्थानकवासी जैन समाज में अहमदाबाद से पधारे बहनों ने प्रवचन के माध्यम से बताया कि मनुष्य से किसी भी प्रकार की गलती या भूल होने पर उसका प्रायश्चित तुरंत ही कर लेना चाहिए यदि वह अपने उस गलती को छुपाना चाहता है तो ऐसा करने पर कर्म बंध उसके जीवन में बनता चला जाता है और ऐसे में ना चाहते हुए भी बुरे कर्म होते रहते हैं और बुरे कर्मों के कारण उसका जीवन मैं उथल-पुथल चलता रहता है सुखचैन हो जाता है जिसके कारण परिवार भी दुखी हो जाता है इसलिए मनुष्य को कभी भी किसी भी व्यक्ति का बुरा नहीं चाहना चाहिए और ना ही बुरा करना चाहिए।
यदि आप दूसरों के प्रति हमेशा अच्छा ही करेंगे तो देर से ही सही आपके साथ भी अच्छा ही होगा।
इसीलिए प्रत्येक मनुष्य को प्रतिज्ञा लेनी चाहिए कि मैं हमेशा दूसरों को सहयोग करूंगा और कभी भी दूसरों का बुरा नहीं चाहूंगा।